होलिका में गोमती चक्र के जरिये दहन करें दुखों की ऊर्जाएं

सभी अपनों को राम राम।
होलिका पर किया गया यह प्रयोग बहुत दूरगामी परिणाम देता है। कहा जाता है कि इससे महामारी, महाभय यहां तक कि मृत्यु तुल्य कष्ट भी आभामण्डल से निकलकर होली में जल जाते हैं। साथ ही लंबे समय तक सुख देने वाली ऊर्जाएं जीवन में व्याप्त हो जाती हैं।
अध्यात्म विज्ञान में गोमती चक्र बड़े काम की चीज हैं। जिनमें इंसानी ऊर्जाओं के शोधन की गजब क्षमता होती है। सूक्ष्म शरीर के शुद्धीकरण के साथ ही इनमें उर्जा चक्रों को एक्टिव करने की प्राकृतिक क्षमता भी होती है।

कानूनन हमारे देश में यह प्रतिबंधित चीजों में से है।
फिर भी पूजा पाठ की अधिकांश दुकानों पर मिल जाते हैं। होली में लगभग सभी जगह मिलते हैं।
आप भी कहीं से 7 गोमती चक्र प्राप्त कर लें।
बाजार में 1 गोमती चक्र 5 से 10 रु का मिल जाता है।
होलिका दहन के समय गोमती चक्र साथ लेकर जाएं। घर से निकलते समय ही
ॐ ह्रीं ह्रीं नमः मन्त्र का
मानसिक जप शुरू कर दें।
मोबाइल घर में छोड़ दें या स्विच ऑफ रखें। मोबाइल की तरंगें गोमती चक्र की तरंगों को प्रभावित करती हैं। उसके कार्य में बाधा उत्पन्न करती हैं।
जल रही होलिका की 7 परिक्रमा करें। हर चक्कर में 1 गोमती चक्र होली की जलती लपटों में डालते जाएं। इस बीच मन ही मन मन्त्र जपते रहें।
सम्भव हो तो घर के सभी लोगों से यह प्रयोग कराएं। सभी को अलग अलग गोमती चक्र चाहिये होंगे।
कुछ विद्वान ब्रह्मांड में ग्रहों की स्थितियों के मुताबिक 3 या 5 गोमती चक्रों का उपयोग कराते हैं।
इस बार 7 की जरूरत है।
जैसे दीवाली में घरों की सफाई वैसे ही
होली पर दिलों की सफाई बहुत जरूरी होती है।
मन के सारे शिकवे शिकायतें गोमती चक्रों के साथ होलिका में दहन कर देना।
फिर साफ मन से अगले दिन अपनेपन से होली खेलना।
केमिकल वाले रंग बिल्कुल न यूज करने।
मौसम बदल रहा है, वायरल फ्लू फैल रहा है। सो गले मिलते समय कोरोना वाली डिस्टेंस बनाये रखना।
होली की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं।
Happy holi.