संजीवनी समाधानः रहें समस्याओं से मुक्त…1 चिकनगुनिया बुखार (Chikungunya)

 

सभी को राम रामimages (1)

मैं शिवप्रिया

आज में आपको चिकनगुनिया बुखार (Chikungunya) के उपचार बताने जा रही हूँ.

चिकनगुनिया बुखार एक वायरस बुखार है जो एडीज मच्छर एइजिप्टी के काटने के कारण होता है। चिकनगुनिया और डेंगू के लक्षण लगभग एक समान होते हैं।​ इस बुखार का नाम चिकनगुनिया स्वाहिली भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ है ”ऐसा जो मुड़ जाता है” और यह रोग से होने वाले जोड़ों के दर्द के लक्षणों के परिणामस्वरूप रोगी के झुके हुए शरीर को देखते हुए प्रचलित हुआ है.

चिकनगुनिया के लक्षण

चिकनगुनिया में जोड़ों के दर्द के साथ बुखार आता है और त्वचा खुश्क हो जाती है। चिकनगुनिया सीधे मनुष्य से मनुष्य में नहीं फैलता है। यह बुखार एक संक्रमित व्यक्ति को एडीज मच्छर के काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है। चिकनगुनिया से पीड़ित गर्भवती महिला को अपने बच्चे को रोग देने का जोखिम होता है।

चिकनगुनिया के लिए सामान्य संजीवनी उपचार

१. पहले आभा मंडल को साफ़ करें

आभा मंडल को साफ़ करने के लिए संजीवनी रुद्राक्ष की सहायता से जनरल क्लींजिंग करेंगे या महा संजीवनी रुद्राक्ष की विधि से पीड़ित व्यक्ति का आभामंडल साफ़ करेंगे. अगर पीड़ित व्यक्ति ब्रह्मांडीय ऊर्जा से स्नान करने में सक्षम हो तो इस विधि का भी प्रयोग किया जा सकता है.

२. बीमार व्यक्ति के निम्नलिखित चक्रों को संजीवनी रुद्राक्ष या महा संजीवनी रुद्राक्ष की सहायता से “उपयुक्त ऊर्जा ” से साफ़ करें

सहस्त्रात्र चक्र

आज्ञा चक्र

विशुद्धि चक्र

पिछला अनाहत चक्र

मणिपुर चक्र

कटि चक्र (सावधानी से साफ़ करें )

नाभि का चक्र

मूलाधार चक्र

हाथों और पैरों के चक्र

३. निम्नलिखित चक्रों को संजीवनी रुद्राक्ष या महा संजीवनी रुद्राक्ष की सहायता से “उपयुक्त ऊर्जा ” से उर्जित करें

हाथों और पैरों के चक्र

मूलाधार चक्र

नाभि चक्र

मणिपुर चक्र

पिछला अनाहत चक्र

विशुद्धि चक्र

आज्ञा चक्र

जिन लोगों को संजीवनी उपचार की विधि नही आती है या उनके पास संजीवनी रुद्राक्ष नही है वो लोग निम्लिखित टिप्स को फॉलो कर सकतें है

१. बीमार व्यक्ति के बेड के पास या नीचे लगभग एक लीटर पानी में 4 -5 चम्मच नमक डाल कर रखें. हर 12 घंटे में इस पानी को बदलें.

२. बीमार व्यक्ति के कमरे में एक कटोरी में कपूर और पानी डाल कर रख दें.

३. बीमार व्यक्ति के पास सफ़ेद और लाल गुलाब के फूल रखें और 1 घंटे बाद उन फूलों को गंदे नालें में डाल दें या ज़मीन में दबा दें.

चिकनगुनिया का आयुर्वेदिक उपचार

  1. पपीते की पत्ती

मात्र तीन घंटे में पपीते की पत्तियां शरीर में रक्त के प्लेटलेट्स को बढ़ा देती हैं। उपचार के लिए पपीते की पत्तियों से डंठल को अलग करें और केवल पत्ती को पीसकर उसका जूस निकाल लें। दो चम्मच जूस दिन में तीन बार लें।

  1. तुलसी और अजवायन

उपचार के लिए अजवायन, किशमिश, तुलसी और नीम की सूखी पत्तियां लेकर एक गिलास पानी में उबाल लें। इस पेय को बिना छानें दिन में तीन बार पीएं।

  1. लौंग

दर्द वाले जोड़ों पर लहसुन को पीसकर उसमें लौंग का तेल मिलाकर, कपड़े की सहायता से जोड़ों पर बांध दें। इससे भी चिकुनगुनिया के मरीजों को जोड़ों के दर्द से आराम मिलेगा, और शरीर का तापमान भी नियंत्रित होगा।

आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.

खुश रहिये और मुस्कुराते रहिये .

Stay Blessed 🙂

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: