ब्रह्मांडीय बदलाव: 25 मार्च से कोरोना कंट्रोल के संकेत

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ब्रह्मांडीय बदलाव: 25 मार्च से कोरोना कंट्रोल के संकेत
कोरोना मृत्यु से बचने के लिये बलगम न रुकने दें

सभी अपनों को राम राम
घबराएं बिल्कुल नहीं। ब्रह्मांड की ऊर्जाएं अब कोरोना को खत्म करने के लिये तैयार हो रही हैं। आने वाले कुछ ही दिनों में दुनिया को कोरोना खतरे से मुक्ति के संकेत मिलने लगे हैं।
ब्रह्मांड की जिन नीली ऊर्जाओं में प्रदूषण के कारण महामारी के विषाणु उत्पन्न हुए उनमें 25 मार्च से बदलाव आरम्भ हो जाएगा। ब्रह्मांड में ऑरेंज और लाल ऊर्जाओं की प्रबलता बढ़ेगी। जिससे कोरोना विषाणु की क्षमता कम होती जाएगी।
यदि हम ज्योतिष विज्ञान पर नजर डालें तो कोरोना महामारी का खतरा कम से कम 3 और ज्यादा से ज्यादा 7 महीने का बनता है। जिस साल शनि की ऊर्जाएं सबसे अधिक प्रबल होती हैं उस वर्ष ऐसी ही किसी महामारी के विषाणु फैलते हैं। साथ व्यापार जगत खासतौर से शेयर आदि भारी अस्थिरता के शिकार होते ही हैं। ऊर्जाओं का आकलन करने से पता चलता है कि नीली और ठंडी ऊर्जाओं में विकार के कारण विषाणु पनपे।
ये ऊर्जाएं बीते दिसंबर माह से अधिक प्रबल हो गयी थीं। उनके प्रभाव में ब्रह्मांड की शोधनकारी ऑरेंज उर्जा और प्रतिरक्षाकारी लाल ऊर्जाएं अत्यधिक कमजोर हो गयी थीं। इसी कारण कोरोना विषाणु अनियंत्रित साबित हुए।
दिसंबर 19 में शुरू हुआ नीली ऊर्जाओं का प्रदूषण 25 मार्च 20 से खत्म होना आरम्भ हो जाएगा।
जिससे कोरोना का तोड़ सामने आ जायेगा।
जब तक कोरोना का सुनिश्चित तोड़ सामने नही आ जाता तब तक सावधानी अनिवार्य है। सरकारी निर्देशों का अनुपालन करते रहें। वे आप सबकी ही सुरक्षा के लिये हैं। कुछ बातों पर विशेष ध्यान दें।
1. नीली ऊर्जाओं में विकार से उत्पन्न रोग प्रायः गले से फेफड़ों तक हानि पहुंचाते हैं। उनसे नाक गले में पतला बलगम उत्पन्न होता है। जो स्वांस नलिकाओं की झिल्लियों को क्षतिग्रस्त करता है।
*यह बलगम शुरुआती 3 दिनों तक गले में रहता है। उसके बाद फेफड़ों को प्रभावित करता है। यदि उसे रोक दिया जाए तो बीमारी से जान जाने का
खतरा नही रहता।
बलगम को रोककर कोरोना पीड़ित रोगी को बचाया जा सकता है।
2. इसलिये सभी लोग बलगम से बचें। इसके लिये दिन में समय समय पर चाय, काफी, सूप आदि गर्म पेय पीते रहें। दिन में 3-4 घुट गर्म पानी कई बार पियें। इसी बलगम हो रहा है तो 2-3 बार नमक पानी से गरारा जरूर करें।
3. नाक बहने लगे तो जुकाम बहने से रोकने वाले किसी नॉजल स्प्रे का उपयोग कर लें। नाक में सरसों का तेल डालने से भी राहत मिलेगी।
4. सर्दी जुकाम, फ्लू की अनदेखी न करें।
घबराएं तो बिल्कुल नहीं। ब्रह्मांड की ऊर्जाएं अब कोरोना को खत्म करने के लिये तैयार हो रही हैं। उनकी प्रक्रिया का धैर्य के साथ इंतजार करें और धन्यवाद दें। आपात सेवाओं में लगे चिकित्सा, सुरक्षा, सफाई, डिलीवरी और मीडिया के लोगों का भी धन्यवाद देना न भूलें। सरकारें आपको बचाने में जुटी हैं। उनका भी धन्यवाद बनता है।

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