इस विधि से तपस्वी बर्फ के पहाड़ों पर भी गर्माहट ले लेते हैं.
आज शिवप्रिया दिल्ली आश्रम में आये साधकों को औरिक अलाव से सर्दी दूर भगाना सिखा रही हैं.
संजीवनी उपचार की ये बड़ी ही दिव्य विधा है. इससे न सिर्फ खुद सर्दी से बचा जा सकता है, बल्कि दूसरों को भी गुनगुनाहट दी जा सकती है.
इसके साथ ही औरिक अलाव आभामंडल और उर्जा चक्रों में व्याप्त नकारात्मकता को भी जलाकर भस्म कर देता है. इस विधि से तपस्वी बर्फ के पहाड़ों पर भी गर्माहट ले लेते हैं.
मै आपको भी उसकी विधि बता देता हूं. रोज करिये. परिवार और मित्रों का भी कल्याण करिये.
विधि…
1- इसके लिये एक मोमबत्ती या दीपक जलाकर रख लीजिये. ये औरिक अलाव का केंद्र होगा. आप अपनों के साथ इसके चारों तरफ बैठ जाइये, जैसे जल रही आग के चारो तरफ बैठकर तापते हैं.
2- शिव गुरू से प्रार्थना करिये. कहिये *हे गुरुदेव आपको साक्षी बनाकर मै अपनों के साथ औरिक अलाव की सेक ले रहा हूं. इसकी सफलता हेतु दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें. गुरुदक्षिणा के रूप में मै आपको राम नाम सुनाउंगा. आप भी मेरे मन मंदिर में विराजमान होकर औरिक अलाव का आनंद लीजिये. और मुझे रुकावटों से मुक्त करिये.*
3- ब्रह्मांडीय उर्जा से कहें- मोमबत्ती के चारों तरफ हरी और नारंगी उर्जा का अलाव उत्पन्न करिये.
- मोमबत्ती के चारो तरफ उत्पन्न हरी उर्जा से कहिये मेरे और मेरे साथ औरिक अलाव ताप रहे सभी लोगों की हथेलियों के जरिये आभमंडल व उर्जा चक्रों की समस्त नकारात्मक उर्जाओं को छिन्न-भिन्न कर दीजिये.
- फिर नारंगी उर्जा से कहिये- मेरे और मेरे साथ अलाव ताप रहे सभी लोगों की हथेलियों के जरिये छिन्न भिन्न हुई नकारात्मक उर्जाओं को खींच लें और जलाकर भस्म कर दें. उन्हें पाताल अग्नि को समर्पित कर दें. साथ ही ठंड से बचाव के लिये हमें 27 डिग्री सेंटीग्रेट से अधिक की गर्माहट प्रदान करिये.
- उसके बाद सभी लोग मोमबत्ती की तरफ हथेलियां करके बैठ जाइये. जैसे आग तापते हैं.
- मन ही मन राम नाम जाप करिये. अंत में औरिक अलाव से कहें कि आपकी आवश्यकता पूरी हुई. अब आप छिन्न भिन्न होकर पाताल अग्नि में चले जाइये. फिर भगवान शिव को, ब्रह्मांडीय उर्जाओं को और शिवप्रिया को धन्यवाद दीजिये.
आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है