एनर्जी गुरु राकेश आचार्याजी ने टोने टोटकों पर 9 साल से अधिक रिसर्च की. उन्होंने पाया कि हजारों साल से दैनिक जीवन का हिस्सा बने टोने टोटके रूढ़िवादिता नहीं बल्कि हमारी एनर्जी को साफ व संतुलित करने का सटीक विज्ञान हैं. घरेलू होने के कारण इनका उपयोग सरल और खर्च न के बराबर होता है. यदि इन्हें तय मानकों के अनुसार अपनाया जाये तो नतीजे बहुत ही सकारात्क निकलते हैं.
गड़बड़ तब हुई जब ये विज्ञान के विषय से अंजान लोगों के हाथों में चले गये. उन्होंने टोटकों की विधियों में तोड़ मरोड़ करके उन्हें पाखंड की भेट चढ़ा दिया. और टोने टोटके बदनाम हो गये. हम वैज्ञानिक विवेचना के साथ लाभकारी टोटकों को ग्रुप में पेस कर रहे हैं. ताकि हमारे साथी उनका लाभ उठा सकें. ध्यान रखें टोटकों का उपयोग सिर्फ उर्जा शोधन के लिये करेंगे. ध्यान रखें कि करने की विधि में मिलावट न करें. तोड़ मरोड़ कर किये जाने वाले टोटके नुकसान भी करते हैं. ध्यान रखें टोटकों के उपाय करने के साथ अपने कामकाज पर फोकस बनाये रखें.
राम राम मै शिवप्रिया.
1. आर्थिक समस्या से निपटने के लिये.
…खच्चर का दांत जेब में रखने से व्यक्ति पर कभी भी आर्थिक संकट हावी नही होता है। गुरुदेव ने अपनी रिसर्च में पाया कि इससे मूलाधार व आज्ञा चक्रों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
…यदि निरंतर आर्थिक परे्शानियों से जूझ रहे हों, तो मंदिर में केले के दो पौधे (नर-मादा) रोप कर उनकी देखभाल करें। जब पौधे फल देने लगें, उनके फलों को स्वयं न खाएं। सिद्ध मुहूर्त में प्रयोग करें। होली, दीपावली पर भी इस टोटके को कर सकते हैं। जब आर्थिक परे्शानी दूर हो जाए, तो पौधे के समक्ष नियमित प्रार्थना करें।
इससे सौभाग्य चक्र यानी सहस्रार चक्र की उर्जा पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
2. बच्चों की परेशानी दूर करें.
बहुत छोटे बच्चे बोल नही सकते। इसलि, भूख-प्यास और दर्द को रो कर बतलाते हैं। थोड़ी देर रोना बच्चे का स्वाभाविक है। परंतु बच्चा अकारण रोता रहे, तो समझ लें कि बच्चा किसी चपेट में आया है। एेसे में केवल नजर उतारने से काम नहीं चलेगा। उससे बच्चे की मां को भी काफी परे्यानी होती है। तब निम्न प्रयोग करें. इससे बच्चेके आभामंडल में आई गैर जरूरी उर्जाएं हट जाती हैं.
कहीं से बकरी की मींगनी ला कर बच्चे के सिरहाने रख दें। एेसा करने से बच्चा रात भर आराम से सोएगा तथा बिना वजह उठकर अपनी मां को परेशान नहीं करेगा।
हर हर महादेव
शिव गुरु को प्रणाम.
गुरुदेव को प्रणाम.