आज अक्षय तृतीया है। ये स्थाई समृद्धि की बेला है।
राम राम
आज अक्षय तृतीया है। ये स्थाई समृद्धि की बेला है।
आप सभी को शुभकामनाएं।
सभी लोग इसका लाभ उठायें।
तांबे के 3 सिक्के लें। उन्हें दही से साफ करें।
फिर उनके साथ 58 रूपये के सिक्के मिला दें। सिक्के कोई भी हों। उनकी वैल्यू 58 रूपये होनी चाहिये। जो लोग विदेशों में हैं वे वहां की कैरेंसी की सबसे छोटी यूनिट की 58 वैल्यू के सिक्के रखें। जैसे 58 डॉलर या 58 रियाल या 58 पाउण्ड आदि।
ये प्रयोग दिन में कभी भी कर सकते हैं।
ताम्बे के सिक्कों और लेटेस्ट कैसेन्सी के सिक्कों को एक नए लाल कपड़े में रखें। उसमे हल्दी की 12 साबुत गांठें रख लें।
उसके बाद इन सारी चीजों की पोटली बना लें। पोटली को सामने किसी पाटे पर रखकर
ॐ शं शंकराय धनम् देहि देहि ॐ
मन्त्र का 54 बार जाप करें। मन्त्र जाप की गिनती के लिये धनिया के बीजों का इश्तेमाल करें। एक मन्त्र जाप पर धनिया का एक बीज अलग करके किसी बर्तन में रखते जाएँ।
मन्त्र जाप के लिये किसी माला का उपयोग न करें।
जाप के बाद मन्त्रों की गिनती में यूज धनिया के बीज भी पोटली में रख कर पोटली में गाँठ लगा दें।
ये पोटली घर में अक्षय समृद्धि की स्थापना करती है। इसे घर के लॉकर में रखें। पोटली लॉकर में रखकर भगवान कुबेर से धन की कामना करें। कहें हे कुबेर देव मेरे द्वारा किये धनदा उपाय को स्वीकारें और मुझे अपने खजाने की संपत्ति के उपयोग की सहमति दें।
अगली अक्षय तृतीया पर उसे प्रवाहित करके नई पोटली बनाएं।
ये शिव तन्त्र है। कभी विफल नही होता।
जो लोग गोल्ड या कोई अन्य धातु खरीदना चाहते हैं वे पोटली बनाने के बाद लें तो ज्यादा अच्छा होगा।
सबका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है।