मृत्युंजय योग के देवदूतः अपनी पीड़ा भूलकर
दूसरों की सेवा में सुख ढूंढ़ने वाले शिव शिष्य
राम राम, मै अरुण
संजीवनी उपचारक दिवस के अवसर पर एनर्जी गुरू जी ने मृत्युंजय योग के देवदूतों को जनसेवा का संकल्प दिलाया. उन्हें प्रशस्ति पत्र दिये. ये वे साधक हैं जो मृत्युंजय योग के साथ जुड़कर लोगों की पीड़ा दूर करने में समर्पित हैं. दूसरों के लिये वे अपनी पीड़ा की भी परवाह नही करते.
गुरू जी के जन्मोत्सव को साधकों ने संजीवनी उपचारक दिवस के रूप में मनाया. उत्सव दिल्ली आश्रम में हुआ.
इस मौके पर गुरू जी ने साधकों के पितृों के मोक्ष का औरिक अनुष्ठान सम्पन्न कराया.
आये साधकों को ग्रह गोचर की पीड़ा से बचाने के लिये उर्जा कवच का निर्माण किया. साधकों के भीतर पंच तत्वों की उर्जा को सशक्त करके ग्रहों की सकारात्मकता ग्रहण करने की प्रोग्रामिंग की.
उसके बाद डा. विशाल, डा. नेहा, डा. एस डी जोशी, अशोक मीना, पूजा पाटिल, एस एस पाटिल, अमित मिश्रा, ज्योति अरोड़ा, पं. सुजित शास्त्री, उषा बिरथरे, शोभा सक्सेना, सीमा शर्मा, कुलदीप, भारती, राम त्यागी, विवेक बंसल, संतोष, अशोक सैनी, आरती कुमार, सोमेश शर्मा, मुत्थू कनन, पंकज जैन, श्याम मानके, हिमांगिनी, डिग्ना शाह, प्रदीप नायक, विपुल शाह, सुमन वर्मा, ब्रजेश को मृत्युंजय योग के देवदूत घोषित किया गया. इन्होंने मृत्युंजय योग के साथ मिलकर समाजसेवा और देव साधना के एक साल पूरे किये.
मृत्युंजय योग एेसे ही देश भर में उन लोगों को चयनित करके देवदूत की धारा में लाने जा रहा है जो समाज सेवा को प्राथमिकता देते हैं. जो शिव शिष्य हैं और श्रेष्ठ साधनायें करके खुद की उर्जाओं को जनोपयोगी बनाते हैं.
देश भर से कई हजार लोगों ने देवदूत धारा की मर्यादाओं से जुड़ने और अपनाने का आग्रह किया है.
देवदूत हेल्पलाइन- 9999945010 (whatsapp only )