एनर्जी बैग

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एनर्जी बैग
सिद्ध किये एनर्जी बैग बिगड़ी उर्जाओं को ठीक करने में बहुत कारगर साबित हुए हैं.
आभामंडल और उर्जा चक्रों को उपचारित करने के लिये प्रकृति में चीजें भरी पड़ी हैं. तमाम तरह के रुद्राक्ष, रत्न, क्रिस्टल, पत्थर, मिट्टी, जड़ी-बूटियां, नारियल, सुपारी, तांत्रिक प्रयोग की वस्तुयें, पूजा-पाठ की वस्तुयें, आनाज, पुष्प, फल, पेड़-पौधे, जीव-जंतु और उनके अवशेष सहित लाखों चीजें एेसी हैं जो युगों युगों से मानव उर्जा को उपचारित करने के लिये उपयोग किये जाते रहे हैं.
जरूरी है उनकी पहचान करना. ये जानना कि कौन सी वस्तु किस चक्र को उपचारित करती है. कौन सी वस्तु आभामंडल और उर्जा चक्रों पर कब कैसा प्रभाव डालती है. मानव उर्जायें ठीक करने के लिये उन्हें कैसे तैयार किया जाना चाहिये. किस तरह उन्हें जाग्रत किया जाना चाहिये. किस तरह उन्हें सिद्ध किया जाना चाहिये. और किस तरह से उनका उपयोग किया जाना चाहिये.
एनर्जी गुरु डा. राकेश आचार्या जी ने लम्बे अनुसंधान में पाया कि अगर इन वस्तुओं को सही तरीके से समूह में सिद्ध करके उपयोग किया जाये तो ये सरलता से किस्मत बदलने में भी सक्षम होती हैं. इसी लिये गुरु जी ने लोगों की उलझनों को सुलझाने के लिये सिद्ध एनर्जी बैग का उपयोग शुरू कराया है. अलग अलग समस्याओं के लिये अलग अलग वस्तुओं के एनर्जी बैग तैयार कराये जाते हैं. हर बैग को रुद्राक्ष के जरिये प्रोग्राम किया जाता है. क्योंकि रूद्राक्ष में उर्जाओं से काम लेने की विशिष्ठ क्षमता होती है.
हमें विश्वास है कि एेसे एनर्जी बैग निश्चित रूप से लोगों को समस्याओं की उलझन से निकालने में सक्षम साबित होंगे. गुरु जी ने अपने अनुसंधान के दौरान इन्हें 94 प्रतिशत तक सफल पाया. ये बहुत तेज असर डालता है. इसका उपयोग बहुत सरल और सुरक्षित है.

एनर्जी बैग के प्रयोग के नियम
उपयोग के लिये एनर्जी बैग को अपने घर में या कार्यस्थल में स्थापित करना होता है. बाकी काम ये खुद करता है.
एनर्जी बैग में हर व्यक्ति की उर्जा के हिसाब से अलग अलग चीजों का उपयोग होता है.
उन वस्तुओं को जाग्रत व सिद्ध करके व्यक्ति के उद्देश्य को पूरा करने के लिये तैयार किया जाता है. जरूरत की सभी वस्तुओं को एक बैग में एक साथ रखा जाता है. इसे खोलकर देखने से प्रोग्रामिंग बदल जाती है. एेसे में एनर्जी बैग वांक्षित लाभ नही दे पाता. इसलिये खोलें नहीं. एनर्जी बैग वहां स्थापित किया जाता है जहां सम्बधित व्यक्ति रहता या काम करता है. स्थापित करने के बाद इसे 27 दिनों तक छुवें बिल्कुल नहीं. इसे अपने घर या कार्यस्थल में कहीं भी सुरक्षित जगह पर रख सकते हैं. स्थापित होते ही एनर्जी बैग उस व्यक्ति और उस जगह पर फैली उन रुकावटीं उर्जाओं को खींचकर अपने भीतर लेने लगता है. जिनके कारण व्यक्ति को परेशानी है या काम रुक रहे हैं.
आमतौर से एनर्जी बैग 12 से 18 दिन के भीतर वहां के वातावरण की नकारात्मक उर्जाओं को अपने भीतर सोख लेता है. उसके बाद उस व्यक्ति के आभामंडल और उर्जा चक्रों में व्याप्त नकारात्मक उर्जाओं को सोखता है. इसमें 7 से 9 दिन का समय लगता है. एनर्जी बैग द्वारा नकारात्मक उर्जाओं को खींच लिये जाने से व्यक्ति के सामने से रुकावटें हट जाती हैं, उसकी सकारात्मकता निखरती है. और वो सफलता की तरफ बढ़ जाता है. काम कर चुका एनर्जी बैग नकारात्मक उर्जाओं से भर जाता है. एेसे में उसे रखना ठीक नही होता. इसलिये 27 से 30 दिन के भीतर उसे जल प्रवाह कर देना चाहिये. या कम से कम 2 फुट गहरे गड्ढ़ें में दबा देना चाहिये. एेसा न करने पर एनर्जी बैग में खींची गई नकारात्मक उर्जायें दोबारा वातावरण में फैलने का खतरा रहता है.
यूज हो चुके एनर्जी बैग से ये सोच कर मोह न करें कि इससे कई काम बन गयें हैं तो इसलिये हटाया न जाये. किसी और के लिये तैयार एनर्जी बैग को अपने घर में कभी न रखें. इससे नुकसान हो सकता है. अपने घर का एनर्जी बैग किसी और की जगह में न फेंकें. इससे दोनो को नुकसान हो सकता है.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है
हेल्पलाइन: 9250500800

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