संजीवनी उपचार द्वारा तनाव से मुक्ति के लिए गुरुजी द्वारा खोजी गई सरल विधि, इसे करें और तनाव मुक्त रहें.
नाभि से ऊपर दोनों पसलियों के बीच स्थित मणिपुर चक्र के बिगड़ने से तनाव होता है. दिखने वाले कारणों में कलह, क़र्ज़, नाकामी, बेइज्जती या कुछ और हो सकता है. मगर सच्चाई यही है कि तनाव सिर्फ मणिपुर चक्र के बिगड़ने से होता है. अक्सर जब मणिपुर चक्र दूषित होकर बड़ा हो जाता है. तब तनाव पैदा होता है.
गुरुदेव की इस विधि से नेचुरल तरीके से मणिपुर चक्र की सफाई होती है और वह संतुलित हो जाता है. तनाव खत्म होने के लिये इतना ही काफी है. इससे कोई फर्क नही पड़ता की तनाव का कारण क्या है!
इस विधि का लाभ वे लोग भी उठा सकते हैं जिन्हें एनर्जी, आभामण्डल और चक्रों की कोई जानकारी नहीं.
इसे कभी भी कहीं भी कर सकते हैं.
इससे गुस्सा भी कंट्रोल होता है.
विधि….
- भगवान शिव से सुरक्षा की कामना करते हुए कहें *हे मृत्युंजय भगवान् हम आपको साक्षी बनाकर संजीवनी उपचार कर रहा हूं इसकी सफलता हेतु दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें, आपका धन्यवाद *
- सोलह बार लम्बी और गहरी साँसे लें.
- एक पीला फूल लेकर सामने रखें ॐ ह्रौं जूं सः मन्त्र का जप करते हुए फूल को 10 मिनट देखें. और फूल से कामना करते हुए कहें *आप मेरे मणिपुर चक्र में मौजूद सभी तरह की दूषित ऊर्जाओं को अपने भीतर खीच कर चक्र की सफाई करें.*
- उसके बाद पीले फूल को हटाकर उसकी जगह एक नीला फूल रख लें. फिर
- ॐ ह्रौं जूं सः मन्त्र का जप करते हुए फूल को 10 मिनट देखें. और फूल से कामना करते हुए कहें *आप मेरे मणिपुर चक्र को प्राकृतिक रूप से छोटा करके संतुलित कर दें.*
- बाद में दोनों फूलों को धन्यवाद देकर उन्हें कहीं मिटटी में दबा दें.
- भगवान शिव को धन्यवाद दे, इस सरल विधि के रचयिता एनर्जी गुरु राकेश आचार्या जी को धन्यवाद दें.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.