शिवगुरू से गृह शांति का आग्रह

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20 अक्टूबर 2018
सभी अपनों को राम राम
जिन घरों में अशांति होती है वहां लक्ष्मी नही रुकना चाहतीं. जहां लक्ष्मी नही रुकतीं वहां अलक्ष्मी (दरिद्रता) आकर्षित होकर आ जाती हैं. जिन घरों में आपसी प्रेम और शांति होती है वहां से दरिद्रता का नाश हो जाता है. और सुखों की स्थापना होती है.

रामचरित मानस में कहा है…
जहां सुमति तहां सम्पत्ति नाना
जहां कुमति तहां विपत्ति विधाना.
दरिद्रता के कई रूप हैं. धन का न आना, धन का न रुकना, धनाभाव के कारण रुकावटें, धनाभाव के कारण मनचाहे काम न हो पाना, धनाभाव के कारण इच्छाओं का दमन, बेवजह धन का फंस जाना और कर्ज. ये सब अलक्ष्मी अर्थात् दरिद्रता के रूप हैं.
इनसे बचने के लिये पहली जरूरत है घर में शांति, आपसी प्रेम और अपनापन.
आज के युग में घर की शांति और अपनापन विलुप्त हुआ जा रहा है. उसकी जगह कुमति पैर पसार रही है. परिवार के लोग एक मत नही हो पा रहे, अधिकांश समय एक दूसरे में कमियां निकालते रहते हैं, छोटी छोटी बातें में एक दूसरे को अपमानित करते हैं, मै क्यों झुकूं की भावना ने अपनापन खत्म कर दिया है.
ये सारी बातें वे हैं जो मां लक्ष्मी को कभी पसंद नही आतीं. जहां एेसी बातें हैं वहां माता लक्ष्मी रुकना नही चाहतीं.
इसी कारण अधिकांश परिवार धनाभाव की पीड़ा झेल रहे हैं.
आज मै शिवगुरू से घर में शांति स्थापित कराने का विधान बता रहा हूं. जरूर अपनायें.


विधान…
पूर्व मुख होकर आराम से बैठ जायें. गायत्री मंत्र का जप करते हुए 11 बार प्राणायाम करें.
भगवान शिव से मन मंदिर में विराजमान होने का आग्रह करें. कहें- हे देवों के देव महादेव मेरे मन को सुखमय शिवाश्रम बनाकर सपरिवार इसमें विराजमान हों, प्रशन्न हों, मुझे सपरिवार प्रशन्न बनाये रखें.
फिर शिवगुरू से शांति सुख की मांग करें. कहें हे शिव आप मेरे गुरू हैं मै आपका शिष्य हूं. मुझ शिष्य पर दया करें. मेरे घर परिवार में शांति सुख स्थापित हो इस हेतु ऋषि स्वरूप में मेरे घर में स्थापित हो जायें. मुझे और मेरे परिवार के सभी लोगों को सद्बुद्धि दें, एक दूसरे के लिये अपनापन दें, परिवारिक सुख दें. आपका धन्यवाद है.
फिर आगे लिखे मंत्र का जप 10 मिनट करें. ये भगवान शिव का अति प्रभावकारी मंत्र है. मंत्र जप के दौरान बारी बारी से घर के सभी सदस्यों के बारे में सोचें. बंद आंखों से उनका चेहरा देखने की कोशिश करें. उनके माथे पर स्थिति आज्ञा चक्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्र का जप करें. स्थिरता के साथ प्रतिदिन किये गये इस प्रयोग के बड़े ही चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं.
विशेष… मंत्र जप के दौरान जब घर के सदस्यों के बारे में सोचे तब किसी भी सदस्य के लिये मन में शिकायत का कोई भाव न आने दें. अन्यथा उस सदस्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है.
मंत्र-…
ऊं. नमो भगवते महात्यागी नित्य शांति परायणः
मंत्र जप के बाद भगवान शिव को धन्यवाद दें. लक्ष्मी मां को धन्यवाद दें, संजीवनी शक्ति को धन्यवाद दें. धरती माता को धन्यवाद दें. संसार के सभी ऋषियों और अध्यात्मिक गुरूओं को धन्यवाद दें. विधान से परिचित कराने के लिये मुझे धन्यवाद दें.

सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है
शिव शरणं

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