सभी अपनों को राम राम
हरिद्वार आश्रम में यक्षिणी साधकों द्वारा स्थापित इसी मूर्ति में भगवान शिव ने आंखें खोलकर साधकों को उनकी यक्षिणी सिद्ध हो जाने के प्रमाण दिए। इसी मूर्ति में शिव गुरु ने देवी यक्षिणी को अपने भीतर उतार कर दिखाया।
*27 उच्च साधकों में से सिर्फ एक के समक्ष भगवान शिव ने अपनी आंखें नही खोलीं।*
उनको मई में दोबारा यक्षिणी साधना कराई जाएगी।
सभी साधकों को मेरी शुभकामनाएं, उनको मेरा निर्देश है कि देवी यक्षिणी से प्राप्त होने वाली सम्पति सुख से जरूरत मंदों की सेवा जरूर करते रहें।