मायावी सिद्धियों के लिये श्वेतार्क योगिनी की सरल साधना

यह योगिनी साधक की गुलाम नही बनतीं। आदेश नही मानतीं। किंतु आग्रह पर साधक के लिये कुछ भी कर देती हैं। वे हमेशा देखती हैं कि साधक की जरूरत क्या है। अक्सर साधक के कहने से पहले ही उसे पूरा कर देती हैं। साधक खुद शक्ति सम्पन्न बने। लोगों का कल्याण करे।दुनिया में नाम कमाए। उसका अगला जन्म भी सार्थक बने। इसके लिये तमाम गुप्त विद्याएं सिखाती हैं। उन्हें गुप्त सिद्धियां कराती हैं। ब्रह्मांड की तमाम जीवनरक्षक  औषधियों, जड़ी, बूटियों की जानकारी देती हैं। जरूरत होने पर उन्हें लाकर देती हैं। साधक के जीवन में किसी चीज की कमी न रहे इसके लिये हमेशा सक्रिय रहती हैं।

एनर्जी गुरु राकेश आचार्या जी की साधना अनुभूतियां…

सभी साधकों को राम राम।
योगिनियों की शक्तियां बड़ी मायावी होती हैं। उनके पास तमाम गोपनीय सिद्धियां होती हैं। साथ ही अनेकों गोपनीय विद्याएं भी। प्रसन्न होने पर वे साधकों को भी मायावी शक्तियां प्रदान करती हैं। वे किसी का नुकसान नही करतीं।
सभी योगिनियां किसी न किसी देव की सेविका होती हैं। अपने स्वामी देव की शक्तियों से वे युगों तक जिंदा रहती हैं। उन्हीं की तरह चमत्कारी होती हैं। कुछ मामलों में वे अपने साधक के लिये अप्सराओं, यक्षिणियों, भैरवियों से भी अधिक उपयोगी होती हैं।
उनकी इच्छा हो जाये तो वे साधक को अपना माध्यम बना कर लोगों को भूत, भविष्य, वर्तमान के रहस्य बताती हैं। वे साधकों का सर्वोच्च आध्यात्मिक उत्थान कराती हैं। साथ ही जीवन में सांसारिक सुख स्थापित कराती हैं। भोग और मोक्ष के उद्देश्य पूरे कराती हैं।
श्रेष्ठतम योगिनी में से एक है श्वेतार्क योगिनी।
जो भगवान शिव की सेविका  है। माता पार्वती ने उसे सेविका बनाया। उसमें शिव शक्ति की कृपा से देव तुल्य चमत्कारिक शक्तियां होती हैं।
श्वेतार्क योगिनी में शिव शक्ति के साथ ही सूर्य, चन्द्र के माध्यम से ब्रह्मण्ड की अनेकों शक्तियां व्याप्त होती हैं। उनका जन्म ही ब्रह्मांडीय शक्तियों से हुआ।
एक बार भगवान शिव माता पार्वती के साथ ब्रह्मांड भ्रमण पर निकले थे। वे वायु मार्ग से जा रहे हे। तभी अचानक माता पार्वती की हथेली पर कोई वस्तु आ गयी। किंतु वह अदृश्य थी। माता ने भगवान शिव से उसके बारे में पूछा।
भगवान शिव ने बताया कि यह सूर्य और चंद्रमा की शक्तियों से उत्पन्न एक ऊर्जा मनका है। इसमें ब्रह्मांड की अनगिनत ऊर्जाओं का समावेश है। यह तुम्हारी शक्तियों से पोषित होने के लिये तुम्हारी हथेली पर आ गया।
तभी अदृश्य मनका माता पार्वती के हाथ से लुढ़क कर नीचे जमीन पर जा गिरा। कालांतर में वह श्वेतार्क पौधे के रूप में उग आया। श्वेतार्क को सफेद मदार भी कहा जाता है। यह जंगली पौधों की तरह खुद ही उग आता है। इसे तांत्रिक शक्तियों वाला पौधा माना जाता है। इसमें अनेकों औषधीय गुण भी होते हैं।
बहुत साल बीत गए। एक बार भगवान शिव और माता पार्वती उसी आकाश मार्ग से दोबारा गुजरे। वहां पहुंचने पर उन्हें ॐ नमः शिवाय मन्त्र सुनाई दिया। जिसे कोई महिला जप रही थी। किंतु दिखाई नही दे रही थी। माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव उनके साथ नीचे जमीन पर उतर आए।
वहां वही श्वेतार्क पौधा था। उसी से मन्त्र जप की आवाज आ रही थी।
माता पार्वती ने पौधे द्वारा मन्त्र जप किये जाने से अचंभित हुईं। यह मायावी बात थी। उन्होंने पौधे को प्यार से सहलाया। तो पौधे में से एक सुंदर कुवारी प्रकट हुईं। वही मन्त्र जप कर रही थी।
उसने बताया कि लंबे समय से श्वेतार्क पौधे में रहकर संसार मे आने का इंतजार कर रही थी। आपके स्पर्श से मै संसार के सामने आ गयी। इस तरह आपने मुझे जन्म दिया है। आज से आप ही मेरी माता और भगवान शिव मेरे पिता हैं। मै शिव की सेविका बनकर रहना चाहती हूं। मुझे अधिकार दें।
माता पार्वती ने उन्हें शिव की सेविका स्वीकार बना लिया। तभी से वे शिव सेविका हैं। हमेशा योग साधना में लीन रहने के कारण वे योगिनी बनीं। श्वेतार्क पौधे से उत्पन्न होने के कारण उन्हें श्वेतार्क योगिनी नाम मिला।
भगवान शिव के आदेश या अपने साधकों से प्रसन्न होकर वे उनको मायावी शक्तियां और गुप्त विद्याएं प्रदान करती हैं। साधक के साथ  रहकर साक्षात सहायता करती हैं। महिला साधिकाओं को तो वे योगिनियों की तरह ही सशक्त बनाती हैं।
वैसे तो श्वेतार्क योगिनी सिद्धि ब्रह्मचर्य के साथ निभाई जाती है। किंतु यदि साधक इच्छा करे तो योगिनी उसके साथ शारीरिक संबंध से मना नही करतीं।
यह योगिनी साधक की गुलाम नही बनतीं। आदेश नही मानतीं। किंतु आग्रह पर साधक के लिये कुछ भी कर देती हैं। वे हमेशा देखती हैं कि साधक की जरूरत क्या है। अक्सर साधक के कहने से पहले ही उसे पूरा कर देती हैं। साधक खुद शक्ति सम्पन्न बने। लोगों का कल्याण करे।दुनिया में नाम कमाए। उसका अगला जन्म भी सार्थक बने इसके लिये तमाम गुप्त विद्याएं सिखाती हैं। उन्हें गुप्त सिद्धियां कराती हैं। ब्रह्मांड की तमाम जीवनरक्षक  औषधियों, जड़ी, बूटियों की जानकारी देती हैं। जरूरत होने पर उन्हें लाकर देती हैं। साधक के जीवन में किसी चीज की कमी न रहे इसके लिये हमेशा सक्रिय रहती हैं।
यह साधना सावन में सिद्ध करना सरल होता है।
इसे बड़े उद्देश्यों के लिये महिला पुरुष कोई भी साधक कर सकता है। साधना को करने के इच्छुक साधक साधना हेल्पलाइन पर संपर्क करके अपना रजिस्ट्रेशन करा लें।
साधना हेल्पलाइन: 9999945010