
सभी अपनों को राम राम
कुछ साल पहले मै किसी औघड़ बाबा के साथ हिमालय भ्रमण पर था. एक रात हम रुद्रप्रयाग में रुके. वहां बाबा का एक भक्त मिलने आया. उसका रेस्टोरेंट था. उसने बताया कि किसी ने उसका व्यापार बांध दिया है. जहां पहले रेस्टोरेंट में देर रात तक भीड़ लगी रहती थी. अब वहां इक्के दुक्के लोग ही आते हैं. नौबत एेसी आ गयी कि 4 महीने से रेस्टोरेंट का 7 लाख रुपये महीने का किराया चुकाने के लिये कर्ज लेना पड़ रहा है. उसका आरोप था कि पास के ही दूसरे रेस्टोरेंट वाले ने तंत्र मंत्र से उसका काम काज बांध दिया. जिससे सारे ग्रहक यहां से हटकर उसके रेस्टोरेंट में चले गये.
कुछ साल पहले मै किसी औघड़ बाबा के साथ हिमालय भ्रमण पर था. एक रात हम रुद्रप्रयाग में रुके. वहां बाबा का एक भक्त मिलने आया. उसका रेस्टोरेंट था. उसने बताया कि किसी ने उसका व्यापार बांध दिया है. जहां पहले रेस्टोरेंट में देर रात तक भीड़ लगी रहती थी. अब वहां इक्के दुक्के लोग ही आते हैं. नौबत एेसी आ गयी कि 4 महीने से रेस्टोरेंट का 7 लाख रुपये महीने का किराया चुकाने के लिये कर्ज लेना पड़ रहा है. उसका आरोप था कि पास के ही दूसरे रेस्टोरेंट वाले ने तंत्र मंत्र से उसका काम काज बांध दिया. जिससे सारे ग्रहक यहां से हटकर उसके रेस्टोरेंट में चले गये.
औघड़ बाबा ने अपने भक्त को बड़ा ही विचित्र उपाय बताया.
उपाय में जिस पर तंत्र का संदेह था उसे गाली देनी थी. उपाय सुनकर मै हैरान था. मैने औघड़ बाबा से पूछा आपने ये क्या बता दिया.
जवाब में औघड़ बाबा मुस्कराये बड़ी ही कांफीडेंस के साथ कहा हफ्ते भर के भीतर देखने क्या परिणाम निकलता है इसका. उन्होंने अपने भक्त से कहा कि हफ्ते भर में फोन करके बताना कितना फर्क पड़ा. काल करने के लिये मेरा नम्बर दिया गया. औघड़ बाबा के पास मोबाइल नही रखते.
हफ्ते भर बाद.
उस समय हम नीलकंठ के सिद्ध क्षेत्र में साधना कर रहे थे.
औघड़ बाबा के भक्त की काल आई. उसने बताया कि स्थितियां बदल चुकी हैं. अब उसके रेस्टोरेंट में पहले की तरह ही ग्राहकों की भीड़ आने लगी है.
मै हैरान था.
उर्जा के स्तर पर मैने टोटके की रिसर्च की. तो पाया कि उसके प्रयोग से औघड़ बाबा के भक्त के मन मस्तिष्क और आभामंडल की सफाई हुई है. उसकी अवचेतन शक्ति मजबूत हुई है. सभी जानते हैं काम काज की कामयाबी में अवचेतन शक्ति की बड़ी भूमिका होती है.
औघड़ बाबा का टोटका नीचे देखें…
रात में अपने पास भोजपत्र, दो हरे नीबूं, चाकू, फूल वाली चार लौंग, भोजपत्र और काली स्याही वाला पेन रखकर सोयें. सुबह सूर्वोदय से पहले उठ जायें. बिस्तर पर ही प्रयोग शुरू करें. जिस व्यक्ति पर व्यापार बांध देने का शक है उसे नफरत के साथ तीन गांलियां दें. फिर भोज पत्र पर काली स्याही वाले पेन से उसका नाम लिखें. भोजपत्र पर नाम लिखने के बाद उसे गाली कभी न दें और न ही उसके बारे में मन में शत्रुता रखें. नीबू को दो दो टुकड़ों में काट लें. हर टुकड़े में एक एक लौंग चुभो दें. फिर जरूरत लगे तो नित्य क्रिया से निवृत्त हो लें. उसके बाद सारा सामान लेकर शमशान जायें. वहां कहीं खड़े होकर नींबू के टुकड़े चारो दिशाओं में फेंक दें. उसके बाद नाम लिखा भोजपत्र किसी पीपरल की जड़ में गहरे दबा दें. वापस घर लौट आयें. आते समय शमशान के बाहर कुछ सिक्के गिरा दें.
मैने इसे कई लोगों से कराया. इस प्रयोग को शत्रु भाव से क्रियायें करने वाले अन्य लोगों पर भी कराया. जिनको लगता था कि उनके घर पर तंत्र किया जा रहा है, जिनको लगता था कि उनकी दुकान पर तंत्र किया जा रहा है, जिनको लगता था कि उनकी फैक्ट्री पर तंत्र किया जा रहा है.
टोटका प्रभावशाली निकला. इसके प्रभाव से शत्रुता को मित्रता में बदलते पाया.
रिसर्च में मैने पाया कि टोटका उन लोगों पर सटीक काम कर गया जिनकी आशंका सही थी. यानि व्यापार बंधन के लिये जिन लोगों के नाम पर आशंका थी वे सही थे. टोटके से उनके साथ भुक्तभोगी का इथरिक लिंक कट गया. उसके आभामंडल की सफाई हो गई. विद्वेषण की उर्जा खत्म हो गयी. साफ हुए आभामंडल ने ग्रहकों को पुनः आकर्षित कर लिया.
उपाय में जिस पर तंत्र का संदेह था उसे गाली देनी थी. उपाय सुनकर मै हैरान था. मैने औघड़ बाबा से पूछा आपने ये क्या बता दिया.
जवाब में औघड़ बाबा मुस्कराये बड़ी ही कांफीडेंस के साथ कहा हफ्ते भर के भीतर देखने क्या परिणाम निकलता है इसका. उन्होंने अपने भक्त से कहा कि हफ्ते भर में फोन करके बताना कितना फर्क पड़ा. काल करने के लिये मेरा नम्बर दिया गया. औघड़ बाबा के पास मोबाइल नही रखते.
हफ्ते भर बाद.
उस समय हम नीलकंठ के सिद्ध क्षेत्र में साधना कर रहे थे.
औघड़ बाबा के भक्त की काल आई. उसने बताया कि स्थितियां बदल चुकी हैं. अब उसके रेस्टोरेंट में पहले की तरह ही ग्राहकों की भीड़ आने लगी है.
मै हैरान था.
उर्जा के स्तर पर मैने टोटके की रिसर्च की. तो पाया कि उसके प्रयोग से औघड़ बाबा के भक्त के मन मस्तिष्क और आभामंडल की सफाई हुई है. उसकी अवचेतन शक्ति मजबूत हुई है. सभी जानते हैं काम काज की कामयाबी में अवचेतन शक्ति की बड़ी भूमिका होती है.
औघड़ बाबा का टोटका नीचे देखें…
रात में अपने पास भोजपत्र, दो हरे नीबूं, चाकू, फूल वाली चार लौंग, भोजपत्र और काली स्याही वाला पेन रखकर सोयें. सुबह सूर्वोदय से पहले उठ जायें. बिस्तर पर ही प्रयोग शुरू करें. जिस व्यक्ति पर व्यापार बांध देने का शक है उसे नफरत के साथ तीन गांलियां दें. फिर भोज पत्र पर काली स्याही वाले पेन से उसका नाम लिखें. भोजपत्र पर नाम लिखने के बाद उसे गाली कभी न दें और न ही उसके बारे में मन में शत्रुता रखें. नीबू को दो दो टुकड़ों में काट लें. हर टुकड़े में एक एक लौंग चुभो दें. फिर जरूरत लगे तो नित्य क्रिया से निवृत्त हो लें. उसके बाद सारा सामान लेकर शमशान जायें. वहां कहीं खड़े होकर नींबू के टुकड़े चारो दिशाओं में फेंक दें. उसके बाद नाम लिखा भोजपत्र किसी पीपरल की जड़ में गहरे दबा दें. वापस घर लौट आयें. आते समय शमशान के बाहर कुछ सिक्के गिरा दें.
मैने इसे कई लोगों से कराया. इस प्रयोग को शत्रु भाव से क्रियायें करने वाले अन्य लोगों पर भी कराया. जिनको लगता था कि उनके घर पर तंत्र किया जा रहा है, जिनको लगता था कि उनकी दुकान पर तंत्र किया जा रहा है, जिनको लगता था कि उनकी फैक्ट्री पर तंत्र किया जा रहा है.
टोटका प्रभावशाली निकला. इसके प्रभाव से शत्रुता को मित्रता में बदलते पाया.
रिसर्च में मैने पाया कि टोटका उन लोगों पर सटीक काम कर गया जिनकी आशंका सही थी. यानि व्यापार बंधन के लिये जिन लोगों के नाम पर आशंका थी वे सही थे. टोटके से उनके साथ भुक्तभोगी का इथरिक लिंक कट गया. उसके आभामंडल की सफाई हो गई. विद्वेषण की उर्जा खत्म हो गयी. साफ हुए आभामंडल ने ग्रहकों को पुनः आकर्षित कर लिया.