वैसे तो सभी रुद्राक्ष अपने आप मे ऊर्जा के विशाल भंडारण की क्षमतावाले होते है. उन्हें सिद्ध करने के बाद प्रोग्रामिंग करके बड़े काम लिए जाते है. सिद्ध रूद्राक्ष से डायमंड, पन्ना, पोखराज, माणिक सहित सभी तरह के रत्नों की उर्जाओं को भी प्राप्त किया जा सकता है. साधना सिद्धि के लिए सिद्ध रुद्राक्ष बहुत प्रभावशाली होते है. ये लोगों के ऊर्जा चक्रो से सीधे जुड़ जाते है. ब्रह्मांड से सकारात्मक ऊर्जाएं प्राप्त करके ऊर्जा चक्रो को उपचारित कर लेते हैं. सिद्ध रुद्राक्ष साधक को देवी देवताओं की ऊर्जा से सीधे जोड़ने में भी सक्षम होते है. ब्रह्मांड से देवी देवताओं की उर्जायें प्राप्त करके साधक को देते रहते है.
शिव संजीवनी रुद्राक्ष को शिव ज्ञान जागरण रुद्राक्ष के नाम से भी जाना जाता है. इसके लिए 7 मुखी से ऊपर के रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है. 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14 मुखी रुद्राक्ष में भगवान शिव की उर्जा से जुड़ने की खास क्षमता होती है. उन्हें रुद्राभिषेक, शिव सहस्त्रनाम अनुष्ठान, नवग्रह के मंत्र जाप और संजीवनी मंत्र द्वारा यज्ञ से सिद्ध किया जाता है. सिद्ध होने के बाद रुद्राक्ष की प्रोग्रामिंग करके उसे साधक के आभामंडल और ऊर्जा चक्रों के साथ जोड़ दिया जाता है. साथ ही रुद्राक्ष साधक के लिए क्या क्या काम करें इसकी भी प्रोग्रामिंग की जाती है. इस तरह से सिद्ध हुए रुद्राक्ष साधक के लिए देवदूतों की तरह काम करते हैं.
शिव ज्ञान जागरण रुद्राक्ष को साधक के आज्ञा चक्र और अनाहत चक्र से जोड़ा जाता है. आज्ञा चक्र ज्ञान का चक्र है. अनाहत चक्र भगवान शिव की शक्तियों का केंद्र है. शास्त्र कहते हैं कि अनाहत चक्र में भगवान शिव का वास होता है. शिव ज्ञान जागरण चक्र अनाहत चक्र के द्वारा भगवान शिव की शक्तियों और उनके ज्ञान के संपर्क में रहता है. उन्हें प्राप्त करके साधक के आज्ञा चक्र को देता रहता है. इस तरह यह रुद्राक्ष साधक के भीतर शिव ज्ञान का जागरण करता है. साथ ही भगवान शिव और उनकी संजीवनी शक्ति से जोड़ कर रखता है.
इसे हमेशा सक्षम और सिद्ध लोगों के द्वारा ही सिद्ध कराया जाना चाहिए.
सिद्ध रुद्राक्ष की अधिक जानकारी लेने या उन्हें प्राप्त करने के लिये आप हमारे संस्थान की हेल्पलाइन पर सम्पर्क कर सकते हैं. हेल्पलाइन नं. – 9250500800