जीवन के उत्थान के लिये स्वाधिष्ठान चक्र का भेदन
राम राम
दो महीने पहले मार्च में कुंडली जागरण साधना के पहले चरण में गुरुजी ने साधको की कुंडली को धन, समृद्धि, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा के लिये मूलधार चक्र पर स्थापित किया था. कुंडली व्यक्ति को देवताओं की तरह सक्षम बना देने वाली शक्ति है. कुंडली जागरण से जादा जरूरी जाग्रत कुंडली से काम लेना होता है.
कुंडली से काम लेने के दूसरे चरण में साधको के जीवन के उत्थान के लिये कुंडली को स्वाधिष्ठान चक्र पर स्थापित किया जायेगा. जब कुंडली स्वाधिष्ठान चक्र का भेदन करती है तो साधको की बनाई योजनाएं सफल होती है. क्योंकि स्वाधिष्ठान चक्र सर्जन का केंद्र है. जो साधक पहले चरण में शामिल हुए थे वही साधक दूसरे चरण में शामिल हो पाएंगे.
इस बार साधना के लिये हरिद्वार आश्रम को चुना गया हैं. 28 मई को गुरुजी कुंडली जागरण साधना का दूसरा चरण करायेगे. जो साधक इसमें शामिल होना चाहते हैं वह अपना रजिस्ट्रेशन तुरंत करा ले. रजिस्ट्रेशन के लिए 8377919461 पर संपर्क करें.
साधना का दिन :- 28 मई
साधना स्थल:- हरिद्वार आश्रम
आपका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.