कुंडली जागरण: चलते फिरते कुंडली जागरण करने वाला रुद्राक्ष

kundali jagran rudraksh for kundalini sadhana.pngसभी अपनों को राम राम

  • लोगों को कुंडली की शक्तियों का लाभ अधिक से अधिक मिले इसके लिये कुण्डलिनी जागरण रुद्राक्ष सिद्ध किया गया है। धारण करते ही ये रुद्राक्ष ब्रह्मांड से दिव्य सकारात्मक उर्जायें ग्रहण करते हैं। धारण करने वाले के कुंडलिनी चक्र में ऊर्जाओं को प्रवाहित करते हैं। और हर समय करते रहते हैं।
  • जिससे कुंडली में दिव्य शक्तियों का प्रवाह बढ़ जाता है। कुंडली जाग्रत होकर शुष्मना नाड़ी के द्वारा ऊपर की तरफ चल पड़ती है। और चलती रहती है।
  • सभी जानते हैं जाग्रत कुंडली जीवन उत्थान करती है। सौभाग्य जगाती है। आत्मा का उत्थान भी करने में सक्षम होती है।
  • कुंडली मूलाधार, स्वाधिष्ठान, नाभि, मणिपुर चक्रों का भेदन करती ऊपर जाती है। जिससे कर्म, धन, स्वास्थ, सिद्धि, प्रसिद्धि, समृद्धि, पद, प्रतिष्ठा, धर्म, भोग, मोक्ष तक की उपलब्धियां उपलब्ध होती हैं।
  • सभी जानते हैं कि आरोहित कुण्डलिनी साधक की अनंत शक्तियों का उयोग करके उन्हें देव समान उपलब्धियों की तरफ ले जाती है। चक्रों के द्वारा पंचतत्वों की शक्तियों का उपयोग करके सिद्धि-प्रसिद्धि, सुख, समृद्धि, प्रतिष्ठा का मार्ग प्रशस्त कर देती है।
  •  कुंडली जागरण रुद्राक्ष से रोज बात करें। कहें- हे दिव्य रुद्राक्ष आपको कुंडली जागरण रुद्राक्ष के रूप में सिद्ध किया गया है। आप मेरी भावनाओं से जुड़े हैं। सदैव जुड़े रहें। मेरी भावनाओं के अनुरूप मेरी कुंडलिनी का जागरण करें, सौभाग्य का जागरण करें। मेरी आत्मा का उत्थान करें। मुझे सिद्धि, प्रसिद्धि, समृद्धि प्रदान करें। स्वस्थ, सुखी, सुरक्षित बनायें। आपका धन्यवाद!
  • कुंडली जागरण के लिये रुद्राक्ष को गले में या हाथ में धारण करके रखें।

कुंडली जागरण रुद्राक्ष से महासाधना


कुंडली जागरण रुद्राक्ष मिलने पर 9250300800 पर रूद्राक्ष के साथ अपना फोटो वट्सअप करें। जिसके द्वारा ऊर्जा कनेक्टिविटी अनुष्ठान संपन्न होगा। अनुष्ठान संपन्न होने की कन्फर्मेशन आपको दी जाएगी। तब रुद्राक्ष धारण कर लें।

महासाधना के समय रुद्राक्ष पहनकर रखें। जिससे महासाधना के परिणाम बड़े ही उत्साह जनक होते हैं।

महासाधना रोज सुबह 7 बजे रात 10 बजे होती है। महासाधना की अवधि 10 मिनट है।

जिसमें विषम तारीखों 1, 3,5,7,9….में उत्तम स्वास्थ्य सहित सभी तरह के भौतिक सुखों को पाने और मृत्युंजय सुरक्षा के लिये आगे दिया मन्त्र जपा जाता है।

ॐ ह्रौं जुं स: माम पालय पालय स: जुं ह्रौं ॐ  मन्त्र का जप का विधान है।

सम तारीखों 2,4,6,8….. में आर्थिक सुखों का लिए

ॐ शं शंकराय धनम देहि देहि ॐ

मन्त्र का जप करने का विधान है।

सबका जीवन सुखी हो,
यही हमारी कामना है।
शिव शरणं


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