2020 का आगाज

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2020 का आगाज…सफलता के लिए ऊर्जाओं का अनुसंधान करें

सभी अपनों को राम राम
और नए वर्ष की शुभकामनाएं।
2020 का आगाज हो चुका है। आज मै इस बरस की खुशियों के लिये ऊर्जाओं का अनुसंधान करूँगा। आप भी करें। इससे सफलताएं आसान हो जाती हैं। मान सम्मान, धन समृद्धि के अवसर बढ़ते हैं।
विधान आगे बता रहा हूँ। ध्यान से समझें और अपनाएं।
उर्जा अनुसंधान का विधान
इस ऊर्जा अनुष्ठान के लिये पूर्व मुख होकर बैठें। आज दिन में किसी भी समय कर लें।
कुंडली जागरण रुद्राक्ष पहनकर बैठें।
भगवान शिव से आग्रह करें, कहें- हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं, मुझ शिष्य पर दया करें। आपको साक्षी बनाकर मै बीते साल हुई गलतियों का विसर्जन कर रहा हूँ। नकारात्मकता से मुक्ति के इस उर्जा अनुष्ठान की सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें।
कुंडली जागरण रुद्राक्ष से आग्रह करें, कहें- दिव्य रुद्राक्ष आपको मेरे लिये सिद्ध किया गया है। मेरे द्वारा ब्रह्मांड में प्रक्षेपित की जा रही ऊर्जाओं के साथ सूक्ष्म लिंक स्थापित कर लें। उस लिंक को हमेशा बनाये रखें। सूक्ष्म लिंक के जरिये ब्रह्मांड से सुख, समृद्धि, धन, यौवन की सफलता देने वाली ऊर्जाओं को हर पल ग्रहण करें। उनसे मेरे तन, मन, मस्तिष्क, आभामंडल, उर्जा चक्रों और कुण्डलिनी को उर्जित करके जाग्रत करें।
अपनी शक्तियों से आग्रह करें, कहें- मेरे तन मन मस्तिष्क आभामंडल उर्जा चक्र, कुण्डलिनी आप सब कुण्डलिनी जागरण रुद्राक्ष के जरिये ब्रह्मांड से दैवीय ऊर्जाएं ग्रहण करके अपने अंदर स्थापित करें। जाग्रत हो जाएं। मुझे तन मन धन से सफल और सुखी बनाएं।
मृत्युंजय प्राणायाम करें।
उपरोक्त आग्रह कर लेने के बाद ॐ ह्रौं जुं सः मन्त्र का जप करते हुए 20 मिनट प्राणायाम करें। ॐ ह्रौं जपते हुए धीरे धीरे लम्बी सांस खींचे। जुं सः का जप करते हुए सांस को धीरे धीरे बाहर निकाले। इसे 20 मिनट दोहराएं। सम्भव हो तो रोज करें।
आपका जीवन सुखी हो
यही हमारी कामना है।

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