5 अगस्त 2016
गुरु जी की हिमालय साधना…2
आज का तप मंदाकिनी और सरस्वती नदी के संगम पर किया. जहां ब्रह्म संगीत सुनाई देता है.
राम राम मै शिवप्रिया
आज मुझे गुरु जी की live साधना का दिव्य और दुर्लभ वीडियो मिला है। जिसमें वे दो नदियों के बीच दिव्य शिला पर बैठकर तप कर रहे हैं। ये जगह केदार धाम तप क्षेत्र में स्थित रुच्छ महादेव धाम है। यहां दुनिया का सबसे बड़ा सिद्ध शिवलिंग है। जिसका अभिषेक मंदाकिनी हर पल करती है। ये नदी की धारा में स्थापित है। गुरु जी के वीडियो में पीछे की तरफ पानी में एक पीली शिला दिख रही है। वही रुच्छ महादेव का विशाल शिवलिंग है।
मान्यता है कि रुच्छ महादेव शिवलिंग पर जल चढ़ाने से जीवन से दुःख मिट जाते हैं। क्योंकि भगवान् शिव अपना दुःख मिटाने के लिये यहीं आये थे। इसके पीछे क्या रहस्य है? ये मै गुरु जी से संपर्क के बाद ही बता पाउंगी।
रुच्छ महादेव गुप्त काशी से लगभग 14 किलोमीटर ऊपर हैं। इस तीर्थ की जमीन से अनुमानित ऊंचाई 13 हजार मीटर है।
गुरु जी अपनी साधना के पांचवे चरण में आज गुप्त काशी से रुच्छ महादेव पँहुचें। वहां पहुंचकर शिव सहस्त्र नाम के साथ सिद्ध शिवलिंग का जलाभिषेक किया। और दिव्य शिला पर तप किया।
उसी समय गुरु जी की हिमालय साधना के आध्यात्मिक सहयोगियों में से एक ने ये दिव्य वीडियो बनाया। ये उनकी लाइव साधना का पहला वीडियो है। हम बहुत आभारी हैं गुरु जी के साथ हिमालय में चल रहे उनके आध्यात्मिक सहयोगियों के। जिनकी वजह से हम गहन साधना को अपडेट कर पा रहे हैं। वरना ये देख पाना हमारे लिये दुर्लभ था। क्योँकि गहन साधना के दौरान गुरु जी मोबइल आदि बंद रखते हैं। हम सब उनकी खबर पाने के लिये बेताबी से इन्तजार भर करते रह जाते हैं।
वीडियो में गुरु जी के पीछे मंदाकिनी नदी की धारा नजर आ रही है। जबकि गुरु जी के दायीं तरफ सरस्वती नदी की उफनती धारा दिख रही है। पीछे उनकी बायीं तरफ दोनों धाराएं मिल रही हैं।
यही दोनों नदियों का संगम है। यहां से सरस्वती नदी विलुप्त हो जाती हैं। वीडियो में आप सरस्वती नदी के साक्षात् दर्शन कर रहे हैं। वरना इससे पहले सिर्फ किताबों में पढ़ा होगा। या कहानियों में ही सुना होगा। गुरु जी के साथ हमें सरस्वती नदी के दर्शन हो गए।
हर हर महादेव।
वीडियो में गुरु जी जिस शिला पर तप कर रहे हैं। वो संगम स्थल पर कई फीट दूर पानी में लटकी है। ऐसे स्थान की साधनाएं सिद्धियां दे ही देती हैं।
इस तप स्थली में साधनाएं करने वालों को ब्रह्म संगीत सुनाई देता है। ऐसा दुनिया की गिनी चुनी जगहों पर होता है। शिव पर्व के दिनों में कई साधकों को रात के समय पूरी पर्वत घाटी में बिजली चमकने की तरह चारो तरफ रोशनी फैली दिखती है। जैसे वहां देव शक्तियों का आरोहण हो रहा हो। इसके पीछे क्या रहस्य है? ये गुरु जी से संपर्क होते ही पूछूंगी। और आपके साथ शेयर करूंगी।
वीडियो में पीछे कोटि महेश्वरी मंदिर की एक झलक भी है। वशिष्ठ ऋषि ने जब रुच्छ महादेव के विशाल शिवलिंग को मंदाकिनी की जलधारा में स्थापित करके सिद्ध किया। तो करोड़ों देव वहां आ गए। ब्रह्माण्ड की देवी महेश्वरी खुद वहां आकर अपने कोटि स्वरुप में स्थापित हो गयीं। और अभी भी यहां रहती हैं।
इसके पीछे क्या रहस्य है। ये गुरु जी से पता चलते ही मै आपके लिये लिखुंगी।
तब तक की राम राम।
शिव गुरु जी को प्रणाम
गुरु जी को प्रणाम।