राम राम सभी को
महा शिव रात्रि की आप सभी को महा शुभकामनाएं।
ॐ ह्रीं तेजसे श्रीं कामसे क्रीं पूर्णत्व सिद्धि देहि पारदाय क्रीं श्रीं ह्रीं ॐ.
कल महाशिव रात्रि पर ये मन्त्र है उनके लिये जिनके पास पारद शिवलिंग है।
महाशिव रात्रि पर पारद शिवलिंग के जरिये समृद्धि साधना होती है।
जिनके पास ये शिवलिंग है वे इस मन्त्र के जरिये साधना करें।
शिवरात्रि के चारो प्रहर की साधना करनी है।
जिसके तहत पहली पूजा शाम 7 बजे दूसरी पूजा रात 10 बजे तीसरी पूजा रात 12 बजे और चौथी पूजा रात 3 बजे शुरू कर सकते हैं।
जिनके पास पिछले साल कराई गयी साधना की विधि है वे उसी को अपनाएँ। जिनके पास शून्य गुटिका है वे उसका उपयोग जरूर करें।
जिनके पास नही है वे ये न पूछें कि शून्य गुटिका क्या होती है। क्योंकि अब उसे उपलब्ध नही कराया जा सकता। जिनके पास स्वर्ण गुटिका है वे उसे भी पारद शिवलिंग के साथ स्थापित करके पूजा करें। इससे साधक की आत्म शक्तियों का जागरण होता है।
जिनके पास नही है वे ये न पूछें कि स्वर्ण गुटिका क्या होती है। क्योंकि अब उसे उपलब्ध नही कराया जा सकता।
जिनके पास पिछले साल की साधना विधि नही है वे शिव गुरु को साक्षी बनाकर पारद शिवलिंग को स्थापित करें। फिर पंचोपचार करें।
उसके बाद उपरोक्त मन्त्र का 100 बार जाप करें।
ये चारो प्रहर में करें।
हर बार गुरु दक्षिणा के रूप में शिव गुरु को 5 मिनट राम राम सुनाएँ।
जिनके पास पारद शिवलिंग नही है वे बेर का शिवलिंग बनाकार चारो प्रहर की पूजा करें।
उसमें मन्त्र ॐ नमः शिवाय रहेगा।
आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है।