धन के रास्ते बंद हों तो केसर से आज्ञा चक्र को जाग्रत करें

My Post.jpg
सभी अपनों को राम राम
धन आज के इंशानी जीवन की अनिवार्यता बन गया है. इसके बिना जीवन अधूरा लगने लगता है. कई लोग योग्य हैं, क्षमतावान हैं, परिश्रमी हैं, ईमानदार हैं फिर भी उनके धन के रास्ते बंद पड़े हैं. एेसी स्थितियां न सिर्फ कष्टकारी होती हैं बल्कि आत्मबल तोड़ देती हैं. लोगों का खुद पर से और सामाजिक व्यवस्था पर से विश्वास डगमगाने लगता है.
इथरिक रूप से देखने से पता चलता है कि एेसी स्थितियों के लिये प्रायः आज्ञा चक्र जिम्मेदार होता है. ये सही फैसले लेने में मदद करता है. लोगों पर व्यक्ति का प्रभाव छोड़ता है. सभी चक्रों को कंट्रोल करता है.
आज मै इसे जाग्रत और सक्रिय रखने का आसान घरेलू तरीका बता रहा हूं.
सामग्री- केसर और पीला चंदन। दोनो को एक साथ घोलकर माथे पर तिलक लगाने के लिये लेप बना लें.
भगवान शिव को साक्षी बनाकर उनसे प्रयोग की सफलता का आग्रह करें. कहें- *हे शिवगुरू मै आपको साक्षी बनाकर केसर चंदन का तिलक कर रहा हूं. इससे मेरे आज्ञा चक्र का जागरण हो और वह ब्रह्मांड से धनदायी उर्जाओं को आकर्षित करके उन्हें मेरे जीवन में स्थापित में सक्षम बनें. इस हेतु आप मुझ पर दया करें.
तिलक के लिये बनाये केसर-चंदन के घोल से आग्रह करें. कहें- *हे दिव्य तिलक आप अपने भीतर पंच तत्वों की सक्षम उर्जाओं को धारण करें. भगवान शिव को साक्षी बनाकर मै आपका तिलक धारण कर रहा हूं. आप पंच तत्वों की उर्जाओं का उपयोग करके मेरे आज्ञा चक्र को जाग्रत करें.
अपने आज्ञा चक्र से धनाकर्षण का आग्रह करें. कहें- *मेरे दिव्य आज्ञा चक्र मै इनर्जी गुरू जी द्वारा बताई विधि अनुसार आपके जागरण हेतु केसर-चंदन तिलक धारण कर रहा हूं. आप जाग्रत हो जायें और ब्रह्मांड से धनदायी उर्जाओं का आकर्षण करें. मेरे जीवन को तन-मन-धन के सुखों से भरा रखें.
इसके बाद अंगूठे से तिलक लगायें. तिलक दोनों भौंहों से लेकर ऊपर उठाते हुए माथे के बीच तक लें जायें.
तिलक लगाकर भगवान शिव को धन्यवाद दें. पंच तत्वों को धन्यवाद दें. आज्ञा चक्र को धन्यवाद दें. विधि से अवगत कराने के लिये मुझे धन्यवाद दें. ध्यान रहे ये बहुत जरूरी है. अन्यथा आज्ञा चक्र निर्देश स्वीकार नही करेगा. ये चक्र सदैव स्रोत यानी शुरूआत से काम करता है. यहां विधि का पहला स्रोत मै हूं. दूसरा केसर-चंदन, तीसरा पंच तत्व और चौथा भगवान शिव.
तिलक प्रतिदन सुबह 10 बजे से पहले लगा लें.
आलोचनाओं से आज्ञा चक्र बहुत तेजी से बिगड़ता है. सो तिलक लगाकर किसी की आलोचना न करें.
शिव गुरू की कृपा से ये प्रयोग आपके जीवन को धन सुख से भर ही देगा.
सबका जीवन सुखी हो, यही हमारी कामना है.
शिव शरणं

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: