मन्त्र संजीवनी…1
दूसरों की भी समस्याओं को तिनके की तरह उड़ा देने की पावर
सभी अपनों को राम राम
मन्त्र संजीवनी उपचार शास्त्र काल से होता आया है।
दैत्यगुरु शुक्राचार्य तो मृत संजीवनी से मरे हुए लोगों को जिंदा कर दिया करते थे।
एक सफल मन्त्र संजीवनी उपचारक अपनी ही नही दूसरों की भी समस्यायों को तिनके की तरह उड़ा सकता है।
वेद – पुराणों में इसका विभिन्न रूपों में वर्णन है।
कालांतर में इसे भुला दिया गया।
कलियुग के इस काल में ऊर्जा गुरुओं द्वारा पुनः इस विज्ञान का उपयोग आरम्भ हुआ है। रेकी, प्राणिक हीलिंग और ऐसे ही तमाम बदले हुए स्वरूपों में लोग विश्व स्तर पर इसका लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं।
संजीवनी उपचार के मूल स्वरूप से अलग होने के कारण उन विधाओं में एनर्जी की जानकारी तो है, परन्तु वहां विद्वानों द्वारा कल्पना शक्ति का सहारा अधिक लिया गया है, कल्पना शक्ति हमेशा फलित हो ऐसा कभी नही होता। यही कारण है कि इन दिनों ऊर्जा उपचार की प्रचलित विधाओं में वह लाभ नही मिल पा रहा जिसके लिये लोग उपचार का सहारा लेते हैं।
मन्त्र संजीवनी उपचार में कल्पना शक्ति की बजाय मन्त्र शक्ति का उपयोग किया जाता है। शुक्राचार्य भी मृत संजीवनी में मन्त्र शक्ति का उपयोग करते थे।
मन्त्र शक्ति का परिचय देने की आवश्यकता नही। इसका कब, कहाँ और कितना उपयोग किया जाए, यह मालूम हो तो चमत्कार रचा जा सकता है।
शिवप्रिया जी ने अपनी उच्चतर अकेडमिक शिक्षा में लोगों के मन-मस्तिष्क का इलाज करने के लिये साइकोलॉजिस्ट की शिक्षा हाशिल की है।
अपनी शिक्षा के दौरान उन्होंने मन्त्र संजीवनी पर भी व्यापक अनुसंधान किया है। किस तरह की समस्या पर मन्त्र शक्ति का कैसा उपयोग हो, यह उनके अनुसंधान का विषय रहा है।
अब लंबे अनुसंधान के उपयोग की बारी है।
वे मुम्बई आश्रम में मन्त्र संजीवनी की वर्कशॉप आरम्भ कर रही हैं।
मेरा निजी विश्वास है कि सतयुग, त्रेता, द्वापर की तरह कलियुग में भी मन्त्र संजीवनी लोगों का जीवन बदलने में सक्षम है। लोग इसके उपयोग से सांसारिक सुखों का भोग करते हुए मोक्ष तक कि राह सुनिश्चित कर सकते हैं।
हलांकि यह उच्चतर स्तर का विषय है।
सबको ऐसी उच्चतर विद्याओं के अवसर नही मिलते।
जिसे अवसर मिले वे इसे सीखकर अपना और दूसरों का जीवन सुखमय बनाएं।
*सबका जीवन सुखी हो*
*यही हमारी कामना है*
शिव शरणं
मन्त्र संजीवनी हेल्पलाइन- 9250500800
(Only wtsap)