समृद्धि साधनाः इसे जरूर करें.
राम राम मै शिवांशु.
सही तरीके और सही मार्गदर्शन में की गई समृद्धि साधनाएं बड़ी प्रभाशाली होती हैं. ये साधक के जीवन में इतना धन आकर्षित कर लाती हैं कि लोग उन पर संदेह करने लगें कि आखिर इनके पास पैसा आ कहां से रहा है.
एेसी ही एक समृद्धि साधना की जानकारी आज मै आपको दे रहा हूं. इसे नियमों के तहत कर ले गए तो यकीनन जीवन धन, धान्य, सुख, शांति और समृद्धि से भर ही जाएगा.
समृद्धि का मतलब सिर्फ पैसा कमाना नहीं होता. बल्कि कमाये गए पैसे का सुख उठाना भी होता है. ये साधना जीवन में पैसा कमाने के जरुरी आयाम तो सामने लाती ही है. साथ ही कमाये गए पैसे का सपिरवार सुख भोगने की सुखद स्थितियां भी आकर्षित कर लाती है.
साधना की प्रवृत्ति——– देवी साधना
साधना की देवी———- महालक्ष्मी
साधना का मंत्र ———- ऊं. ह्रीं नमः
साधना का समय——– रोज रात 10 से 11 बजे ( लगातार 1 घंटे ).
साधना की अवधि——– नवरात के पहले दिन से दीपावली के दिन तक.
साधना की माला——— लाल हकीक की माला उल्लेखित है. न मिले तो किसी भी लाल माला का उपयोग कर सकते हैं.
साधना की सामग्री——- पीले वस्त्र, लाल आसन, सरसों के तेल का दीपक, तुलसी के पेड़ की जड़.
साधना के परहेज ——- साधना के दिनों में किसी से तर्क न करें. महिलायें पीरियड के दिनों में इसे न करें. साधना महिला पुरुष कोई भी कर सकते हैं. किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं. किसी भी जाति धर्म के लोग कर सकते हैं. सभी साधकों को ब्रह्मचर्य का पालन करना होगा.
साधना की विधि ——– गुरुदेव द्वारा बनाई अचूक विधि बता रहा हूं. इसे अपनायें.
1. साधना के लिये घर या कार्यस्थल में साफ सुथरी जगह पर उत्तर की तरफ मुंह करके बैठें.. दीपक जला लें. दीपक के तेल में कपूर का थोड़ा बुरादा मिला दें. गुलाब की सुगंध वाली धूप बत्ती या अगरबत्ती जला लें. आसन के नीचे तुलसी की जड़ रख लें.
मां तक्ष्मी की मूर्ती या फोटो सामने रखें. उन्हें गुलाब के कुछ पुष्य अर्पित करें.
2. ब्रह्मांडीय उर्जाओं से अनुरोध करें. कहें मेरे आभामंडल, उर्जा चक्रों, मन मस्तिष्क की सफाई करके उन्हें पवित्र करें. फिर उन्हें उर्जित करके स्वस्थ, सुडौल व सिद्धी देने वाले बना दें. मेरे मन को सुखमय शिवाश्रम बना दें. मेरे आभामंडल को एनर्जी गुरु राकेश आचार्या जी के आभामंडल से जोड़ दें. मेरी उर्जाओं को भगवान शिव की उर्जाओं से जोड़ दें. मेरी भावनाओं को मां महालक्ष्मी के साथ जोड़ दें.
फिर गायत्री मंत्र का जाप करते हुए 16 बार लम्बी और गहरी सांसें लें.
3. अपने आभामंडल उर्जा चक्रों और मन, मस्तिष्क को निर्देशित करें. कहें मेरे आभामंडल उर्जा चक्रों, मन, मस्तिष्क व मेरी भावनाओं आप सब ऊं. ह्रीं नमः मंत्र के साथ जुड़ जायें. इसकी दिव्य उर्जाओं को ब्रह्मांड से ग्रहण करके अपने भीतर धारण करें और साधना सिद्धी हेतु जागृत हो जायें. मुझे सिद्ध बनायें.
4. भगवान शिव से प्रार्थना करें. कहें आप गणेश जी और माता महेश्वरी सहित सपरिवार मेरे मन के मंदिर में विराजमान हो जायें. आपको साक्षी बनाकर मै ऊं. ह्रीं. नमः मंत्र का जाप करते हुए समृद्धि साधना कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें.
5. ऊं. ह्रीं नमः मंत्र से निवेदन करें. कहें आप अपने बीज मंत्रों के साथ मेरे रोम रोम में व्याप्त हो जायें. मेरी भावनाओं के साथ जुड़कर सिद्ध हो जायें और मुझे समृद्धि सिद्धी प्रदान करें.
6. मां महालक्ष्मी से प्रार्थना करें. कहें जगत जननी मां जगत पति श्री हरि विष्णु सहित मेरे मन मंदिर में विराजमान हों. मेरे द्वारा किये जा रहे मंत्र जाप को स्वीकार करें और साकार करें. मेरे जीवन में समृद्धि स्थापित करें.
7. अगर आपने किसी को गुरु धारण किया है तो उन्हें साधना में सफलता के लिए मानसिक प्रणाम करके हृदय में आमंत्रित करें.
8. 108 बार ऊं. नमः शिवाय मंत्र का जाप करके माला को सिद्ध करें.
9. ऊं. ह्रीं नमः मंत्र का जाप शुरू करें. इसे 1 घंटे लगातार करें.
आपकी साधना सफल हो इसके लिए गुरुदेव हर दिन आपकी उर्जाओं को सुधारेंगे. साथ ही रात 10 से 11 बजे के बीच आपकी उर्जाओं को ऊं. ह्रीं. नमः मंत्र के ब्रह्मांडीय सोर्स और माता महालक्ष्मी की उर्जाओं के साथ जोड़ें रखेंगे. इसीलिए आपको अपने आभामंडल को गुरुदेव के आभामंडल से जोड़ने की प्रार्थना करनी है. यदि एेसा न किया जाये तो इस साधना की सिद्धी प्राप्त करने में छह माह का समय लगता है.
इस तरह से आपकी सफलता के लिये गुरुदेव भी हर दिन 1 घंटे साधना कर रहे होंगे. इसकी गुरु दक्षिणा के लिये गुरुदेव की तरफ से सभी साधक रोज किसी गरीब को भोजन दान करेंगे. ये बहुत जरूरी होगा.
एनर्जी को जगाने के लिए ग्रुप के इनबाक्स में अपना लेटेस्ट फोटो भेजें. साथ ही साधना के दौरान हर दिन अपने अनुभव शेयर करेंगे. उन्हीं के आधार पर गुरुवर साधना प्रगति का आकलन करके आपकी उर्जाओं को कम ज्यादा करेंगे.
यहां मै साधना के जरिए समृद्धि सुनिश्चत करने की विधि बता रहा हूं. इस साधना का एक उद्देश्य देवी से साक्षात्कार करना भी होता है. उसकी विधि अलग है. जो लोग उसे करना चाहें उन्हें गुरुदेव से आकर मिलना जरूरी होगा.
लेकिन कई बार समृद्धि के उद्देश्य से की जा रही साधना के दौरान भी देवी के दर्शन होने लगते हैं. ये आपकी उर्जाओं के प्रति संवेदनशीलता पर निर्भर होता है. एेसा होने पर अपने मनोभावों को किसी चमत्कार की तरफ न ले जाकर सामान्य साधना प्रगति के रूप में ही मानें.
मेरी आप सभी को समृद्धि की ढ़ेरों शुभकामनायें.
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
शिव गुरु को प्रणाम
गुरुवर को नमन.