सूर्य ग्रहण के साइड इफेक्ट

WhatsApp Image 2020-06-22 at 11.29.55 AM
सूर्य ग्रहण के साइड इफेक्ट:

बेचैनी, बेइज्जती, नाकामी, फाइनेंसियल प्रॉब्लम बढ़े तो ये उपाय तुरन्त कर लीजिये
सभी अपनों को राम राम।
सदी का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण गुजर गया। इससे असंतुलित ब्रह्मांडीय ऊर्जाओं का दुष्प्रभाव 70 से 80 प्रतिशत लोगों पर पड़ने वाला है। उनके आभामण्डल की ऊर्जाओं में गाढ़ी हरी और गाढ़ी पीली ऊर्जाओं की मिलावट हो रही है। इससे भावनाओं, सफलताओं के केंद्र मणिपुर चक्र और उच्च सृजन व व्यक्तित्व के केंद्र विशुद्धि चक्र बिगड़ते हैं। जिसके परिणाम स्वरूप बेचैनी, बेकारी, नाकामी, अपमान और आर्थिक सकंट पैदा होता है। रिश्तों में बिखराव होता है। नई पुरानी बीमारियां हावी होने लगती हैं।
इनमें कोई भी लक्षण बढ़ते दिखें तो आगे दिए उपाय तुरन्त अपनाएं।
संजीवनी शक्तिपात करके अपने आभामण्डल और उर्जा चक्रों को शक्तिशाली बनाएं। तुरन्त राहत मिलेगी।
यदि संजीवनी शक्तिपात की विधि नही ज्ञात है तो नीचे दिए उपाय कर लें।
1- संभव हो तो किसी साफ नदी या बहते पानी में स्नान करें। इससे आभामंडल की सफाई के साथ ही उसका उर्जन भी होता है। अपनी ऊर्जाओं को ठीक करने का यह प्रभावशाली विधान है।
2- यदि नदी में स्नान न कर सकें तो नमक के पानी से रोज नहाएं। इससे आभामण्डल से मिलावटी एनर्जी निकल जाती है। इसके लिये पूरे पानी में नमक न मिलाएं। किसी बर्तन में 1 से 2 लीटर पानी लें। उसमें 2 चम्मच सादा नमक मिलाएं। पहले उससे नहाएं। फिर जैसे रोज नहाते हैं वैसे नहा लें।
सभी नमक के पानी से नहाने की आदत डाल लें।
3- एक बड़े आकार के बेलपत्र पर लाल गुड़हल का फूल रखें, उस पर पीले कनेर का फूल रखें। फिर पीले फूल पर 10 मिनट त्राटक करें। इससे मूलाधार, मणिपुर और विशुद्धि चक्र उपचारित होते हैं। त्राटक के समय किसी मन्त्र का जप न करें। शांत मन से करें।
त्राटक का अर्थ है किसी चीज को एकटक, अपलक देखना।
3- गुड़ या आटा का दान करें। इससे आभामंडल और उर्जा चक्रों की सफाई होती है। दान की वस्तुएं आभामण्डल में व्याप्त दूषित ऊर्जाओं को अपने साथ लेकर निकल जाती हैं।
शिव शरणं।।