अप्सरा साधना के लिये साधक 15 अप्रैल से पहले
अपनी सामग्री सिद्ध कर लें
सभी अपनों को राम राम
जो साधक घर से अप्सरा साधना करने जा रहे हैं वे 15 अप्रैल से पहले साधना सामग्री सिद्ध कर लें. 14 अप्रैल तक खरमास है. खरमास यानी पितरों का महीना. इस माह शुभ कार्यों की शुरूआत नही की जाती.
अप्सरा साधना शुभ कार्यों में आती है.
इसलिये इसे खरमास के बाद प्रारम्भ करना है.
साधना का मुहूर्त…
पूर्णिमा के सुअवसर पर 19 अप्रैल 2019, दिन शुक्रवार का मुहूर्त तय किया गया है.
इस बीच सभी साधक साधना में उपयोग होने वाली सामग्री 31 मार्च से 15 अप्रैल के मध्य तैयार कर लें.
सामग्री…
1. चंद्र देहा अप्सरा गुटिका– इसे जाग्रत करके सिद्ध करने में प्रायः 11 दिन का समय लगता है. यह चंद्रमा और शुक्र ग्रह के संयुक्त प्रभाव वाला एक रत्न होता है. विद्वान टेलीपैथी पद्धति से इसे अप्सरा सिद्धी हेतु जाग्रत करते हैं. उसके बाद अप्पसरा और साधक की उर्जाओं के साथ इसे जोड़ दिया जाता है. साधना के दौरान गुटिका साधक की उर्जा तरंगों को अप्सरा की उर्जाओं से जोड़े रखने के लिये प्रयोग की जाती है. साथ ही जपे जाने वाले मंत्र की उर्जा तरंगों को साधना के ईष्ट तक पहुंचाने के काम आती है. गुटिका के माध्याम से बनी कनेक्टिविटी बड़ा प्रभाव देती है.
जहां से सुविधा हो साधक इसे वहां से प्राप्त करके सिद्ध कर लें. इसकी शुद्धता की परख जरूर कर लें. अशुद्ध सामग्री उद्देश्य को पूरा नही करती.
2. चंद्र अप्सरा माला- इसके लिये साधक स्फटिक या मोती की माला का उपयोग कर सकते हैं. जो भी माला लें उसकी शुद्धता सुनिश्चित कर लें.
माला को नमक के पानी से धो लें. फिर सादे पानी से अच्छी तरह साफ कर लें. उसके बाद उसे 2 घंटे के लिये धूप में रख दें. जिससे माला के भीतर मौजूद नकारात्मकता हट जाएगी और वह प्राकृतिक रुप से उर्जावान हो जाएगी.
उसके बाद माला से नीचे लिखे मंत्र का 1100 बार (एक ही बार में) जप करके उसे सिद्ध कर लें.
माला सिद्धी मंत्र- ऊं. नमो सर्वार्थ साधिनी स्वाहा.
3. मोहिनी रुद्राक्ष- इसके लिये साधक सात मुखी रूद्राक्ष लें. रुद्राक्ष असली हो एेसा सुनिश्चित कर लें. नकली रुद्राक्ष फल नही देगा.
रुद्राक्ष लेकर उसे नमक के पानी से धो लें. फिर सामान्य पानी से अच्छी तरह साफ कर लें. उसके बाद दो घंटे के लिये धूप में रख दें. उसके बाद रुद्राक्ष को सामने स्थापित करके उस पर त्राटक करते हुए नीचे दिये मंत्र का 7 दिन तक प्रतिदिन 11 माला करें. जप के लिये उपरोक्त विधि से सिद्ध की गई चंद्र अप्सरा माला का उपयोग करें.
मंत्र- ऊं. नमो भगवते रुद्राय महाकाल द्रष्टाय सर्वजनम् शीघ्र मोहय हुं फट् स्वाहा.
अपनी सुविधानुसार साधक सामग्री प्राप्त करके 15 अप्रैल तक सिद्ध कर लें.
जिनकी सामग्री सिद्ध होती जाये वे अपना लेटेस्ट फोटो फेसबुक के शिव साधक ग्रुप में भेजें मै उनकी एनर्जी को उनके द्वारा सिद्ध सामग्री के साथ कनेक्ट करने की प्रक्रिया शुरू करुंगा.
सभी साधकों को शुभकामनायें.
शिव शरणं