शिवप्रिया के साथ घर से साधना…

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शिवप्रिया के साथ घर से साधना…
27 मार्च को साधक घर में हवन सम्पन्न करें

सभी अपनों को राम राम
शिवप्रिया की गहन साधना में घर से शामिल हुए साधकों की साधना पूरी हो गयी है। साधक चाहें तो दीपक को नवरात भर जलाते रहें।
घर से साधना में कुछ साधकों को दिव्य अनुभूतियां हुई हैं। निश्चित ही इससे उनका आध्यात्मिक जीवन उच्चता को प्राप्त करेगा।
शिवप्रिया की गहन साधना का समापन 27 मार्च को होगा। उस दिन शिवप्रिया अदृश्य दुनिया के मार्गदर्शक द्वारा बताए विधान से यज्ञ सम्पन्न करेंगी। घर से साधना में शामिल हुए सभी साधक इस दिव्य यज्ञ अनुष्ठान का हिस्सा बनेंगे।
घर से यज्ञ का विधान…
शिवप्रिया का गया शाम 4.30 बजे से 5.30 बजे तक चलेगा। उसी समय आप सब भी अपने घर में हवन करें।
1. दीपक जलाकर हवन हेतु बैठें। वह दीपक लगभग घण्टे तक जलता रहेगा।
2. घर में छोटा हवन कुंड तैयार करें। हवन पात्र हो तो उसका उपयोग करें। उसमें हवन सम्पन्न करें।
हवन कुंड या हवन पात्र न हो तो मिट्टी के किसी खुले पात्र को हवन कुंड बना लें। इसके लिये बड़े आकार का मिट्टी का दीपक भी उपयोग में ला सकते हैं। मिट्टी का पात्र न हो तो किसी भी खुले बर्तन को हवन कुंड के रूप में यूज कर सकते हैं।
3. भगवान शिव से सिद्धि का आग्रह करें। कहें- हे शिव आप मेरे गुरु हैं मै आपका शिष्य हूं, मुझ शिष्य को अपनी शरण में लें। मेरा साधना सिद्धि आग्रह स्वीकारें।
हे देवाधि देव महादेव आप माता महेश्वरी, भगवान गणेशजी सहित समस्तं शिव परिवार के साथ मेरे मन मंदिर में विराजमान हैं। आपको साक्षी बनाकर मै शिव साधिका शिवप्रिया जी द्वारा किये जा रहे यज्ञ में सूक्ष्म रूप से शामिल हो रहा हूँ। उनके यज्ञ की सफलता सुनिश्चित करें। उनके यज्ञ का शुभ फल मुझे, मेरे परिवार जनों को और संसार के सभी प्राणियों भी प्रदान करें।
आपका धन्यवाद!
4. संजीवनी शक्ति से आग्रह करें। कहें- हे दिव्य संजीवनी शक्ति हवन की सफलता हेतु मुझे मेरे गुरुदेव भगवान शिव के चरणों से जोड़ दें, मेरे आभामंडल को शिवप्रिया जी के आभामंडल से जोड़ दें।
आपका धन्यवाद है।
5. उसके बाद श्री गणेशाय नमः बोलकर हवन पात्र में थोड़ी अधिक मात्रा में कपूर जलाएं। कपूर उपलब्ध न हो तो घी की कई बत्तियां बनाकर हवन पात्र में रखें। किसी छोटे बर्तन में थोड़ा घी लें। 21 इलायची बर्तन में डालकर घी में डुबो दें। ध्यान रखें घी सिर्फ उतना ही लें जिसमें इलायची अच्छे से भीग जाएं।
6. ॐ मनः शिवाय का मानसिक जप करते हुए पात्र में उसमें अग्नि प्रज्वलित करें।
7. ॐ नमः शिवाय मन्त्र के साथ एक एक इलायची की आहुति दें। इस तरह 21 आहुतियां दें। आहुतियां पूरी होने के पश्चात बर्तन में बचा घी धार बनाकर हवन में डाल दें।
8. उसके बाद 5.30 बजे तक ॐ नमः शिवाय मन्त्र का जप करें।
9. फिर 5.30 बजे कपूर, लौंग, इलायची जलाकर आरती करें। आरती में ॐ जय जगदीश हरे… का गायन करें। हो सके तो आरती में घर के सभी लोगों को शामिल करें। सबका भाग्योदय होगा।
10. उसके बाद गुरु दक्षिणा के रूप में भगवान शिव को कुछ देर राम राम सुनाएं। सभी देवों को धन्यवाद दें। शिवप्रिया को धन्यवाद के रूप में उनकी तरफ से कुछ जरूरतमंदों की मदद जरूर करें। ताकि साधना का पूर्ण फल प्राप्त हो सके।
जो साधक सौभाग्य साधना कर रहे हैं, उनकी सौभाग्य साधना नवमी तक चलती रहेगी।
शिव शरणं।

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