13 अक्टूबर 2018
सभी अपनों को राम राम
जो लोग तंत्र बाधा से परेशान हैं वे शिवगुरू से बाधा निवारण का आग्रह कर सकते हैं. मन से किया आग्रह अचूक प्रभाव देता है.
बाधा निवारण हेतु भगवान शिव का अघोर स्वरूप अत्यधिक प्रभावशाली है. तंत्र बाधा निवारण के लिये साधक उनके इसी स्वरूप से सुरक्षा प्राप्त करते हैं.
विधान ठीक से समझें और अपनायें….
जिन्हें लगता है कि उनके विरुद्ध तंत्र का प्रयोग हो रहा है,
जिन्हें लगता है उनके काम काज को बांध दिया गया है,
जिन्हें लगता है तंत्र, टोना टोटका की वजह से उनका स्वास्थ बिगड़ा रहता है,
जिन्हें लगता है किसी के किए कराये के कारण उनकी उन्नति नही हो पा रही,
किसी को लगता है कि किसी की कुदृष्टि या शरारत के कारण उनके परिवार में फूट पड़ी रहती है.
एेसी स्थितियों के शिकार लोग शिवगुरू से अघोर सुरक्षा की मांग करें. यदि उनकी परेशानियों का कारण तंत्र बाधा है तो निश्चित रूप से राहत मिल जाएगी।
विधान…
पूर्व मुख होकर आराम से बैठ जायें.
शिवगुरू से आग्रह करें. कहें देवों के देव महादेव मेरे गुरूदेव मेरे मन को सुखमय शिवाश्राम बनाकर माता महेश्वरी भगवान गणेश जी सहित सपरिवार इसमें विराजमान हों. आनंदित हों. मुझे आनंदित बनाये रखें. हे गुरूदेव मुझे अपने परिवार पर तंत्र बाधा की आशंका है. जिसके कारण मै और मेरा परिवार कठिनाईयों से गुजर रहा है. तंत्र बाधा शमन के लिये आप मेरे मूलाधार चक्र में अघोर स्वरूप में विराजमान हो जायें. अपनी अघोर शक्ति से मेरे विरुद्ध शक्रिय समस्त तंत्र बाधाओं को नष्ट कर दें.
फिर दोनों हाथों को जोड़कर पीठ की तरफ कमर से नीचे स्थित मूलाधार चक्र पर ध्यान लगायें. वहां 5 से 6 मिनट तक ध्यान लगाये हुए अघोर शक्तियों की स्थापना का इंतजान करें.
इस बीच शिवगुरू से दया का निवेदन करते रहें.
उनसे बार बार कहें
हे शिव आप मेरे गुरू हैं मै आपका शिष्य हूं मुझ शिष्य पर दया करें. मुझे सपरिवार तंत्र बाधा से मुक्त बनाये रखें.
कुछ समय बाद मूलाधार चक्र पर विषेश तरह की अनुभूति प्रतीत होगी. जैसे सनसनाहट या गर्मी या ठंढक या गुदगुदी आदि. तब समझें निवेदन पूरा हो गया. फिर भगवान शिव को धन्यवाद दें. उनके अघोर स्वरूप को सुरक्षा हेतु धन्यवाद दें. धरती मां को धन्यवाद दें. संजीवनी शक्ति को धन्यवाद दें. इस विद्या से अवगत कराने के लिये मुझे भी धन्यवाद दें.
ध्यान रखें. यहां धन्यवाद सुरक्षा, माध्याम और दक्षिणा के रूप में दे रहे होंगे. इसलिये ये अनवार्य है. इसके बिना इस तरह के प्रयोग प्रायः विफल ही साबित होते हैं.
कल मै प्रेत बाधा या ऊपरी बाध से मुक्ति हेतु शिवगुरू से आग्रह का विधान बताउंगा
तब तक आप सब अपना ध्यान रखें, खुश रहें, मुस्कराते रहें.
शिव शरणं
जय माता दी