भगवान शिव को प्रणाम ! गुरूजी को प्रणाम !
संस्कार ऊर्जाओ को ठीक करने का एक तरीका है. आपने जाना कैसे छोटे छोटे संस्कारो का अपनाकर ऊर्जाओ को ठीक किया जा सकता है. संस्कारो को अपनाने वालो के जीवन मे स्थिरता होती है. गुरूजी ने अपने रिसर्च मे पाया की संस्कारो को फोलो करने से ऊर्जाओ मे तुरंत परिवर्तन आता है. जैसे ही आप संस्कारो को फोलो करते ही तभी प्रकृति को मैसेज जाता है और प्राकृतिक रूप से ऊजाओ मे परिवर्तन आता है. यहा हम गुरूजी द्वारा संस्कारो पर की गयी रिसर्च पर चर्चा कर रहै है आप संस्कारो की महत्वता को जाने और संस्कारो को अपने जीवन का हिस्सा बना ले।
4. धरती माता को प्रणाम करना।
धरती माता को प्रणाम करना सुनने मे लगता है की एक रुदिवादी है. भला धरती माता को प्रणाम करने से क्या मिलेगा। गुरूजी को अपने रिसर्च मे इसके जो परिणाम मुले वो दिव्य है. धरती माता को प्रणाम करने मात्र से हाथो पैरो के चक्र ऊर्जित हो जाते है और मूलाधार चक्र स्टाग हो जाता है. जिसका मूलाधार चक्र स्टाँग होता है उसमे आत्मविश्वाश की कमी नही होती, दूनिया जीत लेनी की क्षमताए होती है. जिनका मूलाधार चक्र स्टाँग होता है उनके जीवन मे आर्थिक संकट आ ही नही सकता।
रात को जब हम सोते है तो हाथो के चक्र सो जाते है. सुबहा उठते ही आप सबसे पहले अपने हाथो को देखे इससे हाथो के सभी चक्र जागृत हो जायेगे और फिर हाथो को चूमे और चहरे पर लगाये इससे चहरे पर ऊर्जाओ का संचार होगा। और फिर धरती माता को प्रणाम करे.
5. बीमार लोगो की मदद करना।
बडा ही दिव्य संस्कार है जब आप किसी बीमार व्यक्ति की मदद करते है तो आपको नीरोगी की ऊर्जाए प्रकृति से मिलती है. मदद कैसी भी हो सकती है तन से, मन से और धन से बस मन मे सेवा भाव होना चाहिये। जब आप किसी बीमार की मदद करते है तो आपका प्रतिरक्षा तंत्र प्राकृतिक रुप से विस्तारित हो जाता है. हाथो पैरो के चक्र साफ होकर ऊर्जित होने लगते है. प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होने पर बीमारिया जल्दी जल्दी नही लगती।
6. गुरू का सम्मान करना।
आज कल देखने मे आता है की अधिकतर स्टुडेन्ट अपने टीचर का सम्मान नही करते। हमारे शास्त्रो मे गुरू का एक विशेष महत्व दिया गया है. जब स्टुडेन्ट अपने टीचर के प्रति सम्मान के भाव रखता है तो उसका बह्म चक्र और अनाहत चक्र स्टाग होने लगता है. बह्म चक्र स्टाग होने पर शोभाग्य का जागरण होता है. और जिसका अनाहत चक्र बढा होता है उसे जीवन मे कोई धोखा नही देता. आपको जीवन मे किसी से भी ज्ञान अर्जित करने को मिले तो उस व्यक्ति के प्रति सम्मान के भाव रखे और उसकी प्रशंसा करे.
संस्कारो पर हम और भी चर्चा करेगे. तब तक आप इन संस्कारो को अपनाये और अपने अनुभव जरूर शेयर करे.
आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामाना है…..टीम मृत्युंजय योग
धन्यवाद !
क्रमश: