माला जाप बंद भी कर सकते हैं………
राम राम मै शिवांशु
कुछ लोगों को माला जाप में असुविधा हो रही है.
एनर्जी विज्ञान से जुड़े लोग इसे अनावश्यक भी मानते हैं.
आज मै आपको माला जाप का विज्ञान बता रहा हूं.
किसी भी कामना की सिद्धी के लिये सबसे उपयुक्त स्थिति तब होती है, जब आप आधी सोयी और आधी जागी अवस्था में होते हैं. उस समय अवचेतन मन हमारे संदेशों को आसानी से स्वीकार कर लेता है. और उन्हें साकार कर देता है.
ध्यान उर्जायें प्राप्त करनी की बहुत ही उत्तम विधि है. उससे बहुत शांति मिलती है, मगर ध्यान से कामनायें पूरी कर पाना बहुत कठिन होता है. क्योंकि ध्यान के समय प्रायः नीद में चले जाने की आशंका बनी रहती है. अवचेतन मन नींद में मिले संदेशों को स्वीकार नही करता. इसी कारण ध्यान के जरिये साधनायें सिद्ध करना सिर्फ उन्हीं के वश की बात है जो नींद को जीतना जानते हैं.
किसी भी सिद्धी के लिये जरूरी है कि साधक को नींद में जाने से रोक दिया है.
इसीलिये गुरुदेव ने समृद्धि साधना में माला के जरिये मंत्र जाप करने को कहा है. साधना में माला उपयोग का विज्ञान लाखों सालों से चला आ रहा है. और कामयाब भी है. क्योंकि माला जाप के समय साधक का ध्यान माला पर भी रहता है.
इस कारण मंत्रों से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त उर्जाओं के दबाव से उत्पन्न हो रही नींद से बाहर आते रहते हैं.
मंत्र जाप या ध्यान से हमारे आभामंडल में अत्यधिक मात्रा में उर्जायें उत्पन्न होती हैं. जो मन को शांत करके रिलेक्स कराना चाहती हैं. रिलेक्स मिलने पर हमारा शरीर नींद में चला जाता है. जब साधक माला जाप की तरफ ध्यान ले जाता है तो नीद से बाहर आ जाता है. इस तरह साधक साधना के दौरान आधी सोयी और आधी जागी स्थिति में रहता है.
कामना पूर्ति के लिये यह स्थिति सर्वश्रेष्ठ होती है.
आप में से जो लोग खुद को नींद में जाने से रोक सकते हैं. वे चाहें तो बिना माला के साधना कर सकते हैं. मगर गुलाब के फूल पास में जरूर रखें. उनकी उर्जा मंत्र जाप से मिली उर्जाओं को कई गुना बढ़ा देंगी. जय माता दी.
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
शिव गुरु को प्रणाम
गुरुवर को नमन.