पूरी धरती पर राक्षस का कब्जा: तीर्थो में ताले

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【कोरोना एक परजीवी राक्षस है। जो इंसान के मुंह और नाक के जरिये शरीर के भीतर घुस जाता है। वहां जीवन शक्ति के केंद्र सेल्स को खाता है। इस कारण सेल्स से बने टिश्यूज क्षतिग्रस्त होते हैं। यह प्रक्रिया देर तक चले तो परिणाम मृत्यु के रूप में सामने आता है।】

सभी अपनों को राम राम।
सभी साधकों को वैशाखी की शुभकामनाएं!
एक और त्योहार महामारी का शिकार हुआ। घर में रहकर त्योहार मनाएं। सुरक्षित रहें। खुश रहें।
शास्त्रों में ऐसी कई घटनाओं का जिक्र मिलता है जब किसी राक्षस ने धरती पर कब्जा कर लिया। धरती पर हाहाकार मच गया। देवी देवता भी असहाय हो गए।
इस युग में एक बार फिर कोरोना नाम के अदृश्य राक्षस ने पूरी धरती पर कब्जा कर लिया है। चारो तरफ हाहाकार मचा है। दुनिया भर के देशों में 400 करोड़ से ज्यादा लोग भय से घरों में बन्द हैं। यहां तक कि धरती पर मौजूद सभी पूजा स्थलों में देवी देवता भी ताला बंद हो गए हैं। इस युग में यह पहली घटना है। जब हर धर्म के तीर्थों, वहां के देवी देवताओं को ताले में बन्द कर दिया गया।
यह बड़े संकट का काल है। तीर्थों और देवों से इंसान को जीवन शक्ति मिलती है। उन पर ताले पड़ गए हैं। ऐसे में राक्षसी शक्तियां बढ़ती रही हैं।
महासंकट में फंसी धरती पर देव शक्तियों का आवाहन होता रहे, उनका प्रवाह बना रहे। इसके लिये सभी साधक घरों में नियमित पूजा पाठ करें। महामारी निवारण साधना करें। लॉक डाउन के खाली समय में पूजा आराधना में अधिक समय बिताएं।
कोरोना एक परजीवी राक्षस है। जो इंसान के मुंह या नाक के जरिये शरीर के भीतर घुस जाता है। वहां जीवन शक्ति के केंद्र सेल्स को खाता है। इस कारण सेल्स से बने टिश्यूज क्षतिग्रस्त होते हैं। यह प्रक्रिया देर तक चले तो परिणाम मृत्यु के रूप में सामने आता है।
इससे बचने के लिये दो बातों पर विशेष ध्यान दें। पहले तो इसे अपने पास तक आने ही न दें। इसके लिये सोसल डिस्टेंसिंग सबसे कारगर विधि है। अनजाने में कोरोना वायरस पहुंच भी जाये तो उसे मुंह नाक तक न पहुंचने दें। इसके लिये हाथों, कपड़ों को सक्षम तरीके से साफ करते रहें। जूते चप्पल हमेशा घर से बाहर ही रखें।
दूसरी बात यह कि सभी लोग अपने शरीर के सेल्स को मजबूत बनाये रखें। इसके लिये अपनी एनर्जी को उपचारित करें। जीवन शक्ति के केंद्र सेल्स का निर्माण प्राण ऊर्जा से होता है। इस ऊर्जा को उपचारित करके सेल्स का सक्षम रिजनरेशन होता है।
जो संजीवनी उपचारक हैं वे अपनी और अपनों की ऊर्जाओं को उपचारित करके शरीर में सेल्स का पुनर्जनन करते रहें। इसके लिये मूलाधार और विशुद्धि चक्र पर विशेष ध्यान दें।
जो संजीवनी उपचारक नही हैं वे प्राणिक स्वसन, प्राणायाम करके अपने शरीर के उर्जा सेल्स का रिजनरेशन करते रहें। सूर्य नमस्कार भी इसके लिये बहुत प्रभावशाली होता है। जिन्हें प्राणिक स्वसन या प्राणायाम, सूर्य नमस्कार आदि करना नही आता वे हर दिन 10 मिनट ताली बजाएं। और हाथ उठाकर हर हर महादेव करें। इससे ऊर्जाओं का स्तर बढ़ता है, सेल्स रिजनरेट होते हैं।

महामारी निवारण साधना
सभी साधक धरती के सभी लोगों की रोगों से रक्षा के लिये महामारी निवारण साधना तुरन्त आरम्भ करें।
ॐ ह्रौं जुं सः सर्व जनम पालय पालय सः जुं ह्रौं ॐ मन्त्र का जप हर दिन कम से कम 40 मिनट करें। समय, आसन, वस्त्र अपनी सुविधानुसार चुनें। माला का उपयोग नही करना है। घर के लोगों की सुरक्षा मजबूत हो, इसके लिये परिवार के अधिक से अधिक लोग मिलकर यह साधना करें।
इसके साथ ही परिवार में शांति सौहार्द्र बनाये रखें। इससे घर में लक्ष्मी जी टिकेंगी। अन्यथा आने वाला समय बड़े आर्थिक संकट का होगा। जिन घरों में इन दिनों कलह बढ़ेगी, उन घरों को भविष्य में भारी आर्थिक संकट से गुजरना पड़ेगा।
संजीवनी उपचारक हर दिन कम से कम 3 बार अंतरिक्ष में एनर्जी बॉल प्रक्षेपित करें। इसकी विधि पूर्व में बताई जा चुकी है। इससे धरती पर संजीवनी शक्ति का प्रवाह बढ़ेगा। संकट के बादल छटेंगे।
डिप्रेशन और मनोविकारों से बचने के लिये न्यूज अधिक समय न देखें। हल्के फुल्के प्रोग्राम ज्यादा देखें। सिर्फ सरकारी जानकारियों और निर्देशों पर ही विश्वास करें।
सबका जीवन सुखी हो
यही हमारी कामना है.
शिव शरणं!

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