16 अक्टूबर 2018
सभी अपनों को राम राम
सुख हमारा दैवीय अधिकार है, सम्पन्नता हमारा भौतिक अधिकार है. इसे पा लेना हमारे जीवन लक्ष्य एक हिस्सा होना चाहिये.
मन की सम्पन्नता ही सुख देती है. मगर इस युग में धन की सम्पन्नता के बिना जीवन निर्हन कठिनाईयों भरा हो जाता है. धनाभाव की पीड़ा मन का सुख भंग कर देती है. इसलिये सम्पन्नता हासिल करना कर्तव्य का अंग होना चाहिये.
कई बार पूर्व जन्मों से आई उर्जायें धनाभाव का कारण बनती हैं. एेसा होने पर लोग पूरी मेहनत, पूरी, क्षमता, पूरी ईमानदारी पूरी लगन और जतन से अपना काम करते हैं. मगर पिरणाम उनके अनुकूल नही निकलते. कुछ लोग धन के मामले में अपने से कम मेहनत करने वालों से भी पीछे रह जाते हैं. धनाभाव जीवन भर उन्हें सताता रहता है. दो दिन राहत मिलती है तो 4 दिन तनाव में गुजरते हैं. कुछ लोग तो कर्ज में दब जाते हैं.
लक्ष्मी- कुबेर साधना इस स्थिति से उबरने में बड़ी ही कारगर साबित होती है.
धनतेरस में कुबेर साधना और दीपावली की रात लक्ष्मी साधना करके लक्ष्मी-कुबेर सिद्धी अर्जित की जाती है.
इस सिद्धी में लक्ष्मी-कुबेर के संयुक्त यंत्र की बड़ी भूमिका होती है.
ये यंत्र बाजार में मिल जाता है.
मगर ध्यान रखना होगा कि यंत्र यदि बिना जाग्रत और सिद्ध किये काम करता तो उसे अपनी दुकान में रखने वाले दुकानदार स्वंय करोड़पति बन जाते. उन्हें यंत्र बेंचने की जरूरत ही न पड़ती.
सिद्ध करके साधक की उर्जाओं के साथ जोड़ने पर ही यह कार्य करता है.
इस यंत्र को संयुक्त रूप से सिद्ध किया जाता है.
विधान मै बता रहा हूं. ध्यान से समझें और अपनायें.
लक्ष्मी-कुबेर यंत्र सिद्ध करने का विधान….
स्पष्ट छपाई वाला यंत्र कहीं से प्राप्त कर लें. ये पांच चरणों में सिद्ध किया जाता है.
शिव गुरू को साक्षी बनाकर यंत्र सिद्धी अनुष्ठान आरम्भ करें.
1. यंत्र की पुरानी उर्जाओं को विखंडित करके उनका निषकासन कर दें. ताकि वह सिद्धी दायी उर्जाओं को ग्रहण कर सके. दरअसल सभी यंत्र और रत्न उन्हें बनाने वालों, बेचने वालों की भावनाओं की उर्जायें अपनी अंदर स्वाभाविक रूप से ले लेते हैं. जिनमें से अधकांश उर्जायें नकारात्मक होती हैं. यही कारण है कि बाजार से सीधे खरीदकर घर में रखा गया यंत्र प्रायः नकारात्मकता प्रदान करते हैं. इसी वजह से कई विद्वान लोगों को घर में यंत्र न रखने की सलाह देते हैं. जाग्रत करने की प्रक्रिया के बीच उनकी नकारात्मकता विखंडित होकर निकल जाती है. तब वे कल्याणकारी उर्जाओं को धारण करने में सक्षम बन पाते हैं.
2. पूर्ण सफाई के बाद यंत्र को समक्ष रखकर श्रीसूक्तम् के 108 पुश्चरण करें. उसके पश्चात् यंत्र को सम्मुख रखकर श्रीसूक्तम् पाठयुक्त यज्ञ सम्पन्न करें.
3. यंत्र को सम्मुख रखकर कुबेर के यक्ष मंत्र का जप तब तक करें, जब तक यंत्र भगवान कुबेर की उर्जाओं से संलग्न न हो जाये. उसके बाद यंत्र को सम्मुख रखकर कुबेर के यक्ष मंत्र युक्त यज्ञ सम्पन्न करें.
4. मंत्रों से जाग्रत यंत्र को ब्रह्मांड में माता लक्ष्मी और भगवान कुबेर के सम्पन्नता देने वाले उर्जा स्रोत के साथ जोड़ दें.
5. सम्पन्नता की उर्जाओं से जुड़े यंत्र को साधक की उर्जाओं से साथ सम्बद्ध करके धनतेरस और दीपावली पर जपे जाने वाले मंत्रों के साथ जोड़ दें.
अब यंत्र लक्ष्मी-कुबेर सिद्धी साधना के लिये तैयार है. धनतेरस के दिन उसे सामने स्थापित करके एक एक घंटे के अंतराल में दो साधनायें करनी हैं. दीपावली की रात में 45-45 मिनट की दो साधनायें करनी हैं.
इस विधान को अपनाने वालों से समृद्धि दूर नही रहती है.
देखा गया है कि इस तरह से सिद्ध लक्षमी-कुबेर यंत्र स्वयं में सम्पन्नता स्थापित करने में सक्षम होता है. इसलिये शारीरिक कारणों से या किसी अन्य कारण से जो साधक उक्त साधनायें नही कर सकते वे यंत्र सिद्ध करके उसे घर में स्थापित कर लें. मां लक्ष्मी की कृपा जरूर मिलने लगेगी.
किसी भी शुभ मुहूर्त को देखकर आप लोग अपने यंत्र सिद्ध कर लें. और साधना के लिये तैयार हो जायें.
मै जल्दी ही साधना के मंत्रों और उनके विधान की जानकारी दूंगा.
किसी कारणवश जो साधक अपना यंत्र स्वयं सिद्ध नही कर सकते हैं, तो वे इसमें किसी सक्षम विद्वान या मृत्युंजय योग संस्थान का सहयोग प्राप्त कर सकते हैं.
जो साधक किसी कारण से धनतेरस व दीपावली पर लक्ष्मी कुबेर सिद्धी से वंचित रह जायें किसी किसी भी शुभ मूहूर्त में इस साधना को सिद्ध कर सकते हैं.
कुबेर यंत्र को सिद्ध करने का मूहूर्त
इसे सिद्ध करने का सबसे अच्छा मूहूर्त दशहरा से करवा चौथ के बीच का होता है. इस दौरान ब्रह्मांडीय उर्जाओं में कई तरह के शुभ परिवर्तन हो रहे होते हैं. इसी बीच इसे सिद्ध कर लिया जाना चाहिये.
जो साधक दीपावली पर कोई अन्य बड़ी साधना करने की तैयारी कर रहे हैं, उनके लिये भी उस साधना के यंत्र व अन्य पूजा सामग्री को सिद्ध करने का यही सबसे अच्छा मूहूर्त है. अपने गुरू से अनुमति लेकर इस मूहूर्त का लाभ उठायें.
Helpline 9999945010
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.
शिव शरणं
जय माता दी.