कायाकल्प साधना
बढ़ती उम्र का दुष्प्रभाव थम जाता है
कायाकल्प रुद्राक्ष पहन कर की गई काया कल्प साधना वाकई विलक्षण परिणाम देती है. इससे न सिर्फ रोगों से बचाव होता है बल्कि बढ़ती उम्र का दुष्प्रभाव थम जाता है. साथ ही जीवन तनाव मुक्त होकर स्थिरता को प्राप्त करता है. इससे साधक तन से, मन से, धन से सुखी और संतुष्ट होते हैं.
कायाकल्प शरीर की सबसे छोटी इकाई को रिजनरेट करने की प्रक्रिया है. कायाकल्प अपने आप में संपूर्ण शब्द है. इसका भावार्थ है अपने तन मन को नया और तरो ताजा कर लेना.
ऐसा तभी संभव है जब शरीर और मन विकार मुक्त हो इसके लिए संजीवनी शक्ति बहुत ही प्रभावी कार्य करती है. हमारा शरीर सेल्स (कोशिकाओं) का समूह है. 76 हजार मिलियन से भी अधिक कोशिकाएं मिलकर शरीर की रचना करती है. कोशिकाओं से टिशू बनते है. टिशू मांसपेशियों और ऑर्गन्स का निर्माण करते हैं. इस तरह से कोशिका शरीर की सबसे छोटी इकाई होती है.
विज्ञान बताता है कि हर कोशिका में कार्बोहाइड्रेड, प्रोटीन और फैट होते हैं. शरीर के संचालन में कोशिका उनका उपयोग करती है.
ऊर्जा विज्ञान के मुताबिक हर कोशिका में एक ऊर्जा चक्र भी होता है. उसी की ऊर्जा से कोशिका अपने भीतर स्टोर प्रोटीन, फैट और कार्बोहाइड्रेट का उपयोग करता है. कोशिका में संचित प्रोटीन की इलास्टिसिटी कम होने पर उसमें लचक आ जाती है. जिसका असर स्किन पर ब्लैक स्पॉट, धब्बे या झुर्रियों के रूप में दिखता है. उम्र बढ़ने के साथ कोशिका का यह खिंचाव कम होता रहता है.
इसी कारण बुढ़ापे का शरीर ढीला और लस्त पस्थ होता जाता है. यह अधिकांश बीमारियों का भी प्रमुख कारण होता है.
अगर कोशिका की प्रोटीन के खिंचाव को बनाए रखा जाए या उसे रिजनरेट कर दिया जाए तो शरीर में ठहराव आ जाता है. उम्र के साथ वो बूढ़ा नहीं दिखता. बीमारियां कम लगती है. व्यक्तित्व में आकर्षण बना रहता है.
आजकल खानपान में मिलावट और रहन-सहन में तनाव के कारण कोशिकाओं की प्रोटीन पर भारी दुष्प्रभाव होता है. इसी कारण कम उम्र में बाल सफेद होना, बीमारियां लगना, चेहरे का तेज समाप्त हो जाना, पर्सनैलिटी का आकर्षण खत्म हो जाना, आलसी हो जाना, उत्साह में कमी आना और उदासी की प्रवृत्ति पनप जाती है.
कोशिका के ऊर्जा चक्र को उपचारित करके उसके भीतर के प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेड, और फैट को बेहतर बनाया जा सकता है.
इसी को ऊर्जा विज्ञान में संजीवनी कायाकल्प कहा जाता है.
काया कल्प साधना के नियम:-
1. संजीवनी शक्ति से निवेदन:- हे दिव्य संजीवनी शक्ति मुझ पर दैवीय शक्तिपात करें. मेरे तन मन मस्तिष्क की सफाई करके उन्हें विकार मुक्त करें. मेरे रोम रोम को ऊर्जावान करके सुखदायी बना दे. मेरे मन को सुखमय शिव आश्रम बना दे. मुझे काया कल्प साधना की सफलता हेतु सक्षम बनाएं. आपका धन्यवाद.
2. संकल्प:- हे मृत्युंजय महादेव मेरे मन मंदिर में विराजमान हो. मैं आपको साक्षी बनाकर एनर्जी गुरु द्वारा कराई जा रही संजीवनी काया कल्प साधना में शामिल हो रहा/रही हूं. साधना की सफलता हेतु आप मुझे देवी सहायता और सुरक्षा प्रदान करें. आपका धन्यवाद.
3. संजीवनी कायाकल्प रुद्राक्ष से निवेदन:- हे दिव्य संजीवनी कायाकल्प रुद्राक्ष आपको मेरे कायाकल्प हेतु सिद्ध में प्रोग्राम किया गया है. आप मेरी भावनाओं से जुड़ जाएं. ब्रह्मांड के संजीवनी सोर्स से संजीवनी शक्ति को ग्रहण करके उसे मेरी हर कोशिका में व्याप्त करें और उसका पुनर्जनन करें. आपका धन्यवाद.
4. अपनी शक्तियों से निवेदन:- मेरे तन, मन, मस्तिष्क, आभामंडल, ऊर्जा चक्र, कुंडलीनी, रोम-रोम आप सब कायाकल्प रुद्राक्ष के जरिए प्राप्त संजीवनी शक्ति को ग्रहण कर के अपने अंदर धारण करें. स्वच्छ हो, सुडौल हो, मखमली हो, ऊर्जावान हो, शक्तिशाली हो. मुझे सिद्धि – प्रसिद्धि – समृद्धि का सुख लेने योग्य सक्षम बनाएं. आपका धन्यवाद.
5. साधना का समय:- 20 मिनट प्रतिदिन किसी भी समय. यदि यात्रा में है तो कहीं रुकने पर कर ले. लेकिन चलते फिरते बिल्कुल ना करें.
6. साधना की दिशा:- पूर्व मुख होकर.
7. साधना का मंत्र:- ऊं ह्रौं जूं सः माम् कायाकल्प कुरू कुरू सः जूं ह्रौं ऊं
8. मंत्र जाप का तरीका:- मन ही मन, बिना माला.
9. साधना का आसन:- कोई भी आरामदायी आसन या कुर्सी सोफे पर भी कर सकते हैं. सोने वाले बिस्तर पर बिल्कुल ना करें.
10. साधना की सावधानी:- साधना से एक घंटे पहले और एक घंटे बाद तक गुस्सा बिल्कुल ना करें. जो लोग बीमारी के कारण बिस्तर पर हैं वह साधना ना करें. ऐसे लोग सिर्फ कायाकल्प रुद्राक्ष को धारण करके उसका लाभ ले सकते हैं. साधना के दिनों में आलोचना से बचें.
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.
शिव शरणं
एनर्जी गुरु श्री राकेश आचार्य जी…….
Helpline:- 9250500800