राम राम, मै अरुण
क्या लक्ष्मी साम्मोहन साधना वाकई लाइफ बदलने में सक्षम है. ये सवाल एक साधक द्वारा आज गुरू जी से पूछा गया.
बिल्कुल. गुरु जी ने बताया कि सही मार्ग दर्शन में की गई लक्ष्मी सम्मोहन साधना जीवन ही नही पीढ़ियां बदलने में सक्षम है. इस साधना के दौरन साधक न सिर्फ मां लक्ष्मी की उर्जाओं से जुड़ता है, बल्कि भगवान शिव, भगवान विष्णु की उर्जाओं से भी जुड़ जाता है. साधना का एेसा ही विधान है. इसके साथ ही साधक के स्थुल शरीर और सूक्ष्म शरीर में पंच तत्वों की उर्जाओं को जाग्रत किया जाता है. उसके बिना लक्ष्मी सम्मोहन सम्भव नही. साधक के आभामंडल में ग्रह-नक्षत्रों के दोष और देव दोष का शमन करके ही साधना में आगे बढ़ा जाता है.
देवदोष का शमन साधक को जन्मों से आ रही नकारात्मक उर्जाओं से मुक्त कर देता है. साथ ही इस प्रक्रिया में साधक की पीढ़ियों की उर्जायें सुधर जाती हैं. यदि आने वाली पीढ़ियों में किसी के द्वारा किसी के प्रति घात न किया जाये तो लक्ष्मी सम्मोहन कई पीढ़ियों तक सम्पन्नता देता है.
लखनऊ में होने जा रही लक्ष्मी सम्मोहन साधना में साधकों को इन सारी प्रक्रियाओं से गुजारा जाएगा. इन दिव्य साधना क्रियाओं को प्रभावी ढंग से साधकों पर लागू करा सकें, इसके लिये गुरू जी ने साधना से पूर्व ही एक महीने का मौन व्रत ले रखा है. वे मौन साधना के द्वारा अपनी शक्तिपात की क्षमता को शक्तिशाली बनाते हैं. ताकि शक्तिपात के दौरान सामने उपस्थित साधकों की आंतरिक शक्तियों का जागरण हो ही जाये. उनके उर्जा चक्र, आभामंडल, कुंडली और पंच तत्व सिद्धी योग्य सक्रियता प्राप्त कर सकें.
लखनऊ में होने जा रही लक्ष्मी सम्मोहन साधना में पहली बार गुरू जी साधकों के शरीर के 33 लाख रोम छिद्रों के चक्रों का भी जागरण करेंगे. ताकि साधना के समय सभी रोम छिद्र मुंह के साथ मंत्र जप कर सकें.
मंत्र जप का ये विज्ञान ऋषिकाल से चला आ रहा है. इसके तहत साधक द्वारा जपा गया मंत्र 33 लाख गुना अधिक फल देने में सक्षम बनता है. इस कारण साधना सिद्धी अत्यधिक प्रभावशाली हो जाती है.
वाट्सअप के महासाधना ग्रुप में गुरू जी ने साधकों को इस साधना के लिये व्यक्तिगत रूप से निमंत्रण दिया. क्योंकि लक्ष्मी सम्मोहन साधना के बाद वे लम्बी साधना पर जा रहे हैं. एेसे में इस साधना की पुनरावृत्ति में काफी समय लग सकता है.