18 सितम्बर 2018
संजीवनी उपचारक दिवस पर एनर्जी गुरूजी द्वारा सभी साधको को उपहार
अब महासाधना में रुद्राक्ष की अनिवार्यता नहीं: बिना रुद्राक्ष होगी महासाधना

महासाधना अवचेतन जागरण चित्र
महासाधनाः सुखी जीवन की आसान राह, घर बैठे करें महासाधना.
जिनके पूजा पाठ फलित नही होते.
जिनके उपाय काम नही कर रहे.
जिनके काम होते होते रह जाते हैं.
जिनके संबंध बिखर रहे हैं.
जो आर्थिक तनाव में हैं.
जिन्हें अपने काम का क्रेडिट नही रहा.
जिन्हें सम्मान नही रहा.
जिनकी उन्नति रूक गयी है.
जिन्हें बीमारियां घेरे रहती हैं.
वे जान लें उनकी आंतरिक शक्तियां काम नही कर पा रहीं. क्योंकि उनकी उर्जा बिगड़ रही है. इसे तुरंत ठीक करें. इसके लिये घर बैठे महासाधना कर लें. शास्त्र कहते हैं जब एक ही समय एक ही मंत्र का जप करते हुए एक हजार से अधिक लोग साधना कर रहे होतें हैं, तो उसके परिणाम गुणित होकर लाख गुना बढ़ जाते हैं।
विश्व विख्यात एनर्जी गुरू और शिव शिष्य श्री राकेश आचार्या जी भगवान शिव द्वारा रचे महामंत्रों के साथ विश्व स्तर पर महासाधना करा रहे हैं. जिसमें दुनिया भर से लाखों लोग प्रतिदिन शामिल हो रहे हैं. महासाधना के समय एनर्जी गुरू जी खुद को भगवान शिव के आभामंडल और ब्रह्मांड में संजीवनी शक्ति के स्रोत से जोड़ लेते हैं. वहां से दिव्य उर्जायें प्राप्त करके महासाधकों के आभामंडल और उर्जा चक्रों में स्थापित करते हैं. इसके लिये महासाधना अवचेतन जागरण चित्र के समक्ष बैठकर साधना होती है. इस चित्र के माध्यम से साधक एनर्जी गुरू जी की उर्जाओं के साथ जुड़ जाते हैं. उनकी उर्जाओं को प्राप्त करते हैं. जिससे आभामंडल, उर्जा चक्र और कुंडली का जागरण होता है. सभी जानते हैं उर्जा चक्रों और कुंडली का जागरण होते ही जीवन बदलने लगता है.
महासाधना के दौरान गुरु जी साधकों को महासाधना अवचेतन जागरण चित्र के माध्यम से अपनी उर्जा के साथ जोड़ लेते हैं। फिर उनके सूक्ष्म शरीर, उर्जा चक्रों को साफ व संतुलित करते हैं। साथ ही उनके उर्जा चक्रों को जाग्रत करते हैं। कुंडली व सौभग्य चक्र को विशेष रूप से जाग्रत करते हैं। इससे साधक के भीतर समस्याआें से मुक्त होने की क्षमतायें जाग उठती हैं। सुख-समृद्धी की शक्तियां जाग जाती हैं। अध्यात्मिक क्षमतायें जाग जाती हैं। साधक के भीतर का शिव तत्व जाग जाता है। सीधे कहें तो साधकों के भीतर शिव जाग जाते हैं। उनकी शक्तियां जाग जाती हैं। तब साधक दूसरों को भी दुखों से मुक्त करने की क्षमता का उपयोग करने में सक्षम हो जाते है।
महासाधना कोई भी कहीं भी कर सकता है. इसके लिये कहीं आने जाने की या किसी सामग्री की जरूरत नही होती.
महासाधना भोग और मोक्ष की सरल राह है।
महासाधना का खर्च– कोई खर्च नहीं
महासाधना की अवधि– हर दिन 10 मिनट।
सुबह 7:00 से 7:10 बजे तक
दिन में 11:00 से 11:10 बजे तक
रात में 10:00 से 10:10 बजे.
महासाधना की दक्षिणा:– एनर्जी गुरू जी की दक्षिणा के रूप में अपने आस पास प्रतिदिन किसी जरूरत मंद को भोजन दें. गुरू जी की उर्जाओं को ग्रहण करके उनका लाभ उठाने के लिये ये दक्षिणा अनिवार्य है. इसे कभी न भूलें. इससे जीवन की रुकावटें भी हटती हैं और निरंतर बरकत होती रहती है.
महासाधना की विधि…
इस विधि से आप घर बैठे ही महासाधना कर सकते हैं।
सुविधानुसार महासाधना का समय चुनें. महासाधना शुरू करने से पहले कम से कम 5 मिनट तक योग या एक्सरसाइज करें। फिर साफ सुथरी जगह पर बैठ जायें। पूर्व या उत्तर मुख होकर आराम से बैठ जायें. महासाधना अवचेतन जागरण चित्र को अपने सामने रख लें. महासाधना में एनर्जी गुरु जी महासाधना अवचेतन जागरण चित्र को माध्यम बनाकर शक्तिपात करके साधकों की उर्जाआें को साफ व संतुलित करेंगें.। जिससे साधकों की कुंडली सहित दूसरी आंतरिक शक्तियों का जागरण होता है। सुखी जीवन की स्थापना होती है। शुरू करने के 2 हफ्तों के भीतर ही चेहरे की चमक बढ़ने लगती है।
किसी कारण से आसन पर न बैठ सकें तो कुर्सी या सोफे पर बैठ सकते हैं। मगर सोने वाले बिस्तर पर न बैठें।
देवों के देव और गुरुओं के गुरू भगवान शिव को प्रणाम करें. उनसे आग्रह करें. कहें. हे शिव आप मेरे गुरू हैं मै आपका शिष्य हूं. मै आपको साक्षी बनाकर शिव शिष्य एनर्जी गुरू राकेश आचार्या जी को माध्यम बनाकर महासाधना कर रहा हूं. इसे स्वीकार करें और साकार करें।
फिर 16 बार लम्बी और गहरी सांसे लेकर मंत्र जाप शुरू कर दें।
महासाधना के मंत्र….इसके लिये दो मंत्र हैं। उनका जाप 10 मिनट बिना माला का उपयोग किये करें। जप के दौरान सामने रखे अवचेतन शक्ति जागरण चित्र देखते रहें. चित्र में एनर्जी गुरू जी के माथे के बीच लगे तिलक को अपलक देखें. इससे दैवीय उर्जाओं को तत्काल प्राप्त कर लेंगे.
Odd Date 1,3,5,7,9,11…….का मंत्र . ऊं ह्रौं जूं सः माम् पालय पालय सः जूं ह्रौं ऊं . ये संजीवनी मंत्र हैं. महासाधना में इस मंत्र के उपयोग से बीमारियों, विवादों, रुकावटों को खत्म करने वाली उर्जाआें का संचार किया जाता है। जिससे कुंडली सहित आत्म शक्तियों का जागरण भी होता है।
Even Date 2,4,6,8,10,12…..का मंत्र . ऊं शं शंकराय धनम् देहि देहि ऊं. ये लक्ष्मी आकर्षण मंत्र है. महासाधना में इस मंत्र के उपयोग से धन-समृद्धी, आत्मबल, सम्मान प्रेम और अपनेपन को बढाने वाली उर्जाआें का संचार किया जाता है।
मंत्र जाप के बाद भगवान शिव और एनर्जी गुरु राकेश आचार्या को गुरू दक्षिणा के रूप में धन्यवाद दें। फिर धरती मां को प्रणाम व धन्यवाद करके उठ जायें।
5 मिनट का योग या एक्सरसाइज दोबारा करें। जो लोग किसी वजह से महासाधना से पहले और बाद में एक्सरसाइज नही कर सकते। वे पहले और बाद में 5- 5 मिनट हाथों की मुट्ठियाँ भींचकर जोर जोर से ऊपर उठाते हुए तेज आवाज में हर हर महादेव बोलें। ध्यान रखें हर हर महादेव बोलते हुए मन में किसी तरह की झिझक या शर्म के भाव नही होने चाहिए।
क्या महासाधना में कोई भी बैठ सकता है… हां, सभी महासाधना अवचेतन जागरण चित्र को सामने रख कर महासाधना में बैठ सकते हैं।
क्या महासाधना के लिये गुरु जी के पास आना जरूरी है… नहीं। साधना करने वाले लोग महासाधना अवचेतन जागरण चित्र अपने सामने रख कर अपने घर, प्रतिष्ठान, किसी पार्क या अन्य शांत जगह बैठ जाते हैं। महासाधना अवचेतन जागरण चित्र के माध्यम से एनर्जी गुरु जी उन्हें अपने साथ जोड़कर उन पर शक्तिपात करते हैं।
महासाधना कब से शुरू करें… महासाधना रोज होती है। इसे कभी भी शुरु कर सकते हैं। अपने सुखों के लिये हमेशा करें।
क्या महासाधना के समय कोई परहेज करना होगा…इसमें कोई खास परहेज नहीं है। डाक्टर जिसकी इजाजत दें, वो सब कुछ खा पी सकते हैं। शानदार नतीजों के लिये गुस्से से बचें। और किसी की आलोचना न करें।
महिलायें पीरियड के दिनों में महासाधना न करें।
अब से महासाधना में रुद्राक्ष की जरूरत नहीं होगी। महासाधना आप दिन में तीन समय में से किसी एक समय कर सकेंगे। महासाधना में गुरूजी पहले 2 घंटे काम करते थे। अब गुरूजी 4 घंटे काम करेंगे। गुरूजी लगातार 4 घंटे ध्यान साधना करके महासाधना के लिए उर्जाये एकत्रित करेंगे और फिर उर्जाओ को साधको के आभामंडल में स्थापित करेंगे।
किसी भी अन्य जानकारी के लिये हमारे संस्थान में सम्पर्क कर लें. सम्पर्क- 9999945010.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.