शिवप्रिया की शिवसिद्धि…19

शिवप्रिया की शिवसिद्धि…19
घर से साधना: कुछ साधक शिवप्रिया की सूक्ष्म यात्रा तक पहुंच गए

सभी अपनों को राम राम।
घर से साधना करने के पहले दिन ही साधक सुशील कुमार शिवप्रिया की चेतना तक पहुंचे। उनकी अनुभूति उनके शब्दों में आगे देखें।
सुशील कुमार की अनुभूति-
राम राम गुरु जी राम राम दीदी गुरुदेव आपके आशीर्वाद से साधना आनंद पूर्वक सम्पन हुई साधना के समय कुछ मिनट के लिये बृह्मांड घूमने लगा उसके बाद शिवप्रिया दीदी को बहुत उची पर्वत पर चढ़ते हुए किसी साधु के साथ दर्शन हुआ पर्वत की चढ़ाई बहुत पतला सा पगडंडी था नीचे खाई गुरुदेव ये सब आपकी किरपा है राम राम गुरु देव राम राम दीदी कोटि कोटि चरण प्रणाम हर हर महादेव।
अदृश्य दुनिया के मार्गदर्शक द्वारा शिवप्रिया की चेतना को पिछले कुछ दिनों से हिमालय की एक गहरी गुफा में ले जाया जा रहा है। वहां तपस्यारत ऋषि क्रतु कीर्ति द्वारा शिवप्रिया को अथर्व वेद संहिता के उपयोग की विधि सिखाई जा रही है। ऋषि क्रतु शिवप्रिया के वर्तमान मार्गदर्शक के गुरु हैं।
[सुशील कुमार ने घर से साधना के दौरान शिवप्रिया की चेतना को हिमालय की गहरी घाटी में देखा। हमें विश्वास है कि अन्य साधक भी शिवप्रिया की गहन साधना के दौरान उनकी सूक्ष्म यात्रा तक जरूर पहुंचेंगे।]
इस बीच गहन साधना के दौरान शिवप्रिया ने सूक्ष्म जगत के विद्वानों से दुनिया में खौफ का कारण बने कोरोना महामारी का उपचार मांगा। अथर्व वेद संहिता के आधार पर उन्हें कोरोना पर नियंत्रण का वैदिक उपचार बताया गया। जिसमें अश्वगंधा, नीम, सफेद सेज और कपूर की ऊर्जाओं का उपयोग करने की विधि बताई गई। सभी लोग उस विधि का सरलता से उपयोग कर सकें, इसके लिये शिवप्रिया ने समय निकालकर विधान का वीडियो तैयार किया है। जिसे हम यहां शेयर कर रहे हैं।
इस बीच शिवप्रिया को जानकारी दी गयी है कि महर्षि दधीचि उन्हें जिस सिद्ध पुरुष के पास लेकर गए थे, वे उनके पिता महर्षि अथर्व थे। ब्रम्हा पुत्र अथर्व ने चौथे वेद अथर्व वेद की रचना की। जिसे काले ग्रह पर स्थित यक्ष राज कुबेर के खजाने से शिवप्रिया के लिये निकाला गया। महर्षि अथर्व को यक्ष संतति का प्रणेता माना जाता है। महर्षि अथर्व ने खजाने से लाई गई अथर्व वेद संहिता के ज्ञान को दैवीय विधि से शिवप्रिया के ज्ञान कोष में शामिल किया। अब ऋषि क्रतु उन्हें उस ज्ञान के उपयोग की बारीकियों से अवगत करा रहे हैं।
महर्षि दधीचि के पिता और अथर्व वेद के रचयिता ब्रह्मा पुत्र महर्षि अथर्व की शिवप्रिया की साधना में भूमिका क्या है? महर्षि दधीचि ने आगे भी शिवप्रिया से मिलते रहने की बात क्यों कही है? ऐसे अन्य साधना रहस्यों पर हम आगे चर्चा करेंगे।
शिव शरणं!

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