अवचेतन साधक यानि खुद के भगवान.!

… अब सुई पर त्राटक बन्द कर सकते हैं


1937163_937005323057891_4765413125829212557_n.jpgप्रणाम मै शिवांशु
अवचेतन साधक खुद के भगवान बन जाते हैं. वे अपनी कामनाओं के लिये गिड़गिड़ाते नही हैं बल्कि ब्रह्माण्ड से पूरी करा लेते हैं. 
कुछ ऐसा ही है भगवान शिव का बनाया विधान.
तो आप भी हो जाएँ तैयार खुद के भगवान बनने को.
साधना 3 जनवरी 2016 को दिल्ली के हिंदी भवन में होगी. समय का ध्यान रखें. लेट हुए तो साधना में इंट्री से रोका जा सकता है.
जिन्होंने साधना में आने के लिये रजिस्ट्रेशन कराया है वे ग्रुप में तत्काल अपनी सहमति भेजें. यह भी बताएं कि आपके साथ कितने लोग आ रहे हैं.
कल गुरुदेव अवचेतन साधकों की पात्रता सुनिश्चित करेंगे. मेरी शिव गुरु से प्रार्थना है कि ज्यादा से ज्यादा लोग साधना के योग्य निकलें. क्योँकि इस विलक्षण साधना को कराने के लिये गुरुदेव का दोबारा मन कब बनेगा, कुछ पता नही.

पानी में सुई पर त्राटक का अभ्यास कल रात से पूर्ण हो गया. अवचेतन साधना के लिये जो लोग इसे कर रहे थे वे अब इसे बन्द कर सकते हैं.
आँखों की रौशनी बढ़ाने के लिये, थर्ड आई को जाग्रत करने के लिये, ध्यान लगाने के लिये, एकाग्रता बढ़ाने के लिये, अपनी पर्सनालिटी को आकर्षक बनाने के लिए जो लोग करना चाहें वे जारी रख सकते हैं.
सुबह की महासाधना जारी रहेगी.

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