राम राम, मै सोमेश
गुरूजी का आज का मैसेज आप सभी के लिए….
सभी अपनों को राम राम,
*बलि वाले नारियल का पानी न पियें*
नारियल एक एेसा फल होता है जो देर तक टिकता है. महीनों सालों का इसका उपयोग किया जा सकता है. इसलिये इसे कहीं भी कभी भी उपयोग किया जा सकता है.
नारियल में प्राकृतिक रूप से आभामंडल को उर्जित करने का गुण होता है.
इसे लिये पूजा पाठ में इसे बहुत महत्व दिया गया है.
नारियल को शोधन के लिये भी इश्तेमाल किया जाता है.
इसे तोड़कर इसका पानी शिवलिंग पर चढ़ाने से आभामंडल की सफाई होती है.
नारियल को बंधन मुक्ति के लिये भी इश्तेमाल किया जा सकता है.
पानी वाले नारियल को संकल्प के साथ जमीन पर पटककर एक ही बार में तोड़ दिया जाये तो तोड़ने वाले के आभामंडल में मौजूद बंधन या रुकावटों की उर्जा टूटकर बिखर जाती है. अगर आप किसी और के हाथो नारियल की बलि दिला रहे है तो उस समय आपका बलिस्थल से 5 फुट के भीतर होना जरूरी है.
उसकी बंधनकारी रुकावटी उर्जायें टूटकर धरती के भीतर चली जाती हैं.
*मगर ध्यान रखें एेसे तोड़े हुए नीरियल का पानी न पियें.* प्रायः लोग प्रसाद के रूप में इसे पी डालते हैं. ये नुकसान देने वाला है.
उसमें नकारात्मक उर्जायें होती हैं.
इसे नारियल की बलि देने के रूप में सदियों से अपनाया जाता आ रहा है.
लाल कपड़े में या लाल मौली में लिपटा नारियल मूलाधार चक्र को उत्तेजित करता है.
जिससे कर्मशीलता बढ़ती है. जो सम्पन्नता को बढ़ाती है.
नारियल को लाल कपडे़ या लोल मौली मे लिपटा कर रखते समय संकल्प लें.
कहें …
*हे शिवगुरु हम आपको साक्षी बनाकर समृद्धी के वास हेतु अपने घर में नारियल फल स्थापित कर रहे हैं, इसकी स्थापना हमारे परिवार के लिये शुभ और लाभकारी हो इस हेतु दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें. लक्ष्मी कृपा प्रदान करें, आपका धन्वाद.*
सबका जीवन सुखी हो,यही हमारी कामना है.