31 जुलाई 17 को दिल्ली आश्रम में शिवार्चन
राम राम
भगवान शिव का प्रिय मास सावन. भगवान शिव की सिद्धियों का दिन सोमवार. सावन का सोमवार शिव भक्तों की मनोकामनायें सरलता से पूरा होने का दिन.
साधकों की मनोकामनाये पूरी कराने के लिये 31 जुलाई को सावन के सोमवार के शुभ अवसर पर दिल्ली आश्रम में गुरू जी द्वारा सिद्ध शिव सहस्त्र नाम से शिवार्चन का आयोजन किया जा रहा है.
शिवार्चन संकटों से मुक्ति का अति प्रभावशाली अनुष्ठान है.
भगवान विष्णु भी संकट से उबरने के लिये शिवार्चन का सहारा लेते हैं.
एक बार संसार में राक्षसों का आतंक बेकाबू हो गया.
भगवान विष्णु भी उन्हें हराने में नाकाम हुए.
जनजाति त्राहि त्राहि करने लगी.
तब भगवान विष्णु ने शिव सहस्त्र नाम के साथ कमल पुष्पों से शिवार्चन किया.
शिवार्चन देखने में सरल किंतु कसौटी पर बहुत कठिन अनुष्ठान होता है. भगवान विष्णु को भी कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा. शिवार्चन के समय एकत्र 1 हजार कमल पुष्पों में से एक को गायब कर दिया गया.
एेसी परीक्षा शिव जी द्वारा ली गई.
शिवार्चन के लिये दृढ़ संकल्प विष्णु जी ने अपनी एक आंख निकालकर चढ़ा दी. क्योंकि उनकी आंखों की तुलना कमल के फूल से की जाती है.
शिव जी प्रशन्न हुए. विष्णु जी को सुदर्शन चक्र प्रदान किया.
जिससे उन्होंने राक्षसों को परास्त किया.
जब राम के रूप में अवतार लिया तब भी विष्णु जी को शिवार्चन करने की जरूरत पड़ा.
रावण भगवान शिव की सभी का सभासद था. उस सभा में रावण के अलावा स्वयं विष्णु जी, गणेश जी,पार्वती जी व अन्य देवता हैं. उन दिनों शिव सभा के फैसलों में रावण की राय भी मायने रखती थी. एेसे में उसे मारा जाना असम्भव था.
गहरे धर्म संकट से निकलने के लिये राम जी ने शिवार्चन का सहारा लिया. रामेश्वरम् में शिवलिंग स्थापित करके कमल पुष्य से शिवार्चन आरम्भ किया.
एक बार फिर उन्हें कड़ी परीक्षा से गुजरना पड़ा. 1 हजार कमल के फूलों में से 1 गायब कर दिया गया.
विष्णु अवतारी होने के नाते सुदर नेत्रों वाले राम जी को भी कमल नयन कहा जाता था. उन्होंने भी कमल पुष्प की जगह अपनी एक आंख अर्पित करने को तैयार हुए. खंजर से आंख निकालनी शुरू की.
शिव जी प्रकट हुए. उन्हें रोका. शिव सभा के सभासद रावण को जीतने का वरदान दिया.
महा ज्ञानी किंतु अहंकार वश अज्ञानता का शिकार हुआ रावण श्री राम के हाथों मारा गया.
31 जुलाई को दिल्ली आश्रम में शिवार्चन का आयोजन हो रहा है. शिवार्चन सूखे मेवा से किया जाएगा. बादाम, पिस्ता, काजू, किसमिस, चिरौंजी, छोटी इलायची आदि सामग्री का उपयोग किया जाएगा.
जो साधक उसमें हिस्सा लेना चाहें वे अपनी सामग्री साथ लेकर सुबह 10 बजे तक आ जायें. जो भी सामग्री लायें उसकी गिनती 1100 से अधिक हो. ताकि कम न पड़े.
नुकसान रोकने के लिये- बादाम
समृद्धि के लिये- काजू
सुखों के लिये- पिस्ता
रिश्तों की मिठास के लिये- किसमिस
बीमारी से मुक्ति के लिये-चिरौंजी
यश-कीर्ति के लिये- छोटी इलाइची
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आने से पहले 9999945010 पर काल करके अपना स्थान अवश्य सुनिश्चित करा लें.
……. टीम मृत्युंजय योग