हिंगलाज गुटिका प्रयोग…4

भाग्योदय के लिये गुटिका को लॉकेट बनाकर धारण करें

सभी अपनों को राम राम
कुछ साधकों ने भाग्योदय, वैवाहिक सुख, बच्चों की पढ़ाई, व्यक्तित्व में निखार और आकर्षण के लिए हिंगलाज गुटिका के प्रयोग का विधान पूछा है।
हिंगलाज गुटिका सदैव देवी शक्ति की उर्जाओं से जुड़ी रहती है. संशय मुक्त विश्वास और आस्था के साथ अपनाये जाने पर इसके प्रयोग अचुक होते हैं. अनगिनत आस्थावान लोगों ने इसके प्रयोग से भाग्योदय प्राप्त किया है। विवाह की रुकावटें दूर की हैं। अपने व्यक्तित्व को सम्मोहक बनाया है। बच्चों के मन-मस्तिष्क को पढ़ाई में स्थिर किया है।
इसके लिये हिंगलाज गुटिका को सोने या चांदी में लॉकेट बनाकर गले में धारण किया जाता है। धारण करने का विधान बता रहा हूँ, ध्यान से समझें और अपनाएं।
भाग्योदय के लिये हिंगलाज गुटिका का प्रयोग…
गुटिका का सोने या चांदी में लॉकेट बनवा लें।
एक बर्तन में पानी ले लें. उसमें थोड़ा नमक मिला दें। हिंगलाज गुटिका को उसमें धो लें। फिर सादे पानी से धो लें। उसके बाद लॉकेट को 2 घण्टे के लिये धूप में रख दें। उसके बाद लॉकेट को हाथ में लेकर बैठ जाएं। फिर निम्न प्रकार देव आग्रह करें।
भगवान शिव से आग्रह करें. कहें- देवों के देव महादेव मेरे गुरूदेव आपको मेरा प्रणाम है. आप मेरे मन मंदिर में विराजमान हों. आपको साक्षी बनाकर मै हिंगलाज गुटिका का उपयोग भाग्योदय और आकर्षक व्यक्तित्व के लिये कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु आप मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें.
आपका धन्यवाद.
महाशक्ति से आग्रह करें. कहें- हे परमेश्वरी भगवान शिव के साथ मेरे मन मंदिर में विराजमान हों. आपको मेरा प्रणाम. अपने गुरूदेव भगवान शिव को साक्षी बनाकर भाग्योदय हेतु हिंगलाज गुटिका का प्रयोग कर रहा हूं. मेरे लिये सिद्ध इस हिंगलाज गुटिका को अपनी शक्तियों से जोड़े रखें. मेरा भाग्योदय करें। मुझे सफल और सुखी कर्मयोगी बनाएं।
आपका धन्यवाद.
लॉकेट में लगी हिंगलाज गुटिका से आग्रह करें. कहें- हे दिव्य हिंगलाज गुटिका आपको मेरा नमन है. आप महाशक्ति की उर्जाओं को धारण करें. मेरी भावनाओं के साथ जुड़ कर मेरे लिये सिद्ध हों. मुझे हर क्षण महाशक्ति की उर्जाओं से जोड़कर रखें. मेरे द्वारा किये जा रहे भाग्योदय और आकर्षण प्रयोग को शुद्ध, सिद्ध और सुफल करें. मुझे तन,मन,धन से स्वस्थ सुखी सुरक्षित बनाएं।
आपका धन्यवाद.
देव आग्रह के बाद लॉकेट को मजबूत धागे डालकर गले में धारण करें। बाद में किसी जरूरतमंद को भोजन दें.
लॉकेट धारण करते समय ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महामाये नमः मंत्र का जप करते रहें. लॉकेट धारण करके रोज कम से कम 10 मिनट इस मन्त्र का मानसिक जप करें।
शिव शरणं

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