लक्ष्मी सम्मोहन: आर्थिक पिछड़ेपन के शिकार इसे जरूर करें

घर से साधना करने वाले मंत्र को अनाहत चक्र में साथपित करना न भूले
साधना के समय अपने अनाहत चक्र को मां लक्ष्मी के साथ जोड़ दें

सभी साधकों को राम राम, मै अरुण
शिव साधक ग्रुप में आज एक साधक ने सवाल पूछा है कि लक्ष्मी सम्मोहन साधना किसको करनी चाहिये, इसकी विधि क्या है. क्या इसे घर बैठे भी किया जा सकता है.
गुरू जी ने जवाब में बताया कि जो लोग फाइनेंस में लगातार पिछड़ते जा रहे हैं, योग्यता और क्षमता के बाद भी जिनकी आर्थिक स्थिति वैसी नही हो पा रही जिसके वे हकदार हैं. भगवान शिव ने उनके लिये लक्ष्मी सम्मोहन साधना का सटीक विधान बनाया है.

*विधि….*
इस साधना के तहत धन की देवी लक्ष्मी को आकर्षित किया जाता है. अनाहत चक्र मन की गति से काम करता है. साथ ही उसमें सम्मोहन का दैवीय गुण होता है. हमारे ऋषि- मुनि वेदकाल से इस दैवीय गुण का उपयोग करके इंशान ही नही देवी देवताओं का भी अपने प्रति सम्मोहन करते आये हैं. लक्ष्मी सम्मोहन साधना में भी इसी का उपयोग किया जाता है.
गुरू जी ने बताया कि साधक के अनाहत चक्र को सक्रिय करके माता लक्ष्मी के अनाहत चक्र के साथ जोड़ दिया जाता है. साथ ही अनाहनत चक्र की प्रोग्रामिंग की जाती है कि वह मां लक्ष्मी को साधक के लिये सम्मोहित करे. और सदैव उन्हें साधक के प्रति सम्मोहित बनाये रखे.
इस सम्मोहन का मुख्य आधार साधक और माता लक्ष्मी की उर्जायें होती हैं. मां लक्ष्मी की उर्जाओं में धन को आकर्षित करते रहने की विशेष प्राकृतिक क्षमता होती है. इसलिये उनकी उर्जायें आकर्षित होकर जब साधक के आभामंडल में स्थापित हो जाती हैं तो मानों मां लक्ष्मी साक्षात् साधक के जीवन में स्थापित हो जाती हैं.
साधक के अनाहत चक्र को माता लक्ष्मी के अनाहत चक्र से जोड़कर उन्हें सम्मोहित करने की कई सक्ष्म विधियां उपलब्ध हैं.
जो साधक बहुत नियम संयम का पालन करते हैं और वर्षों धैर्य के साथ साधना करने की क्षमता वाले हैं वे मंत्रों के विधान से इस क्रिया को पूरा करते हैं. इस विधि में कुछ साल लगते हैं. सिद्धी होने पर साधक कुबेर की तरह धनवान बन जाता है.
जो साधक सीधे उर्जाओं का उपयोग करने में सक्षम होते हैं वे अपने अनाहत चक्र को सक्रिय करके उसे माता लक्ष्मी के अनाहत चक्र की उर्जाओं से कनेक्ट कर लेते हैं. फिर अपना उद्देश्य पूरा कर लेते हैं. इस विधि में पहले की अपेक्षा बहुत कम समय लगता है. लक्ष्मी सम्मोहन होत ही साधक धनपति बन जाते हैं.

*लक्ष्मी बूटी….*
इन दोनों ही विधियों में अधिकांश साधक लक्ष्मी बूटी का उपयोग करते हैं. ये एक पहाड़ी जगंली पेड़ का फल होता है. साधक इसे साधना बूटी के नाम से भी जानते हैं. इसमें साधना के समय साधक की उर्जाओं को संगठित रखने और अनाहत चक्र को एक्टिव बनाये रखने का प्राकृतिक गुण होता है. तांत्रिक इसे दिल की बीमारियों को ठीक करने के लिये टोने के रूप में भी उपयोग में लाते हैं. ये बूटी कई तरह की साधनाओं में उपयोग की जाती है.लक्ष्मी साधना करने वाले साधक अक्सर इसकी मदद से अपना अभीष्ट सिद्ध कर लेते हैं.

*लक्ष्मी बूटी की कीमत…..*
वैसे तो ये साधकों के लिये अनमोल है. सामान्य रूप से मिल जाये तो लोग पहाड़ी जंगलों से इसे फ्री में इकट्ठा कर लेते हैं. कई साधु संत अपने अनुयायियों को घर में रखने के लिये आशीर्वाद के रूप में दे देते हैं. इसे घर के मंदिर में स्थापित किया जाये तो घरेलू पूजा पाठ फलित होने लगते हैं. उपलब्धता कम हो तो साधक इसकी कीमत 21000/- तक देकर इसे प्राप्त कर लेते हैं.

गुरू जी द्वारा कराई जा रही लक्ष्मी सम्मोहन साधना में भी लक्ष्मी बूटी का उपयोग होगा. ताकि साधकों को लक्ष्मी सम्मोहन साधना का लाभ लम्बे समय तक मिलता रहे.
जो साधक लक्ष्मी सम्मोहन हेतु आ रहे हैं. वे अपनी लक्ष्मी बूटी साथ लेकर आयें. (ध्यान रहे लक्ष्मी गुटिका और लक्ष्मी बूटी दोनों अलग अलग होती है) जिनके पास लक्ष्मी बूटी नही है वे निराश न हों. संस्थान की तरफ से कोशिश की जा रही है कि कम से कम 150 साधकों के लिये लक्ष्मी बूटी की व्यवस्था हो जाये. इसके लिये साधक लक्ष्मी बूटी के संग्रह में आये खर्च पर अपना अंशदान अपनी क्षमतानुसार दे सकते हैं. लेकिन इसके लिये जरूरी है कि वे इस हेतु दो दिन के भीतर अपना आग्रह नोट करा दें.

*क्या लक्ष्मी सम्मोहन साधना घर से भी की जा सकती है……*
इस बारे में गुरू जी ने बताया कि जो साधक उच्च कोटि की साधना में सक्षम हैं वे अपने स्थान से ही लक्ष्मी सम्मोहन साधना करते हैं. मगर इसके लिये जरूरी है कि साधना की पद्धति और विधान का सम्पूर्ण ज्ञान हो. जीवन में धन और अनाहन चक्र दोनों की अत्यत्न संवेदनशील बिंदु हैं. इस कारण इस साधना में चूक भारी पड़ती देखी गई है. बहुत अच्छा होगा कि साधक इस साधना को मार्गदर्शक गुरू की देखरेख में ही करें. सामूहिक साधना के रूप में अनाहत चक्र का उपयोग अत्यधिक प्रभावशाली होता है. इसलिये जहां कहीं भी करें वहां 40 साधकों से अधिक लोग मिलकर करें तो परिणाम बहुत ही शानदार देखे गये हैं. एेसे में रिस्क फैक्टर बहुत कम हो जाता है. क्योंकि सभी साधकों की सकारात्मकता मिलकर हर तरह की नकारात्मकता को साधना स्थल से ढ़केलकर ब्रह्मांड में भेज देती है.

*घर से साधना करने वालों को सलाह…..*
जो साधक घर से ही लक्ष्मी सम्मोहन करना चाहते हैं, उन्हें गुरू जी ने सलाह दी है कि लक्ष्मी बूटी को साधना स्थल पर जरूर स्थापित करें. ताकि उर्जाओं के असंतुलन और अनहोनी की आशंका से बच सकें. जिस मंत्र का उपयोग करें उसे पहले अपने आभामंडल और अनाहत चक्र में स्थापित जरूर कर लें.
मां लक्ष्मी की सब पर कृपा हो, यही हमारी कामना है.

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