अंक संजीवनी विद्या की सावधानियां विपरीत अंक नुकसान दायी साबित हो सकता है
सभी अपनों को राम राम
जो लोग अंक संजीवनी का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें बड़ी ही उत्साहजनक अनुभूतियों की जानकारियां आ रही हैं. उनमें तमाम साधकों ने अंक संजीवनी के सुखद अनुभव शेयर किये हैं. कुछ ने कई बार विपरीत अनुभव की बात भी बताई है. ध्यान देना होगा विपरीत पिरणाम तभी मिलते हैं जब भाग्यांक की जगह विपरीत अंक का चयन होता है. इसे समझने के लिये अंक संजीवनी के विज्ञान को एक बार फिर से समझ लेते हैं. 1 से 9 तक के अंकों में प्रतिदिन कोई एक अंक हमारी एनर्जी से मैच करता है. उसे संजीवनी अंक कहा जाता है. यदि पता लगाकर संजीवनी अंक को अपने साथ रखा जाये तो वह अंक ब्रह्मांड से प्राण उर्जा को ग्रहण करके दिन भर आभामंडल और उर्जा चक्रों की हीलिंग करता रहता है. आभामंडल उर्जा चक्रों की हीलिंग से मन खुश होता है कांफीडेंस बढ़ता है व्यक्तित्व में सम्मोहन पैदा होता है चेहरे पर चमक उत्पन्न होती है लोगों के बीच सम्मान बढ़ता है कामकाज की रुकावट हटती है बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है सफलताओं की राहें आसान होने लगती हैं. इसी प्रतिदिन 1 से 9 तक के अंक में कोई एक अंक व्यक्ति की उर्जा से विपरीत होता है. यदि उसे अपने साथ रख लिया जाये तो ऊपर लिखी बातें उलट होने लगती हैं. इसलिये संजीवनी अंक का चयन जल्दबाजी या बेचैनी में नही करना चाहिये. चयन करते समय संजीवनी अंक रुद्राक्ष का प्रयोग करने से विपरीत अंक निकलने की सम्भावना शून्य हो जाती है. क्योंकि संजीवनी अंक रुद्राक्ष व्यक्ति के अवचेतन मन से संदेश प्राप्त करके अंक निकालता है. और अवचेतन मन को सटीक पता होता है कि व्यक्ति के लिये क्या सही है क्यो गलत है. इसलिये संजीवनी अंक रुद्राक्ष के द्वारा ही संजीवनी अंक प्राप्त करना सुरक्षित और लाभकारी होता है.
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है
शिव शरणं
जय माता दी