सभी अपनों को राम राम
कई बार लोग घर में या कारोबार में लगातार हो रही धन हानि से परेशान रहते हैं. जिसके परिणाम बीमारियों पर खर्च, कर्ज, धनाभाव और तनाव के रूप में सामने आते हैं.
अतींद्रीय रूप से देखने पर पता चलता है कि एेसे स्थानों पर उर्जाओं के छोटे छोटे चक्रवात से बने होते हैं. जो सकारात्मक उर्जाओं को ब्लैकहोल की तरह अपने भीतर खींच कर चुस रहे होते हैं. सकारात्मकता कम या खत्म हो जाने के कारण ही वहां बड़े धन हानि की स्थिति उत्पन्न होती है.
इन स्थितियों से निपटने के लिये गोमती चक्र का सरल प्रयोग बता रहा हूं.
वैसे तो गोमती चक्र प्रतिबंधित वस्तुओं की श्रेणी में है. लेकिन जिनके पास पहले से उपलब्ध हैं वे इस प्रयोग को अपनाकर लाभ उठा सकते हैं.
गोमती चक्र में प्राकृतिक रूप से नकारात्मक उर्जाओं के निष्कासन का विशेष गुण होता है. इसमें चक्रवात की तरह ही सेल बने होते हैं. जो उर्जाओं को अपने भीतर खींचते हैं. फिर उनका निष्तारण कर देते हैं.
उर्जाओं के प्रति अति संवेदनशील होने के कारण तांत्रिक क्रियाओं में इसका काफी उपयोग होता है.
विधान….
21 गोमती चक्र प्रयोग में लायें.
1. प्रयोग की सफलता के लिये शिव गुरू से आग्रह करें. कहें-हे गुरूदेव भगवान शिव आपको साक्षी बनाकर मै धनहानि रोकने हेतु गोमती चक्र प्रयोग कर रहा हूं. इसकी सफलता हेतु मुझे दैवीय सहायता और सुरक्षा प्रदान करें.
2. गोमती चक्र सामने रखकर अभिमंत्रण हेतु आग्रह करें. कहें-दिव्य गोमती चक्र आप सब मेरी भावनाओं से जुड़कर मेरे लिये सिद्ध हो जायें. मुझे धन हानि से मुक्त करें मेरे घर में/कार्यस्थल में मौजूद समस्त तरह की नकारात्मकता का नाश करें.
3. सभी गोमती चक्र पर रोली का तिलक करें. पूरी प्रक्रिया के दौरान गायत्री मंत्र का मानसिक जप करते रहें.
4. गोमती चक्र नये लाल कपड़े में लपेट लें. फिर उन्हें लेकर पूरे घर/ कार्यस्थल में घूमें. कोई भी स्थान छूटने न पाये. उस बीच गायत्री मंत्र का जप करते रहें.
5. पूरे घर में घूमाने के बाद पोटली लेकर घर से बाहर किसी मंदिर के पास जायें. मंदिर घर से कम से कम 2 किलोमीटर दूर का हो. पोटली को मंदिर के पास रखकर वापस आ जायें.
यदि एेसा न कर सकें तो पोटली को बहते पानी में विसर्जित कर दें.
शिव शरणं