कुंडली जागरण शक्तिपात

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सभी अपनों को राम राम
कुंडली की शक्तियों का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिये कुण्डलिनी जागरण शक्तिपात आरम्भ कर रहा हूँ।
शक्तिपात को साधक घर बैठे ही अपना सकते हैं। इसके लिये रात 10 बजे। का समय तय किया है।
उस समय साधकों को कुंडली जागरण रुद्राक्ष पहनकर बैठना है। कुंडली जागरण रुद्राक्ष मेरे और साधकों के मध्य इथरिक लिंक स्थापित करेगा। इसी लिंक के द्वारा शक्तिपात साधकों तक पहुंचने का दैवीय आग्रह सम्पन्न होगा।
शक्तिपात की ऊर्जाओं का लक्ष्य साधकों का कुण्डलिनी चक्र होगा। जो मूलाधार चक्र के नीचे स्थित होता है। यह कुण्डलिनी को सक्रिय करता है। सक्रिय कुण्डलिनी मूलाधार, स्वाधिष्ठान, नाभि, मणिपुर आदि चक्रों का भेदन करती हुई सहस्रार चक्र की तरफ आरोहित होती है।
सभी जानते हैं कि आरोहित कुण्डलिनी साधक की अनंत शक्तियों का उयोग करके उन्हें देव समान उपलब्धियों की तरफ ले जाती है। चक्रों के द्वारा पंचतत्वों की शक्तियों का उपयोग करके सिद्धि-प्रसिद्धि, सुख, समृद्धि, प्रतिष्ठा का मार्ग प्रशस्त कर देती है।
हमें विश्वास है कि भगवान शिव आस्थावान साधकों तक कुण्डलिनी शक्तिपात का लाभ अवश्य पहुंचाएंगे।

शक्तिपात ग्रहण करने की विधान…
जिनके पास कुंडली जागरण रुद्राक्ष है वे 9250500800 नम्बर पर वट्सअप से
अपना लेटेस्ट फोटो भेजकर शक्तिपात साधना में शामिल होने का आग्रह करें। यह शक्तिपात की हेल्पलाइन का नम्बर है। वहीं से शक्तिपात ग्रहण करने का विधान व्यक्तिगत रूप से भेजा जाएगा।
व्यक्तिगत इसलिये क्योंकि बिना कुंडली जागरण रुद्राक्ष के शक्तिपात ग्रहण करना कई परेशानियों का कारण बन सकता है।
जो साधक शक्तिपात साधना में शामिल हों वे हर हफ्ते अपना नया फ़ोटो भेजते रहें।
शक्तिपात का आरम्भ- 10 दिसंबर 2019 से
शक्तिपात की अवधि- प्रतिदिन 15 मिनट।
दिशा- उत्तर की तरफ मुंह करके बैठें।
वस्त्र- मौसम के हिसाब से धारण करें।
स्थान- कहीं भी एकांत व शांत जगह।
आसान- कोई भी सुविधाजनक आसान

सबका जीवन सुखी हो,
यही हमारी कामना है।
शिव शरणं

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