क्या संस्कारो को फोलो करने से हमारा जीवन व्यवस्थित हो जाता है.
क्या संस्कार हमारे जीवन मे सुख समृद्धि स्थापित कर देते है.
क्या संस्कारो को फोलो करने से हमारी सफलता सुनिश्चित हो जाती है.
क्या संस्कारो को फोलो करने से हमारी ऊर्जाए ठीक होती है.
संस्कार हमारे ऋषि मुनियो ने बहुत सालो तक रिसर्च करके बनाये है. ऋषि मुनियो ने संस्कारो के रूप मे बहुत ही दिव्य उपहार दिया है. संस्कार हमारी ऊर्जाओ को ठीक करने का बेहद सक्षम और सरल तरीका है. संस्कार हमारी ऊर्जाओ को ठीक करने का प्राकृतिक तरीका है. संस्कार हमारे जीवन मे सुख समृद्धि मान सम्मान सफलता उन्नति स्थापित कर देते है. गुरूजी ने संस्कारो पर बहुत रिसर्च की है अभी भी गुरूजी की रिसर्च जारी है. कुछ संस्कारो पर हम यहा चर्चा कर लेते है.
माता पिता के पैर छुना. गुरूजी ने इस पर रिसर्च की और उनकी रिसर्च मे निकला की माता पिता के पैर छुने से हमारे ऊर्जा चक्रो मे प्राकृतिक रुप से निम्न परिवर्तन होता है :-
1. अनाहत चक्र बढा हो जाता है. जिसका अनाहत चक्र बढा हो जाता है उसके जीवन मे खुशियॉ व्याप्त हो जाती है. उसे दुनिया से प्यार ही मिलता है उसे जीवन मे धोखा मिल ही नही सकता.
2. मणिपुर चक्र संतुलित हो जाता है. जिसका मणिपुर चक्र संतुलित होता है उसे हमेशा सफलता ही मिलती है. उसमे अहंकार नही होता है.
3. मूलाधार चक्र स्टाग हो जाता है. जिसका मूलाधार स्टाग होता है उसका आत्मविश्वाश कभी डगमगाता नही है | उसके जीवन मे समृद्धि स्थापित हो ही जाती है.
4. आज्ञा चक्र स्टाग हो जाता है. जिसका आज्ञा चक्र स्टाग होता है उसके फेसले कभी गलत नही होते है | उसमे डिसिजन लेने की बडी काबिलियत होती है.
माता पिता के पैर छुने मात्र से हमारी ऊर्चाओ मे बहुत परिवर्तन आ जाता है. बस माता पिता के पैर छुते समय आपके मन मे माता पिता के लिए सम्मान का भाव होना चाहिये. गुरूजी का कहना है जितना परिवर्तन संजीवनी उपचार करने से आता है उतना ही परिवर्तन इस संस्कार को उपनाने से आता है. इसमे हमारा लगा ही क्या ना समय लगा ना ही कोई पैसा लगा.
माता पिता के पैर छुने से कालसर्प योग, मंगलदोष और पितृ दोष जैसे कई ऋणो से मुक्ति मिल जाती है. हमारी DNA की ऊर्जाए स्टाग हो जाती है. जिसकी DNA की ऊर्जाओ का प्रवाह सामन्य होता है उसके जीवन मे सुख व्यापत होने से कोई नही रोक सकता है. और जिनकी DNA की ऊर्जाए प्रभावित होती है उसके जीवन मे सुख स्थापित हो ही नही सकता है.
तो आज से ही इस संस्कार को अपना ले.
आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है… टीम मृत्युंजय
क्रमश: