चैप्टर 5
संजीवनी शक्ति उपचार- सुख, समृद्धि, सुरक्षा का वरदान
संस्थापक एवं लेखक- शिव साधक, एनर्जी गुरू राकेश आचार्या.
संजीवनी शक्ति उपचार में आपने संजीवनी शक्ति को देखना, अपनी उर्जा को छूना, नापना और अपने आभामंडल को देखना सीखा। इससे एनर्जी की दुनिया में आपका सीधा प्रवेश हो गया। साथ ही महान संजीवनी के प्रति आपका विश्वास पक्का हुआ होगा।
अब हम जानेंगे कि संजीवनी शक्ति जीवन कैसे चलाती है।
मृत्युंजय शिव संजीवनी शक्ति के स्रोत हैं।
लघु मृत्युंजय मंत्र ऊं. ह्रौ. जूँ सः धरती पर संजीवनी का उत्पादक मंत्र है। संजीवनी शक्ति से ही जीवन का निर्माण हुआ है। पहले इसके पीछे का विज्ञान समझ लेते हैं। संजीवनी शक्ति सीधे पंच तत्वों को नियंत्रित करती है।
पंच तत्व यानी पृत्थी तत्व, जल तत्व, अग्नि तत्व, वायू तत्व और आकाश तत्व।
पंच तत्व आभामंडल और उर्जा चक्रों को निर्मित करके सेल्स यानी कोशिकाओं का निर्माण करते हैं। कोशिकाएं टिशू बनाती हैं। टिशू से अंग बनते हैं। अंगों से शरीर बनता है। इस तरह पंच तत्व शरीर और शरीर से चलने वाले जीवन पर कंट्रोल करते हैं। और संजीवनी शक्ति पंच तत्वों पर कंट्रोल करती है।
वैसे तो इन तत्वों के बारे में आपने पहले ही सुना और जाना होगा। आगे मै आपको इनका विस्तार से परिचय दूंगा। संजीवनी के जरिए इन्हें ही कंट्रोल करके जीवन को जीतने का विज्ञान है संजीवनी शक्ति उपचार।
पंच तत्व अंसतुलित होकर शरीर को बिगाड़ने लगते हैं। इसी से शरीर में छोटी बड़ी सभी तरह की बीमारियां होती हैं। पंच तत्वों का असंतुलन चक्रों को बिगाड़ता है। बिगड़े हुए चक्र मन मस्तिष्क को भी बिगाड़ देते हैं। प्रायः इसी कारण शुरू होता हैं नकारात्मक भावनाओं और नकारात्मक विचारों का विनाशकारी सिलसिला।
यही असंतुलन नाकामयाबी, रुकावटों, विवादों, अभाव, बेचैनी, तनाव, गुस्से और बीमारियों का कारण बनकर जीवन में दुख पैदा करता है। अगर पंच तत्वों को नियंत्रित करके संतुलित कर लिया जाये, तो जीवन से दुख मिट जाते हैं।
संजीवनी शक्ति के जरिए हम पंच तत्वों को बहुत आसानी से संतुलित और कंट्रोल कर सकते हैं। कैसे, ये मै आगे सिखाउंगा।
कल से मै आपको पंच तत्वों के गुण और उपयोगिता की जानकारी दूंगा।
तब तक के लिए राम राम.
आपका जीवन सुखी हो यही हमारी कामना है.