सभी अपनों को राम राम
भगवान कृष्ण के जन्म की उर्जाओं को ग्रहण करके हम अपने जीवन में सफलतायें ही नही समृद्धी भी स्थापित कर सकते हैं. इसके लिये विद्वानों द्वारा कई तरह के प्रयोग किये जाते हैं. हम यहां उनमें से एक समृद्धि एनर्जी बैग की विधि की जानकारी दे रहे हैं. इसे अपने घर में जरूर स्थापित करें.
समृद्धि एनर्जी बैग जन्माष्टमी उत्सव के समय सिद्ध किया जाता है. सिद्ध एनर्जी बैग बाद में कभी भी स्थापित कर सकते हैं.
इसमें सूखी धनिया, अक्षत चावल, दूब घास के तिनके, हल्दी की 2 अक्षत गांढ़ें, शुद्ध कपूर( जिसमें मोम न मिला हो), 58 रुपये के सिक्के रखे जाते हैं. एनर्जी बैग (पोटली) के कपड़े का रंग हरा होना चाहिये. देखने में तो ये वस्तुवें साधारण हैं. मगर जन्माष्टमी पर सिद्ध होने के बाद इनके परिणाम बड़े उत्साहजनक होते हैं.
देखा गया है कि इससे कठिन से कठिन आर्थिक संकट की उर्जायें भी नष्ट हो जाती हैं. जिससे समृद्धि की राह खुल जाती है. जन्माष्टमी में सिद्ध एनर्जी बैग कलह की उर्जाओं को भी समाप्त करने में सक्षम होता है. जिससे आपस में प्रेम बढ़ता है.
विधिपूर्वक सिद्ध समृद्धि एनर्जी बैग घर में साल भर खुशियों वाली सूचना देता रहता है.
इसे घर के साथ ही कार्य स्थल और प्रतिष्ठानों में भी स्थापित किया जा सकता है.
आप इसे खुद भी सिद्ध कर सकते हैं.
या किसी से सिद्ध करा सकते हैं. बस ध्यान रखें सिद्ध करने वाला विद्वान सक्षम हो.
जो साधक किसी वजह से एनर्जी बैग सिद्ध नही कर पा रहे हैं, वे उपरोक्त वस्तुओं से तैयार पोटली कृष्णजन्मोत्सव के समय घर में स्थापित कर लें. ये 90 दन तक परिणाम देती है. इससे भी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा ही.
*जन्माष्टमीः परमावतार भगवान कृष्ण के अवतरण का उत्सव है*. इसकी खास बात ये है कि जो लोग जितने उत्साह से इसे मनाते हैं उनके जीवन में उतनी ही उमंग और खुशियां स्थापित हो जाती है.
एेसा क्यों होता है इस पर मृत्युंजय योग टीम कई सालों से रिसर्च कर रही थी.
रिसर्च में पता चला कि इस दिन के उत्सव में शामिल होने वाले उस क्षण की उर्जाओं से कनेक्ट हो जाते हैं. जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था. उन उर्जाओं के साथ जुड़ जाते हैं जो कठिन स्थियों को भी आसान बना लेने में सक्षम होती हैं. जैसे जेल में बंद देवकी वासुदेव की कठिन स्थितियां आसान हो गई थीं. उसी से वासुदेव ने नवजात कृष्ण को मथुरा से गोकुल पहुंचाने का असम्भव कार्य कर डाला.
कृष्ण जन्म के समय धरती की उर्जायें अत्यंत विलक्षण हो गई थीं. एेसा लाखों सालों में कभी कभार ही होता है. वे उर्जायें न सिर्फ असम्भव को सम्भव कराने वाली थीं, बल्कि उत्तरोत्तर उन्नति और सफलतायें दिलाने वाली थीं. एेसी उर्जाओं में जन्में कृष्ण के कार्य उन्हें भगवान बना गये. वे प्रेमियों के भी भगवान बनें और योद्धाओं के भी.
रिसर्च में पता चला कि समय चक्र ( एनर्जी टाइम मशीन) के तहत जन्माअष्टमी के दिन धरती की उर्जायें पुनः उन उर्जाओं से जुड़ जाती हैं.
एेसे में जो लोग कृष्ण जन्मोत्सव को मना रहे होते हैं वे सीधे उस वक्त की उर्जाओं को ग्रहण करने की स्थिति में होते हैं. मन में उत्साह के साथ बनाया गया कृष्णोत्सव उनके जीवन में उस समय की विशाल उर्जाओं को भर देता है. जो आगे चलकर उन्हें कृष्ण सी सफलतायें और उत्साह दिलाती हैं. बस मन में विश्वास बना रहे.
समय चक्र ( एनर्जी टाइम मशीन) कैसे काम करता है इस पर हम फिर कभी बात करेंगे. अभी तो विलक्षण उर्जाओं को जीवन में स्थापित करने का समय है.
सब ध्यान रखें कृष्णोत्सव मनाने के उत्साह में फिजूलखर्ची बिल्कुल न करें. इसके लिये एक रूपये भी उधार न लें. अन्यथा वहां की प्राप्त उर्जाओं में उधार और फिजूलखर्ची की उर्जाओं की मिलावट हो जाती है. जिससे दूषित होकर सक्षम उर्जायें भी नकारात्मक परिणाम देती है.
श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के लिये उत्साह और उमंग मन में होनी चाहिये, सजावट मे न भी हो तो कोई बात नही.
उनकी उर्जायें तो सिर्फ एक खीरे से भी प्राप्त की जा सकती हैं.
श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की विधि से तो आप लोग पहले ही परिचित हैं.
कृष्णोत्सव में समृद्धि एनर्जी बैग सिद्ध करने की विधि हम दिल्ली और फरीदाबाद आश्रम में साधकों को निःशुल्क सिखाएंगे. इसके लिये 9999945010 (दिल्ली), 9643354787 (फरीदाबाद) पर सम्पर्क कर सकते हैं.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है
हर हर महादेव.
Ram ram Guru ji ,
Acchi jankari mili hai dhanyawad. Hum lok jrur ye upay karenge halaki gaon main sidh karwana muskil hai …accha widwan nahi mil pata hai …. But hum batai gayi sari chijon ko collect kar ke … Janmasti ke din aapne pooja ghar main sthapit kar dene … Jaise aapne bataya .,.,
Dhanywad !!! RAM RAM !!! , Har har mahadev !!! Jay shri Krishn !!!
सादर धन्यवाद