बसन्त पंचमी पर ज्ञान चक्र
सक्रिय कर सौभाग्य जगाएं
सभी को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं।
सभी अपनों को राम राम
इन दिनों लहलहाती फसलें जमीन से लेकर वायुमण्डल तक के वातावरण की प्राकृतिक हीलिंग करती हैं, जिसके कारण वायुमण्डल में सौभाग्य जगाने वाली ऊर्जाएं उत्पन्न होती हैं।
बसन्त पंचमी का त्योहार सौभाग्य जगाने वाली इन ऊर्जाओं के अधिकतम उपयोग का आध्यात्मिक सोपान है। ये दिनों हमारे ऋषियों द्वारा लम्बी रिसर्च के बाद तय किया गया। इस दिन ज्ञान चक्र को उर्जित करके सकारात्मकता को ग्रहण किया जाए तो सौभाग्य जाग उठता है।
ज्ञान की देवी माँ सरस्वती की साधना आराधना अपने ज्ञान चक्र को जगाने का सरल और सटीक तरीका है। बसंत पंचमी पर माँ सरस्वती के पूजन का विशेष प्रावधान है।
पीला, केशरिया रंग प्रवाह, प्रसिद्धि और सफलताएं देता है। बसंत पंचमी पर इसको खास महत्व दिया गया है। ताकि जगा हुआ ज्ञान और सौभाग्य भौतिक जीवन मे सफलता सुनिश्चित करे।
सभी साधक बसंत पंचमी को पारम्परिक (अध्यात्म विज्ञान) रूप से मनाएं। मगर प्रपंच से बचें।
अपने ज्ञान चक्र का जागरण जरूर करेंगे, साल भर प्रभावी निर्णय ले सकें ऐसी क्षमता उत्पन्न होगी। विशेष रूप से अधिकारियों, व्यापारियों और क्षात्रों के लिये ये बड़ा सुअवसर होता है। सामूहिक रूप से की गई सरस्वती माँ की आराधना का असर कई गुना बढ़ जाता है।
जो साधक नियमित महासाधना कर रहें, मैने आज सुबह (22 jan 18) 7 बजे की महासाधना में उन सबके ज्ञान चक्र और सौभाग्य चक्र को जाग्रत किया। असर कल से ही दिखेगा, पूरा लाभ पाने के लिये किसी की आलोचना न करना।
सबका जीवन सुखी हो , यही हमारी कामना है।
जय माँ सरस्वती।