सभी को राम राम
पितृ पक्ष: पितरों के मोक्ष का महीना. जो लोग कालसर्प दोष, पितृ दोष, देवदोष, ऋणदोष, मंगल दोष सहित कुंडली के किसी भी ऋण-दोष से प्रभावित हैं. वे अपने पितरों का मोक्ष सुनिश्चित करें. पितरो को मोक्ष दिलाना आपका कर्तव्य है. गुरूजी बताते है की पितरों की पूजा, श्राद्ध, तर्पण आदि घर में बिल्कुल न करें. न ही घर में पितरों के फोटो आदि रखें. इससे पितरो की एनर्जी घर में रिकॉल हो जाती है. जिससे वे मोक्ष तक जाते जाते भी वापस खिंचे चले आते हैं. एेसा करना पितरों के मोक्ष में रूकावट पैदा करता है. इसी कारण शास्त्रों में कहा गया है कि घर के भीतर काले तिल युक्त तर्पण नही किया जाना चाहिये. ये कलह, आर्थिक संकट और अनचाहे दुखों का कारण बनता है. तर्पण, श्राद्ध आदि श्रद्धा का विषय है न कि सुविधा का. इसलिये इसे सम्पन्न करने में अपनी सुविधा न ढ़ूंढें. उन कर्मकांडियों से बचें जो अपनी या आपकी सुविधा के मद्देनजर घर में पितृ पूजा की सलाह देते हैं. श्राद्ध, तर्पण सहित सभी तरह की पितृ पूजा तीर्थों या जलासयों या पुराने पेड़ों या एकांत स्थानों पर ही किया जाना चाहिये.
एनर्जी के संदर्भ में पितृ का अर्थ है डी.एन.ए. की भटकी उर्जा. पितृ एक भटका हुआ आभामंडल होता है. अगर इसे उपयुक्त मात्रा में ऊर्जा ही प्राप्त हो जाए तो वह अपने गंतव्य तक पहुंच सकता है. ऊर्जा विज्ञान के अंदर पितरों को मोक्ष देने के लिए बहुत ही सरल विधान है. औरिक तर्पण के जरिए पितरों को सीधे-सीधे बिना किसी मिलावट के अतरिक्त उर्जाये प्रदान कर दी जाती है जिससे वह मोक्ष को प्राप्त होते हैं. पितरों के मोक्ष के लिए एनर्जी गुरु श्री राकेश आचार्य जी द्वारा रचित औरिक तर्पण की विधि यहां दी जा रही है इसे अपना कर अपने पितरों को संतुष्ट करें.
ओरिक तर्पण विधि
- पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसान पर आराम से बैठ जाये और अपने हाथो को 21 बार रगडे.
- दोनों हाथों को दुआ मांगने की मुद्रा में उठाएं और भगवान शिव से प्रार्थना करे कहै “है शिव आप मेरे गुरू है मै आपका शिष्य हूं. मुझ शिष्य पर दया करे मै आपको साक्षी बनाकर अपने पितरों को मोक्ष प्रदान के लिए औरिक अनुष्ठान करने जा रहा हूं. आप इसे स्वीकार करे और साकार करे. मेरे द्वारा किया जा रहा यह अनुष्ठान सुफल हो सफल हो इस हेतु आप मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें. आपका धन्यवाद है.”
- फिर ब्रह्मांडीय ऊर्जाओ से कहै “है दिव्य ब्रह्मांडीय ऊर्जा आप मेरे हाथो मे पितरों को मोक्ष प्रदान करने वाली दिव्य मोक्षकारी ऊर्जाए प्रदान करे, आपका धन्यवाद है”
- फिर अपने पितरों से आग्रह करे कहै ” है मेरे समस्त ज्ञात अज्ञात पितृ आप जहाँ कही भी है वही से मेरे द्वारा प्रक्षेपित की जा रही ऊर्जाओ को अक्षय रूप में ग्रहण करे संतुष्ठ हो जाये और परम मोक्ष को प्राप्त करे. मुझे और मेरे कुल के सभी लोगो को दिव्य आशिर्वाद प्रदान करे.”
ध्यान रखे यहाँ पितरो को अपने पास आमंत्रित नहीं करना है. पितरो से प्रार्थना करनी है की वे जहाँ कही भी है वही से आपके द्वारा भेजी जा रही उर्जाओ को अक्षय रूप में ग्रहण करे और संतुष्ट हो जाये। - फिर 5 मिनट “ऊं नम: शिवाय:” मंत्र का जाप करे.
- आपको हाथो मे भारी पन महसूस होने लगेगा. आप इन मोक्षकरी ऊर्जाओ को ब्रह्मांड में प्रक्षेपित कर दे. कहे “है दिव्य मोक्षकारी उर्जायें मैं आपको ब्रह्मांड में प्रक्षेपित कर रहा हूं आप वहाँ जाकर अनंत गुना विस्तारित हो जाये और मेरे सभी ज्ञात अज्ञात पितरो के पास जाये और उन्हें संतुष्ट करें. और उन्हें मोक्ष प्रदान करें. आपका धन्यवाद है.”
उर्जाओं को ब्रह्मांड में प्रक्षेपित करने के लिए झटके के साथ दोनो हाथो को सिर के ऊपर से पीछे की तरफ उछाल दे.
औरिक तर्पण कोई भी (महिलाये भी) और कहीं पर भी कर सकता है. आप अपने घर में बैठ कर भी औरिक तर्पण कर सकते है. औरिक तर्पण पितरों को अतिरिक्त उर्जा देने का सटीक तरीका है. उसमें प्रेक्षेपित उर्जायें सीधे ब्रह्मांड में जाकर पूर्वजों को प्राप्त होती हैं. वे संतुष्ट होकर मोक्ष को प्राप्त करते हैं. पितृ संतुष्ट हों तो आने वाली पीढ़ियों तक का सुख स्थापित हो जाता है. पितृ असंतुष्ट हो तो जन्मों जन्मों की पीड़ा उत्पन्न होती है. पूर्वजों के मोक्ष और वंशजों की समृद्धि के लिये सभी औरिक पितृ तर्पण जरूर करें।
24 सितम्बर 2018 से पितृ पक्ष शुरू हो रहे है. पितरों के मोक्ष निमित्त पितृपक्ष में इसे रोज करें. इस विधि को अपना कर अपने पितरों को मोक्ष की राह दे और उन्हें संतुष्ट करे.
सभी के पितरों को मोक्ष प्राप्त हो इसके लिए एनर्जी गुरूजी पितरों के मोक्ष हेतु सामूहिक औरिक अनुष्ठान कराएंगे. सभी लोग इस अनुष्ठान का लाभ उठाकर अपने पितरों को मोक्ष सुनिश्चित करा सकते हैं. औरिक अनुष्ठान में गुरू जी सभी के पितरों की एनर्जी को लिंक करके उनके लिये तर्पण, पिंडदान. मोक्ष यज्ञ का आयोजन कराएंगे.
जो अपने पितरों के लिये इसे अपनाना चाहते हैं वे अपना नाम, माता-पिता का नाम, गोत्र, कुलदेव और ईष्टदेव की जानकारी 9999945010 पर वाट्सअप करें दे.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है