Energy guru


संजीवनी उपचार के रचयतिा एनर्जी गुरु डा.राकेश आचार्या


imageएनर्जी रिपोर्ट की उत्कृष्ट खोज करने वाले एनर्जी गुरु डा.राकेश आचार्या को उर्जा उपचार की उल्लेखनीय सेवाओं के लिये इंटरनेशनल बोर्ड आफ अल्टरनेटिव मेडिसिन्स एण्ड नेच्युरोपैथी ने डाक्टर आफ अल्टरनेटिव मेडिसिन की उपाधि से सम्मानित किया है। ये बोर्ड वर्ड हेल्थ अर्गनाइजेशन के वैकल्पिक उपचार के डिक्लेरेशन 1962 के अनुरूप संचालित द ओपेन इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी आफ कम्प्लीमेंटरी मेडिसिंस के अंतर्गत काम करता है। पेशे से पत्रकार रहे एनर्जी गुरु डा. राकेश आचार्या जी ने लोगों को पाखंड से बचाने के लिये अध्यात्म के विज्ञान को लोगों के बीच व्यापक बनाने का अभियान चलाया है। इसके लिये उन्होंने मानव उर्जा विज्ञान को चुना। जन जन को इससे परिचित कराने का संकल्प लिया। ताकि लोग अध्यात्म की सच्चाई से अवगत हो सकें। और किसी बहकावे, फुसलावे में न आयें।

क्या उर्जा विज्ञान के उपाय  बदलते  रहते हैं… हां, जरुरत के मुताबिक इसकी तकनीक बदली जाती रही है। अलग अलग समय के ऋषियों, मुनियों व विद्वानों ने देश काल परिस्थितियों के अनुसार इन्हें अलग अलग तरीकों से अपनाया। उदाहरण के लिये बहुत साल पहले लोग मेडकिल साइंस की आधुनिक तकनीक को  ज्यादा नहीं जानते थे। तब उपचारक नाड़ी देखकर व दूसरे लक्षणों के आधार पर रोगों का पता लगाते थे। अब डाक्टर पैथोलाजिकल जांच, एक्सरे, एम.आर,आई, सिटी स्कैन, आदि जांचे कराकर मर्ज का पता लगाते हैं। तब जड़ी-बूटी,चूर्ण,भस्म, मिश्रण आदि के रूप में दवाओं का उपयोग करते थे। अब बनाना सीख गये हैं, इसलिये दवायें टेबलेट, कैपसूल और इंजेक्शन के रूप में इश्तेमाल की जाती हैं। इसी तरह उर्जा विज्ञान के उपयोग की तकनीक का भी नवीनीकरण होता रहा है।

इस युग में विश्व विख्यात एनर्जी गुरु डा।राकेश आचार्या ने आजकल के वातावरण को ध्यान में रखते हुये उर्जा  विज्ञान के उपयोग को नये रुप में नई तकनीक के साथ में पेश किया है।

एनर्जी रिपोर्ट की तरह संजीवनी उपचार भी एनर्जी गुरु जी की रिसर्च का उत्कृष्ट नतीजा है।

उन्होंने 12 सालों तक मानव उर्जा विज्ञान की लम्बी और गहरी रिसर्च की है। वेद, पुराणों में दिये उर्जा विज्ञान को जाना,समझा। ज्योतिष विज्ञान, ब्रह्मांड के वास्तु विज्ञान, मंत्र विज्ञान, अंक विज्ञान का उपयोग करके लोगों की एनर्जी को डिकोड करने की तकनीक बनाई। जिससे किसी भी व्यक्ति की प‹यूचर की एनर्जी का पता लगाया जा सकता है। विश्व में ऐसा पहली बार हुआ है। उर्जा के क्षेत्र में उनके अनुसंधान अभी भी जारी हैं।

पहले कैसे पता करते थे फ्यूचर की एनर्जी…इससे पहले वर्तमान विश्व की एनर्जी साइंस में भविष्य की उर्जा का पता लगाने की कोई तकनीक नही थी। उर्जा के विद्वान स्कैन करके या आभमंडल का फोटो खींचकर वर्तमान उर्जा या बीते समय की उर्जा का ही पता लगा सकते थे। फ्यूचर की उर्जा को नही जान पाते थे। जब हमें पता चल जाता है कि हमारी आने वाले दिनों की उर्जा कब-कैसी होगी। तो हम उसे सुरक्षित करके समस्याग्रस्त होने से बच जाते हैं। एनर्जी रिपोर्ट से किसी भी व्यक्ति को पता चल जाता है कि उसका आने वाला समय कैसा होगा। यही नही, वह उसे बदल भी सकता है। एनर्जी रिपोर्ट में आनी वाली उर्जा को ठीक करने के तरीके लिखे हैं। जिन्हें अपनाकर लोग समस्याओं के नुकसान से बच जाते हैं।

कैसे चला रहे हैं एनर्जी गुरु पाखंड के खिलाफ अभियान…प्राण विज्ञान फाउंडेशन के सहयोग से एनर्जी गुरु डा। राकेश आचार्या मासिक पत्रिका मृत्युंजय योग, उर्जा सम्मेलन, साधना सभाओं  और विभिन्न टी।वी। कार्यक्रमों के जरिये लोगों को उर्जा विज्ञान बता व सिखा रहे हैं। ताकि लोग अपनी समस्यायें खुद खत्म कर लें। उन्हें अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिये पाखंड फैलाकर गड़बड़ी करने वालों के पास न जाना पड़े।

एनर्जी गुरु जी शिव को गुरु बनाने की सलाह क्यों देते हैं…लोगों को छलावा से बचाने के लिये एनर्जी गुरु लोगों से भगवान शिव को अपना गुरु बनाने के लिये कहते हैं। उन्होंने खुद भी भगवान शिव को ही अपना गुरु बनाया है। वे जानते हैं कि ब्रह्मांड में शिव ही उर्जा के सबसे बड़े ज्ञाता हैं। शिव ही इसके सर्वोत्तम उपभोक्ता हैं। ध्यान-साधना ओं  के जरिये वे सदैव विशाल उर्जाओं का अनुसंधान कर रहे होते हैं। एनर्जी गुरु अपने सभी सवालों के जवाब शिव गुरु से ही लेते हैं। और दूसरों को भी शिव गुरु से अपने सवालों के जवाब लेना सिखाते हैं।

एनर्जी गुरु दूसरे लोगों की तरह भोजन क्यों नहीं करते…उर्जा विज्ञान पर उनकी रिसर्च और कमांड विश्व में अद्वितीय है। जब उन्हें पता चला कि भोजन हमारे शरीर की जरूरत नहीं है। बल्कि भोजन से प्राप्त होने वाली उर्जायें ही शरीर को चलाती हैं। तो सन् 2004 से उन्होंने भोजन त्याग शुरू कर दिया था। अब प्रायः वे भोजन की जगह ब्रह्मांडीय उर्जा का सेवन करते हैं।

एनर्जी गुरु की सिद्धियों का रहस्य क्या है…एनर्जी गुरु जी उच्च कोटि के सिद्ध साधक हैं। वे अपना अधिकांश समय रिसर्च और साधनाओं में ही बिताते हैं। उनकी साधनायें एनर्जी विज्ञान पर आधारित होती हैं। जिसमें मंत्रों की उर्जा को साधक की कुंडली व उसके उर्जा चक्रों में सीधे उतार  दिया जाता है।

साथ ही साधक की उर्जा को साधना के देवता के उर्जा क्षेत्र से सीधे जोड़ दिया जाता है। इसके कारण उनके द्वारा कराई गई साधनायें बड़ी सटीकता से सफल हो जाती हैं। इसी कारण जिन साधनाओं की सफलता में दूसरे साधकों को वर्षों, महीनों का समय लगता है, एनर्जी विज्ञान के आधार पर की गई वही साधनायें कुछ ही समय में सिद्ध हो जाती हैं। एनर्जी गुरु जी उच्च स्तरीय साधकों को तैयार करते हैं। ताकि वे सफल साधनायें करके अपना और दूसरों का हित कर सकें। लम्बे अनुसंधान से उपजीं उनकी साधनाओं का   विज्ञान विश्व में बेजोड़ है। उनके सानिग्ध में साधनायें करने वालों के जीवन में सिद्धी- प्रसिद्धी-समृद्धी आ ही जाती है।

क्या कोई भी उनके साथ साधनायें कर सकता है… नहीं, पहले वे साधक की उर्जाओं का परीक्षण करते हैं। यदि साधक की उर्जा साधना लायक मिली तो ही उसे साधना कराते हैं। जिनकी उर्जा साधना लायक नही होती, एनर्जी गुरु पहले उनकी उर्जा को साधना के लायक तैयार कराते हैं। साथ ही वे साधकों को संजीवनी उपचार सिखाकर उन्हें लोककल्याण के लिये सक्षम बनाते हैं।

एनर्जी गुरु को किन देशों के लोग ज्यादा फालो कर रहे हैं… भारत के कोने कोने से लोग उर्जा उपचार के लिये आ रहे हैं। लाखों लोग एनर्जी गुरु जी द्वारा बताये उर्जा विज्ञान को अपना कर लाभ उठा रहे हैं। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, सिंगापुर, ओमान, मस्कट, दुबई, हांगकांग, मारीसस, श्रीलंका, पाकिस्तान, नेपाल सहित तमाम देशों के अनगिनत लोगों ने एनर्जी गुरु जी द्वारा बताये उर्जा विज्ञान को अपनाया है। और वे इसका लगातार लाभ उठा रहे हैं।

सबका जीवन सुखी हो, यही गुरूजी की कामना है.