घर बैठे केदारनाथ का ब्रह्मकमल से शिवार्चन: आप भी 11 मई से करें महानुष्ठान
【विधान का अनुशरण करके हिमालयन साधकों के सूक्ष्म शरीर केदारनाथ मंदिर में पहुंचते हैं। वहां गर्भगृह में स्थापित ज्योतिर्लिंग पर ब्रह्मकमल पुष्प से शिवार्चन करते हैं। सोमवार से अन्य साधक भी इस विधान को अपना कर सूक्ष्म शरीर से शिवार्चन का महा अनुष्ठान कर सकेंगे।】
सभी अपनों को राम राम।
हिमालयन साधक इन दिनों घर से ही केदारनाथ भगवान का शिवार्चन कर रहे हैं। इसके लिये उन्हें अपना सूक्ष्म शरीर केदारनाथ धाम ले जाने का विधान दिया गया है। जिसका अनुशरण करके साधकों के सूक्ष्म शरीर केदारनाथ मंदिर में पहुंचता है। वहां गर्भगृह में स्थापित ज्योतिर्लिंग पर ब्रह्मकमल पुष्प से शिवार्चन करते हैं।
हिमालयन साधकों पर मानस शिवार्चन अनुष्ठान का प्रयोग अत्यधिक सफल हो रहा है। वे हाई डाइमेंशन की दुनिया से जुड़कर दिव्य अनुभूतियां अर्जित कर रहे हैं। इससे उनके जीवन में सकारात्मकता का उत्थान होगा। उपलब्धियों का उत्थान होगा। सुखों का उत्थान होगा। जन्म सुधरेंगे।
हिमालयन साधकों की अनुभूतियां पढ़कर अनगिनत साधकों के भीतर उच्च साधनाओं की क्षमता जाग्रत हुई हैं। तमाम साधकों ने सूक्ष्म शरीर से किये जा रहे केदारनाथ भगवान के मानस शिवार्चन में उन्हें भी शामिल करने का आग्रह किया है।
साधकों के आग्रह पर हमने सभी को घरों से केदारनाथ भगवान का सूक्ष्म शिवार्चन कराने का निर्णय लिया गया है। सभी साधक आने वाले सोमवार के शुभ दिन की सुबह महासाधना के बाद 7.10 बजे से 8 बजे के बीच इसे कर सकेंगे। 10 मई की शाम तक आपको भी उसका विधान उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सूक्ष्म शरीर से शिवार्चन के लिये पोस्ट में दिए चित्र को save कर लें। इसमें पहला फोटो साधक को केदारनाथ धाम तक पहुंचाएगा। दूसरा फोटो मंदिर के गर्भगृह में ज्योतिर्लिंग के समक्ष पहुंचाएगा। तीसरा फोटो अमृत रस की ऊर्जाओं से युक्त ब्रह्मकमल का है। जिनसे शिवार्चन करना है।
!! शिव शरणं !!