अमावस्या: प्राकृतिक रूप से नकारात्मक उर्जाओं का शोधन

पितृो के मोक्ष निमित्त दिल्ली आश्रम में हर माह अमावस्या पर यज्ञ, हवन और भंडारे का आयोजन


सभी को राम राम

आज अमावस्या है. आज दिल्ली आश्रम मे श्रद्धालुओं के पितृो के मोक्ष निमित्त हवन, यज्ञ व विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है. सैकड़ो श्रद्धालु इसमे भाग लेते है. आप सभी को ज्ञात है, हर महिने अमावस्या के दिन गुरूजी द्वारा आश्रम मे पितृो के मोक्ष हेतु भंडारे और यज्ञ का आयोजन किया जाता है. सभी के पितृो को मोक्ष प्राप्त हो, सभी के पितृ संतुष्ट हो इसके लिए एनर्जी गुरुजी के नेतृत्व में पिछले कई वर्षों से मृत्युंजय योग का यह अभियान जारी है.

आप सब भी इसमें भागीदारी ले सकते है. हर महिने होने वाले यज्ञ से जुडकर अपने पितृो को मोक्ष दिला सकते है. पितृ मोक्ष बहुत बडा़ सत्कर्म है. जब पितृ संतुष्ट होते है तो जीवन समृद्धि की और बढता चला जाता है. आज के युग में पितृ असंतुष्टि के कारण ही कलह, कर्ज, अपयश, अधूरापन, डिप्रेशन जैसी परेशानियां लोगों के जीवन में छायी हैं. पितृ संतुष्टि इन्हें जीवन से निकाल देती है.


अमावस्या:- अमावस्या के दिन नकारात्मक उर्जाओं का शोधन प्राकृतिक रूप से होता है. खासतौर से मूलाधार चक्र, कटि चक्र और प्रारब्ध चक्र पर जमा स्मोकी उर्जायें ब्रह्मांड की तरफ खीच रही होती हैं. जिससे इन चक्रों की सफाई होती है.
एेसे में यदि एकाग्रता बढ़ाई जाये तो चक्रों की बीमार उर्जाओं को सरलता से ब्रह्मांड अग्नि के हवाले किया जा सकता है. एकाग्रता बढ़ाने के लिये ही अमावस्या पर ध्यान-साधनाओं का विधान है.

अमवस्या के दिन नकारात्मकता लोगों के सूक्ष्म शरीर से निकलकर बाहर जा रही होती है. जिसमें कुछ नकारात्मक शक्तियां भी होती हैं. उनसे बचने के लिये अपनी उर्जाओं को सशक्त बनाने हेतु पूजा-अनुष्ठान आदि का सहारा लिया जाता है.
इसके साथ ही चक्रों में जमी उर्जाओं को निकालने के लिये विभिन्न वस्तुओं का उपयोग किया जाता है. वे वस्तुवें चक्र में फंसी समधर्मी नकारात्मक उर्जाओं को अपने साथ लेकर निकल जाती हैं. इसी कारण अमवस्या के दिन भोजन, वस्त्र व अन्य वस्तुओं का दान करने का विधान बनाया गया. उससे उर्जाओं की तीब्र सफाई होती है.

सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.

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